भोपाल। मध्यप्रदेश में लघु एवं सूक्ष्म मध्यम उद्योग की राह आसान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा अब नए भंडार क्रय नियम भी बनाए जा रहे हैं, वहीं जल्द ही लाइसेंस नवीनीकरण की जटिल प्रक्रिया को आसान बनाया जाएगा, राज्य सरकार 10 से 50 करोड़ तक के निवेश को एमएसएमई के दायरे मे लाने की मंजूरी दे चुकी है, कैबिनेट से मंजूरी के बाद राज्य सरकार ने नई एमएसएमई नीति को 13 अगस्त से लागू करने का निर्णय लिया है, यानी 13 अगस्त के बाद 50 करोड़ तक का निवेश करने वाले उद्योगों को नई नीति के तहत तमाम रियायतें दी जाएंगी.
एमएसएमई की राह आसान करेगी नई नीति
नई एमएसएमई नीति के तहत उद्योगपतियों को कई रियायतें दी जा रही हैं, अब 10 करोड़ तक के निवेश पर संयंत्र मशीनरी और भवन में निवेश का 40 फ़ीसदी विकास अनुदान, महिला अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति द्वारा स्थापित इकाई के लिए प्रति वर्ष 2% और महिला उद्यमियों द्वारा स्थापित इकाई पर ढाई प्रतिशत प्रति वर्ष के हिसाब से 4 वर्ष तक अतिरिक्त उद्योग विकास अनुदान दिया जाएगा. वहीं कुल विक्रय का 25 से 50% तक निर्यात करने पर 2% अनुदान 50% से अधिक निर्यात पर 3% अनुदान 4 वर्ष तक दिया जाएगा.
भुगतान से जुड़ी तमाम शिकायतों का तुरंत होगा समाधान
एमएसएमई की भुगतान से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए मध्य प्रदेश एमएससी फैसिलिटेशन काउंसिल का गठन किया गया है, इसके तहत उद्योगों की भुगतान से जुड़ी समस्याओं का काउंसिल द्वारा निराकरण किया जाएगा, जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में भी एक समिति का गठन किया गया है, इसमें प्लांट और मशीनरी मशीनरी में 10 करोड़ तक का निवेश करने वाली इकाइयों को रियायत देने के संबंध में निर्णय लिया जाएगा.
कलेक्टर की अध्यक्षता वाली यह कमेटी 5 से 10 एकड़ से कम क्षेत्र वाले औद्योगिक क्षेत्र कलस्टर के विकास के लिए स्वीकृत किए जा सकेंगे.एमएसएमई को दिया जाने वाला अनुदान सात समान वार्षिक किस्तों में प्राप्त होगा, यह अनुदान 50 करोड़ से अधिक के निवेश पर मिलने वाली रियायत से जुड़ा है, इसमें एमएसएमई को पेटेंट के लिए 5 लाख तक की प्रतिपूर्ति होगी. वहीं एमएसएमई को सहयोग प्रदान करने के लिए उद्योग आयुक्त कार्यालय में भी एक सेल का गठन किया गया है.
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MSME मंत्री बोले उधोगों की राह होगी आसान
एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार लघु मध्यम उद्योगों की राह आसान करने के लिए तमाम कदम उठा रही है, नई एमएसएमई नीति लाई गई है, वहीं नई मंडार क्रय नीति भी लाई जा रही है.