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रियलिटी चेक में खुली पोल: कोरोना को लेकर सख्त नहीं प्रशासन, भोपाल रेलवे स्टेशन पर नहीं हो रही केरल के यात्रियों की टेस्टिंग - केरल से आ रहे यात्रियों का नहीं हो रहा कोरोना टेस्ट

देश में कोरोना की तीसरी लहर को लेकर बार बार चेतावनी जारी की जा रही है. इन दिनों केरल से खबर फिक्र बढ़ाने वाली आ रही है. वहां कोविड संक्रमितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसे देखते हुए विभिन्न प्रदेश सरकारों ने तैयारी कर रखी है. इसमें केरल से आ रहे यात्रियों का परीक्षण भी है. ईटीवी भारत MP ने राजधानी स्थित रेलवे स्टेशन का रियल्टी चेक किया तो तस्वीर का दूसरा रूख निकल कर सामने आया.

Corona  preparation
कोरोना से बचाव ऐसे करेगी सरकार
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Published : Aug 1, 2021, 1:48 PM IST

भोपाल। केरल और महाराष्ट्र में लगातार कोरोना संक्रमितों की तादाद में उछाल आया है. केन्द्र सरकार ने भी विभिन्न प्रदेशों को एलर्ट रहने की सलाह दी है. सभी प्रदेश अपने-अपने तरीकों से इससे जूझने की तैयारी कर रहें हैं. मध्य प्रदेश में भी खास तैयारियों का दावा किया गया. सतर्कता की बात कही गई. ईटीवी भारत ने इन दावों की पड़ताल शुरू की.

भोपाल स्टेशन पर एक रियलिटी चेक किया तो देखा यहां केरल से आने वाली गाड़ियों के पैसेंजर का ना तो आरटीपीसीआर हो रहा है और ना टेस्टिंग करने वाले लोग ही वहां मौजूद हैं. काउंटर खाली दिखा और भी नजर नहीं आया.
Vaccine लगवाने पहुंच रहे लोग, लेकिन नहीं कर रहे Social Distancing का पालन
केरल ने बढ़ाई फिक्र

केरल में तो हर रोज 22 से 24000 लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार तमाम सुरक्षा की बात कहती है. सरकार के दावे हैं कि मध्यप्रदेश में बाहर से आने वाले यात्रियों की निगरानी की जा रही है. इसको लेकर स्टेशन पर विशेष जांच दल मौजूद रहता है. जो केरल और महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग भी कर रहा है, लेकिन यह दावे सिर्फ मौखिक ही नजर आते हैं. धरातल पर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता.

रियल्टी चेक
देर रात का हाल

बारिश के चलते कई गाड़ियां रात में देर से पहुंची.इस दौरान ईटीवी भारत की टीम रात लगभग 2 बजे रेलवे स्टेशन पहुंची. उम्मीद थी कि दूसरी लहर का जिस तरह का कहर बरपा है उसे देखते हुए इंतजामात पुख्ता होंगे. टेस्टिंग दोनों प्रदेशों के यात्रियों की होगी. लेकिन रेलवे स्टेशन पर केरल से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग की जा रही थी.

जब हमारी टीम देर रात यहां पहुंची तो देखा टेस्टिंग के काउंटर पर एक भी शख्स नहीं था. टेस्टिंग काउंटर खाली पड़ा था और मशीनों के नाम पर सिर्फ थर्मल स्कैनिंग यानी बुखार चेक करने वाली मशीन थी. ऐसे में सरकार के दावों की पोल साफ तौर पर खुलती नजर आई.

सरकार कहती है व्यवस्था ठीक ठाक है

रेलवे स्टेशन पर बेखौफ सिस्टम ने सरकारी की कही को नकार दिया. सरकार का कहना है कि स्टेशनों पर rt-pcr के साथ ही अन्य टेस्टिंग भी की जा रही है,लेकिन यहां टेस्टिंग काउंटर ही खाली नजर आया. एक भी जन यहां मौजूद नहीं था. जैसे ही ईटीवी भारत में कैमरा खोल रिकॉर्डिंग शुरू की तो एक सज्जन दौड़ते हुए यहां पर आए और लोगों का सिर्फ मशीन से बुखार चेक करते दिखे.

लोग बोले हमने तो नहीं देखी टेस्टिंग
इधर स्टेशन पर आए लोगों ने भी इनकी हकीकत साफ तौर पर बताई. बताया पिछले 1 घंटे से टेस्टिंग काउंटर पर कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था और वह खाली पड़ा था. ऐसे में सरकार के दावों की पोल साफ तौर पर खुलती नजर आती है.

क्या ऐसे टलेगा खतरा

अब सवाल यह उठता है कि तीसरी लहर के खतरे के बीच अगर ऐसी लापरवाही होगी तो तीसरी लहर कैसे रुकेगी? अगर केरल और महाराष्ट्र से संक्रमित व्यक्ति भोपाल या प्रदेश के अन्य जिलों में आता है और उसकी टेस्टिंग नहीं होती. तो वह अन्य लोगों को भी पॉजिटिव कर सकता है. First और Second Wave में हमने ये देखा है.

भोपाल। केरल और महाराष्ट्र में लगातार कोरोना संक्रमितों की तादाद में उछाल आया है. केन्द्र सरकार ने भी विभिन्न प्रदेशों को एलर्ट रहने की सलाह दी है. सभी प्रदेश अपने-अपने तरीकों से इससे जूझने की तैयारी कर रहें हैं. मध्य प्रदेश में भी खास तैयारियों का दावा किया गया. सतर्कता की बात कही गई. ईटीवी भारत ने इन दावों की पड़ताल शुरू की.

भोपाल स्टेशन पर एक रियलिटी चेक किया तो देखा यहां केरल से आने वाली गाड़ियों के पैसेंजर का ना तो आरटीपीसीआर हो रहा है और ना टेस्टिंग करने वाले लोग ही वहां मौजूद हैं. काउंटर खाली दिखा और भी नजर नहीं आया.
Vaccine लगवाने पहुंच रहे लोग, लेकिन नहीं कर रहे Social Distancing का पालन
केरल ने बढ़ाई फिक्र

केरल में तो हर रोज 22 से 24000 लोग पॉजिटिव मिल रहे हैं. ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार तमाम सुरक्षा की बात कहती है. सरकार के दावे हैं कि मध्यप्रदेश में बाहर से आने वाले यात्रियों की निगरानी की जा रही है. इसको लेकर स्टेशन पर विशेष जांच दल मौजूद रहता है. जो केरल और महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग भी कर रहा है, लेकिन यह दावे सिर्फ मौखिक ही नजर आते हैं. धरातल पर ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता.

रियल्टी चेक
देर रात का हाल

बारिश के चलते कई गाड़ियां रात में देर से पहुंची.इस दौरान ईटीवी भारत की टीम रात लगभग 2 बजे रेलवे स्टेशन पहुंची. उम्मीद थी कि दूसरी लहर का जिस तरह का कहर बरपा है उसे देखते हुए इंतजामात पुख्ता होंगे. टेस्टिंग दोनों प्रदेशों के यात्रियों की होगी. लेकिन रेलवे स्टेशन पर केरल से आने वाले यात्रियों की टेस्टिंग की जा रही थी.

जब हमारी टीम देर रात यहां पहुंची तो देखा टेस्टिंग के काउंटर पर एक भी शख्स नहीं था. टेस्टिंग काउंटर खाली पड़ा था और मशीनों के नाम पर सिर्फ थर्मल स्कैनिंग यानी बुखार चेक करने वाली मशीन थी. ऐसे में सरकार के दावों की पोल साफ तौर पर खुलती नजर आई.

सरकार कहती है व्यवस्था ठीक ठाक है

रेलवे स्टेशन पर बेखौफ सिस्टम ने सरकारी की कही को नकार दिया. सरकार का कहना है कि स्टेशनों पर rt-pcr के साथ ही अन्य टेस्टिंग भी की जा रही है,लेकिन यहां टेस्टिंग काउंटर ही खाली नजर आया. एक भी जन यहां मौजूद नहीं था. जैसे ही ईटीवी भारत में कैमरा खोल रिकॉर्डिंग शुरू की तो एक सज्जन दौड़ते हुए यहां पर आए और लोगों का सिर्फ मशीन से बुखार चेक करते दिखे.

लोग बोले हमने तो नहीं देखी टेस्टिंग
इधर स्टेशन पर आए लोगों ने भी इनकी हकीकत साफ तौर पर बताई. बताया पिछले 1 घंटे से टेस्टिंग काउंटर पर कोई भी व्यक्ति मौजूद नहीं था और वह खाली पड़ा था. ऐसे में सरकार के दावों की पोल साफ तौर पर खुलती नजर आती है.

क्या ऐसे टलेगा खतरा

अब सवाल यह उठता है कि तीसरी लहर के खतरे के बीच अगर ऐसी लापरवाही होगी तो तीसरी लहर कैसे रुकेगी? अगर केरल और महाराष्ट्र से संक्रमित व्यक्ति भोपाल या प्रदेश के अन्य जिलों में आता है और उसकी टेस्टिंग नहीं होती. तो वह अन्य लोगों को भी पॉजिटिव कर सकता है. First और Second Wave में हमने ये देखा है.

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