भोपाल। राजधानी भोपाल में नॉइस पॉल्यूशन को लेकर अब पुलिस और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सक्रिय हो गया है. राजधानी भोपाल में वाहनों से निकलते प्रदूषण की जहां लगातार जांच की जा रही है, वहीं शहर को ध्वनि प्रदूषण के आधार पर चार जोन में बांटा है, जिसमें इंडस्ट्रियल एरिया, कमर्शियल एरिया, रहवासी और शांत एरिया में विभाजित किया गया है.
वाहनों से लगातार नॉइस पॉल्यूशन बढ़ने के बाद अब इससे सख्ती से निपटने की तैयारी की जा रही है. एडिशनल एसपी ट्रैफिक प्रदीप सिंह चौहान ने बताया कि, इस तरह के मामलों में साइलेंसर या हॉर्न जब्त करने से लेकर चलान काटने तक की कार्रवाई शामिल है, वहीं पर्यावरण विभाग के चीफ केमिस्ट जी अम्बुलकर ने बताया कि, हम अलग- अलग तरीके से इसका मेजरमेंट करते हैं और कार्रवाई ट्रैफिक पुलिस ही करती है.
बता दें कि, दिन के समय सुबह 6 बजे से रात्रि 10 बजे तक इन 16 घंटे में नॉइस का पैरामीटर अलग होता है, वहीं रात्रि 10 से सुबह 6 तक अलग. बात करें इंडस्ट्रियल एरिया की तो, दिन में 75 डेसीबल, नाइट में 70 डेसिबल, कमर्शियल एरिया में दिन में 65 तो नाइट में 55 डेसिबल, रहवासी क्षेत्र में दिन में 55 रात्रि में 45 डेसीबल और शांत जोन में दिन में 50 और रात्रि में 40 डेसीबल ही होनी चाहिए.