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स्क्रैप पॉलिसी (vehicle scrappage policy) के बारे में जानिए सबकुछ , आपको होंगे ये फायदे

Scrap Policy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल ऑटोमोबाइल स्‍क्रैपेज पॉलिसी (National Automobile Scrappage Policy) लॉन्‍च कर दी है. पीएम मोदी ने कहा कि ये पॉलिसी नए भारत के ऑटो सेक्टर को नई पहचान देगी. इससे पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में मदद मिलेगी, साथ ही वाहन मालिक को भी कई फायदे होंगे.

scrap policy
नई स्क्रैप पॉलिसी
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Published : Aug 13, 2021, 1:43 PM IST

नई दिल्ली/ भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी(scrap policy) की घोषणा की है. पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 साल में बहुत कुछ बदल जाएगा. नई स्क्रैपज पॉलिसी से आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. इससे देश में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए मॉबिलिटी बड़ा फैक्टर है. इससे ज्यादा रोजगार पैदा होंगे.

scrap polity launch
पीएम नरेन्द्र मोदी ने लॉन्च की स्क्रैप पॉलिसी

Scrap Policy: ये है नई स्क्रैप पॉलिसी

नई स्क्रैप पॉलिसी(vehicle scrappage policy) के तहत 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को कबाड़(scrap) कर दिया जाएगा. कमर्शियल गाड़ी 15 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी. प्राइवेट कार 20 साल बाद कबाड़ हो जाएगी. आप ये भी कह सकते हैं कि आपकी 20 साल पुरानी कार को रद्दी माल की तरह कबाड़ी में बेच दिया जाएगा.

पॉलिसी(vehicle scrappage policy) के मुताबिक, 20 साल पुराने ऐसे वाहन जो फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे या दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे, उनका रजिस्ट्रेशन समाप्त कर दिया जाएगा.

नए नियम 1 अक्टूबर 2021 से लागू होंगे. सरकारी और PSU से जुड़े 15 साल पुराने वाहनों के लिए ये नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे. कॉमर्शियल व्हीकल्स के लिए जरूरी फिटनेस टेस्टिंग से जुड़े नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे.अन्य वाहनों के लिए जरूरी फिटनेस टेस्टिंग से जुड़े नियम 1 जून 2024 से चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे.

Scrap Policy: आम लोगों को सस्ते में मिलेगी कार?

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया था कि हमने सभी ऑटोमेकर्स को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नये वाहन की खरीद पर 5 फीसदी का डिस्काउंट देने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी(scrap policy) एक विन विन पॉलिसी(win-win polity) है, जिससे ना सिर्फ प्रदूषण में कमी लाई जा सकेगी बल्कि ऑटो सेक्टर को भी फायदा मिलेगा.

Scrap Policy: कार मालिक को ये फायदे होंगे

ऑटो सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि पुराने वाहन को स्क्रैप(scrap policy) करने पर वाहन मालिकों को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इस सर्टिफिकेट को दिखाकर नया वाहन खरीदने पर 5 फीसदी की छूट मिलेगी. यह छूट ऑटो कंपनियां देंगी. नया वाहन खरीदने वालों को रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होगी. नया व्हीकल खरीदने पर रोड टैक्स में 25 फीसदी की छूट मिलेगी. कमर्शियल व्हीकल खरीदने वालों को रोड टैक्स में 15% की छूट मिलेगी.

Scrap Policy:पुरानी कार की कीमत कैसे तय होगी?

स्क्रैप पॉलिसी के तहत (scrap policy) कबाड़ घोषित किए जाने वाले वाहन की वैल्यू नए वाहन की एक्स-शोरूम कीमत के आधार पर होगी. कबाड़ घोषित किए जाने वाले वाहन की वैल्यू एक्स-शोरूम प्राइस की 4 से 6 फीसदी हो सकती है.

Scrap Policy:कॉमर्शियल वाहनों के लिए नियम ?

शुरुआत में कमर्शियल वाहनों को फिटनेस टेस्ट(fitness test) के आधार पर पर स्क्रैप किया जाएगा. जबकि निजी वाहनों को दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराने के आधार पर स्क्रैप कर दिया जाएगा. ये नियम जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और जापान जैसे देशों के आधार पर तय किए गए हैं.

scrap policy: अगर फिटनेस टेस्ट पास नहीं किया तो.. ?

ऐसी गाड़ियां जो फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाएंगी. उनको 'एंड ऑफ लाइफ व्हीकल' घोषित किया जाएगा. अगर आसान शब्दों में कहें तो ऐसी गाड़ियों को सड़क पर नहीं चलाया जा सकेगा. 5 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को फिटनेस टेस्ट कराने के लिए भी ज्यादा टैक्स देना होगा.

नई दिल्ली/ भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी(scrap policy) की घोषणा की है. पीएम मोदी ने कहा कि अगले 25 साल में बहुत कुछ बदल जाएगा. नई स्क्रैपज पॉलिसी से आत्मनिर्भरता बढ़ेगी. इससे देश में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए मॉबिलिटी बड़ा फैक्टर है. इससे ज्यादा रोजगार पैदा होंगे.

scrap polity launch
पीएम नरेन्द्र मोदी ने लॉन्च की स्क्रैप पॉलिसी

Scrap Policy: ये है नई स्क्रैप पॉलिसी

नई स्क्रैप पॉलिसी(vehicle scrappage policy) के तहत 15 और 20 साल पुरानी गाड़ियों को कबाड़(scrap) कर दिया जाएगा. कमर्शियल गाड़ी 15 साल बाद कबाड़ घोषित हो सकेगी. प्राइवेट कार 20 साल बाद कबाड़ हो जाएगी. आप ये भी कह सकते हैं कि आपकी 20 साल पुरानी कार को रद्दी माल की तरह कबाड़ी में बेच दिया जाएगा.

पॉलिसी(vehicle scrappage policy) के मुताबिक, 20 साल पुराने ऐसे वाहन जो फिटनेस टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे या दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कर पाएंगे, उनका रजिस्ट्रेशन समाप्त कर दिया जाएगा.

नए नियम 1 अक्टूबर 2021 से लागू होंगे. सरकारी और PSU से जुड़े 15 साल पुराने वाहनों के लिए ये नियम 1 अप्रैल 2022 से लागू होंगे. कॉमर्शियल व्हीकल्स के लिए जरूरी फिटनेस टेस्टिंग से जुड़े नियम 1 अप्रैल 2023 से लागू होंगे.अन्य वाहनों के लिए जरूरी फिटनेस टेस्टिंग से जुड़े नियम 1 जून 2024 से चरणबद्ध तरीके से लागू होंगे.

Scrap Policy: आम लोगों को सस्ते में मिलेगी कार?

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया था कि हमने सभी ऑटोमेकर्स को स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट दिखाने पर नये वाहन की खरीद पर 5 फीसदी का डिस्काउंट देने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी(scrap policy) एक विन विन पॉलिसी(win-win polity) है, जिससे ना सिर्फ प्रदूषण में कमी लाई जा सकेगी बल्कि ऑटो सेक्टर को भी फायदा मिलेगा.

Scrap Policy: कार मालिक को ये फायदे होंगे

ऑटो सेक्टर से जुड़े एक्सपर्ट्स का कहना है कि पुराने वाहन को स्क्रैप(scrap policy) करने पर वाहन मालिकों को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इस सर्टिफिकेट को दिखाकर नया वाहन खरीदने पर 5 फीसदी की छूट मिलेगी. यह छूट ऑटो कंपनियां देंगी. नया वाहन खरीदने वालों को रजिस्ट्रेशन फीस नहीं देनी होगी. नया व्हीकल खरीदने पर रोड टैक्स में 25 फीसदी की छूट मिलेगी. कमर्शियल व्हीकल खरीदने वालों को रोड टैक्स में 15% की छूट मिलेगी.

Scrap Policy:पुरानी कार की कीमत कैसे तय होगी?

स्क्रैप पॉलिसी के तहत (scrap policy) कबाड़ घोषित किए जाने वाले वाहन की वैल्यू नए वाहन की एक्स-शोरूम कीमत के आधार पर होगी. कबाड़ घोषित किए जाने वाले वाहन की वैल्यू एक्स-शोरूम प्राइस की 4 से 6 फीसदी हो सकती है.

Scrap Policy:कॉमर्शियल वाहनों के लिए नियम ?

शुरुआत में कमर्शियल वाहनों को फिटनेस टेस्ट(fitness test) के आधार पर पर स्क्रैप किया जाएगा. जबकि निजी वाहनों को दोबारा रजिस्ट्रेशन नहीं कराने के आधार पर स्क्रैप कर दिया जाएगा. ये नियम जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका और जापान जैसे देशों के आधार पर तय किए गए हैं.

scrap policy: अगर फिटनेस टेस्ट पास नहीं किया तो.. ?

ऐसी गाड़ियां जो फिटनेस टेस्ट में फेल हो जाएंगी. उनको 'एंड ऑफ लाइफ व्हीकल' घोषित किया जाएगा. अगर आसान शब्दों में कहें तो ऐसी गाड़ियों को सड़क पर नहीं चलाया जा सकेगा. 5 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को फिटनेस टेस्ट कराने के लिए भी ज्यादा टैक्स देना होगा.

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