भोपाल। मध्यप्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकाल मंदिर के कॉरिडोर के प्रथम चरण के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को पहुंचेंगे. इसी को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मंगलवार को अपनी महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक को उज्जैन में आयोजित किया है. मध्य प्रदेश शासन के अधिकतर मंत्री उज्जैन में कैबिनेट में शामिल होंगे, हालांकि स्थानीय चुनाव के चलते इनकी संख्या में फर्क पर पड़ सकता है.
कॉरिडोर का उद्घाटन: मध्य प्रदेश सरकार के कैबिनेट बैठक आज को उज्जैन में आयोजित होने जा रही है. बैठक में भाग ले रहे गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल से रवाना होने से पहले बताया कि, "बाबा महाकाल हमारे 12 ज्योतिर्लिंगों में हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों का जब भी उल्लेख होता है बाबा महाकाल का उसमें उल्लेख होता है. प्रधानमंत्री बाबा महाकाल मंदिर परिसर में बने प्रथम चरण के कॉरिडोर के उद्घाटन के लिए स्वयं पधार रहे हैं, इसीलिए आज उज्जैन में कैबिनेट बैठक रखी गई है. देश का सबसे बड़ा तीर्थ और देश का सबसे बड़ा कॉरिडोर बाबा महाकाल के मंदिर में बनने जा रहा है. अपने आप में आलौकिक और अद्भुत है. इसीलिए यह बैठक आज रखी गई है."
भक्ति भावना के साथ गरबा: नरोत्तम मिश्रा ने गरबा पंडालों में आई कार्ड की अनिवार्यता को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि, "ये हमारी आस्था का केंद्र है. मां दुर्गा आराध्य है और यह एक धार्मिक आयोजन है. इसमें पूरी शांति के साथ में सौहार्दपूर्ण वातावरण में भक्ति भावना के साथ गरबा होता रहे. इसलिए आयोजकों को और आयोजक समिति को कहा गया है कि, आईडी कार्ड देख कर ही प्रवेश दें."
Mahakaleshwar Corridor: बाबा महाकाल के दर पर MP सरकार, जानें आज CM शिवराज का उज्जैन प्लान
पहली बार आयोजित हो रही है कैबिनेट की बैठक: धार्मिक नगरी उज्जैन में पहली बार कैबिनेट की बैठक आयोजित होने जा रही है. जिसे लेकर रविवार से ही तैयारियां शुरू कर दी गई थी. कैबिनेट बैठक का मुख्य उद्देश्य उज्जैन की ओर सभी का ध्यान आकर्षित करना है. कैबिनेट की बैठक में मालवांचल और खास तौर पर उज्जैन संभाग को लेकर कुछ महत्वपूर्ण फैसले भी हो सकते हैं.
मुख्यमंत्री ने ली वर्चुअल बैठक: कैबिनेट की बैठक और प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की वर्चुअल बैठक भी ली. इस बैठक में तैयारी को लेकर आवश्यक निर्देश दिए गए यह भी कहा गया कि महाकालेश्वर मंदिर के अलावा आसपास के प्रमुख मंदिरों की भी पूरी तरह सजावट की जाए.