भोपाल। एक कार्यक्रम में शामिल हुए स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने छात्रों को संबोधित कर हुए बड़ा बयान दिया है. परमार ने अब शिक्षा का बाजारीकरण हो गया है. ये एक कलंक के समान है,जिसे समाप्त करने की जरूरत है.कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिले के सीएसी, बीआरसी, एपीसी और जनशिक्षक सहित 550 प्रतिभागी उपस्थित रहे. अपने संबोधन में उन्होंने कहा की विद्यार्थियों में अच्छे-बुरे की क्षमता को विकसित करने में शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान होता है. बच्चों का परिवार के बाद की सारी शिक्षा वह स्कूल में ही लेता है.
नियम के मुताबिक हो रही है obc शिक्षकों की भर्ती
मंत्री परमार ने ओबीसी चयनित शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षकों की भर्ती नियम के आधार पर ही की जा रही है. जिन विषयों में कोर्ट का स्टे नहीं है उनमें ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाकी मामलों में कोर्ट का स्टे है उसमें 13 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है. आगे इस मामले में कोर्ट के आदेश के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार का भ्रम नहीं है, कानून और नियम प्रक्रिया के तहत ही काम हो रहा है.
चित्रकूट में नई शिक्षा नीति पर संगोष्ठी का आयोजन, मंथन करने जुटे दिग्गज
नई शिक्षा नीति से होगा बदलाव
इस कार्यशाला को आयोग के सदस्य ब्रजेश चौहान ने भी एड्रेस किया. उन्होंने कहा नई शिक्षा नीति से समाज में बदलाव होगा. शिक्षक कार्यशालाओं में सीखकर बच्चों को सही राह दिखा सकेंगे. बच्चों कि शिकायत निवारण व सुरक्षा के लिए विकसित उपयोगी एप भी लांच किया गया है. कार्यशाला में प्रदेश के सभी जिलों के सीएसी, बीआरसी, एपीसी और जनशिक्षक मौजूद रहे.