भोपाल। मध्यप्रदेश में गेहूं की खरीद समर्थन मूल्य पर तो हो रही है, लेकिन बहुत कम और गुणवत्ता वाली मूंग ही किसानों से ली जा रही है. जिसके चलते किसानों में आक्रोश है. लगातार मिली ग्राउंड रिपोर्ट के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मिले और निर्धारित लक्ष्य को बढ़ाने की मांग की. केंद्रीय मंत्री से आश्वासन तो मिला है, लेकिन किसानों के गुस्से को देखते हुए शिवराज सरकार कैबिनेट में प्रस्ताव लएगी और खुद ही खरीदी करेगी.
6 हजार करोड़ का प्रावधान करेगी शिवराज सरकार
प्रदेश में इस बार 13.35 लाख टन से ज्यादा मूंग का उत्पादन हुआ है. केंद्र सरकार की प्राइस सपोर्ट स्कीम में कुल उत्पादन का 25 फीसद हिस्सा समर्थन मूल्य पर खरीदा जा सकता है. अभी प्रदेश को एक लाख 34 हजार टन मूंग 7196 रुपए /क्विन्टल पर खरीदने की अनुमति मिली है. कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि मूंग खरीद का लक्ष्य केंद्र सरकार बढ़ाकर तीन लाख टन कर सकती है. इसके बाद भी यदि जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार अपने स्तर से समर्थन मूल्य पर मूंग खरीदेगी.
मूंग खरीद के लिए कैबिनेट में भेजा गया प्रस्ताव
कृषि मंत्री ने बताया कि मूंग खरीद के लिए कैबिनेट में अंतिम निर्णय लेने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. इसमें पांच-छह हजार करोड़ रुपये लगने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार किसान हितैषी सरकार है. गुणवत्तायुक्त एक-एक दाना-दाना खरीदा जाएगा. इसके पहले भी चना, मसूर और सरसों समर्थन मूल्य पर खरीद करके किसानों को लाभान्वित करने का काम किया गया है.
मूंग खरीदी का पोर्टल हुआ बन्द, किसानों हुए परेशान, ओने-पौने दामों में उपज बेचने को मजबूर
कृषि मंत्री ने कहा कि बारिश थमने के बाद तेजी के साथ मूंग खरीदी जाएगी. इसके लिए पंजीकृत किसानों को एसएमएस भी भेजे जा चुके हैं. भारतीय किसान संगठन भी किसानों की मूंग नहीं खरीदे जाने से नाराज है. अभी बाजार में 5200 रुपए से लेकर 5900 तक मंडियों में मूंग खरीदी जा रही है.