भोपाल। कोरोना संक्रमण के चलते इस साल स्वच्छता सर्वेक्षण- 2020 के नतीजे काफी देर से घोषित हुए, हालांकि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री हरदीप सिंह पुरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुरस्कार वितरित किया. इसमें मध्य प्रदेश को कुल 10 पुरस्कार मिले. भोपाल एवं इंदौर भी पुरस्कार पाने वाले शहरों में शामिल हैं. इंदौर लगातार 4 वर्षों से देश का सबसे स्वच्छ शहर बना हुआ है, जबकि भोपाल राजधानी के रूप में पिछले 2 सालों से प्रथम स्थान पर है. आज स्वच्छता सर्वेक्षण- 2020 के नतीजों की घोषणा की गई. भोपाल के नगरीय विकास एवं आवास विभाग और नगर निगम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह, राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया, विभाग के प्रमुख सचिव नीतेश व्यास और आयुक्त निकुंज श्रीवास्तव शामिल हुए.
किसे मिलेगा पुरस्कार
स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कोई तकनीकी समस्या ना आए, इसलिए भोपाल में पिछले 2 दिनों से लगातार इसकी रिहर्सल भी की गई. केंद्र सरकार के द्वारा दी गई सूचना के अनुसार स्वच्छता सर्वेक्षण- 2020 में ये पुरस्कार नगर पालिक निगम इंदौर, जबलपुर, बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, नगर पालिका परिषद सिहोर, जिला जबलपुर, नगर पालिक निगम भोपाल, नगर परिषद शाहगंज जिला सीहोर, नगर परिषद कांटाफोड़, जिला देवास और छावनी परिषद महू कैंट को मिला.
स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर पालिक निगम इंदौर को लगातार 4 वर्षों से देश के सबसे स्वच्छ शहर का गौरव हासिल हुआ. इस बार भी स्वच्छता सर्वेक्षण- 2020 में इंदौर का प्रदर्शन देश के 4,242 शहरों के बीच बेहतर रहा.
स्वच्छता सर्वेक्षण- 2020 के अंतर्गत देश के 4,242 शहरों ने इस में भागीदारी की थी. जिसमें शहरों को साफ- सफाई से आगे स्वच्छता को संस्थागत स्वरूप देना शामिल था. इसके अलावा नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता को प्रमुखता से शामिल किया गया है.
इस सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु इस प्रकार-
अपशिष्ट संग्रहण, परिवहन एवं प्रसंस्करण, संवहनीय स्वच्छता, नागरिकों की सहभागिता और नवाचार आदि शामिल हैं. इन सभी बिंदुओं में कुल 6000 अंकों के आधार पर केंद्र सरकार के द्वारा अधिकृत स्वतंत्र संस्था द्वारा मैदानी मूल्यांकन और जनता के फीडबैक के आधार पर अंतिम परिणाम घोषित हुए.
स्वच्छता सर्वेक्षण- 2020 के घटकों में मध्यप्रदेश के 378 शहरों ने अपना बेहतर प्रदर्शन किया है. शहरों में स्वच्छता, साफ-सफाई, आधारभूत संरचनाओं का निर्माण और उनका प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन और शहरों की स्वच्छता बनाए रखने में नागरिकों का सहयोग प्राप्त करने के प्रयास प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं. इन्हीं प्रयासों के परिणाम स्वरूप खुले में शौच से मुक्त राज्य का गौरव प्राप्त भी किया है.