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बीजेपी और कांग्रेस में ये है बड़ा अंतर... ' वे महामंडलेश्वर बन जाते हैं , हमारे लिए जनता जनार्दन है' - bjp ashirwad yatra cong attacks

जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर कांग्रेस और बीजेपी में जुबानी जंग जारी है. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेसी तो सत्ता मिलते ही महामंडलेश्वर हो जाते हैं, उन्हें जनता दिखाई ही नहीं देती. जब बीजेपी के बीच जाकर उनका आशीर्वाद लेना चाहती है, तो कांग्रेस को क्यों दर्द हो रहा है.

narottam mishra
नरोत्तम मिश्रा
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Published : Aug 19, 2021, 1:03 PM IST

भोपाल। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा(home minister narottam mishra) ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा( Jan Ashirwad Yatra) और अतिथि शिक्षकों(guest teachers) पर पुलिस के बल प्रयोग को लेकर सरकार पर हमला बोला था. इसी पर पलटवार करते हुए मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार तो मंत्रालय की पांचवी मंजिल से नीचे देखती तक नहीं थी. हमारे राज में शिक्षकों को 50-50 हजार रुपए वेतन मिल रहा है. दिग्विजय सिंह सरकार टीचर्स को सिर्फ 500 रुपए ही देती थी.

हम दे रहे हैं 50 हजार रुपए, कांग्रेस सरकार देती थी सिर्फ 500 रुपए

अतिथि शिक्षकों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा, तो बीजेपी ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों को ही घेरा में लेने की कोशिश की. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि आज शिक्षकों को प्रदेश में 50 हजार रुपए तक वेतन मिल रहा है. प्रदेश की शिवराज सरकार कर्मचारियों की हितैषी सरकार है. बीजेपी पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस की पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह सरकार ने तो शिक्षकों को सिर्फ ₹500 महीना ही वेतन दिया था.

सरकार में आने के बाद महामंडलेश्वर बन जाते हैं कांग्रेस नेता

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस के नेता घमंड में चूर हो जाते हैं. वे महामंडलेश्वर बन जाते हैं. कांग्रेस के नेता मंत्रालय की पांचवी मंजिल से नीचे नहीं उतरते. वहीं से प्रदेश की जनता को आशीर्वाद देते रहते हैं. बीजेपी पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस भूल जाती है कि बीजेपी नेता सत्ता में आने के बाद भी जनता के बीच रहते हैं. यही कारण है कि हम जनता का आशीर्वाद लेने के लिए जनता के बीच ही ( Jan Ashirwad Yatra) यात्रा निकाल रहे हैं.

जब बेटियां मुंडन करा रही थीं तब कहां थे कमलनाथ ?

बुधवार को बीजेपी कार्यालय के सामने धरना दे रहे चयनित शिक्षकों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया था. कांग्रेस ने इसे लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश की. इस पर भी नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) ने कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. गृह मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार के दौरान पांचवी मंजिल से नीचे झांक कर भी नहीं देखा. जब बेटियां आंदोलन करते हुए मुंडन करवा रहीं थीं, तो उस वक्त कांग्रेसी मुख्यमंत्री कमलनाथ कहां थे. पहले उन्हें अपने गिरेबां में देखना चाहिए, फिर हमसे सवाल करने की सोचें.

बीजेपी ऑफिस पहुंचकर सीएम को राखी बांधने की मांग की

बुधवार को चयनित महिला शिक्षिकाएं(selected women teachers) बीजेपी ऑफिस पहुंची थी, जहां उन्होंने सीएम शिवराज(Cm Shiv Raj Singh Chouhan) को राखी बांधने की मांग की थी. पुलिस ने इन शिक्षिकाओं को बैरिकेड लगाकर रोक दिया था. इस दौरान महिला शिक्षिकाएं वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गई थी. हालात ये हो गए थे कि शिक्षिकाएं अपनी मांगों को बताते-बताते रोने लगी और कुछ तो बेहोश हो गई. शिक्षिकाओं ने कैमरे के सामने ही उठक बैठक लगाकर सरकार से माफी मांगी, कि आखिर उनका दोष क्या है और क्यों उनकी मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं.

बीजेपी ऑफिस के सामने धरने पर बैठे शिक्षकों को पुलिस ने जबरन उठाया, दर्ज की गई FIR

क्यों विरोध कर रहे हैं चयनित शिक्षक ?

2018 में विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षकों के 30 हजार पदों को भरने के लिए परीक्षा(Teachers Recruitment Exam) आयोजित की गई थी. परीक्षा होने के बाद पास हुए शिक्षकों का चयन कर लिया गया और दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन ये प्रक्रिया कोरोना समेत कई कारणों के चलते बीच में अटक गई. परीक्षा के 3 साल बाद भी नियुक्ति नहीं मिलने से परेशान चयनित शिक्षक अब विरोध-प्रदर्शन की राह पर उतर आए हैं.

"बहनों ने बुलाया तो राखी बंधवाने आया"

बुधवार दोपहर में भोपाल में प्रदर्शन कर रहे चयनित शिक्षकों से मिलने पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी और केके मिश्रा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई महिला शिक्षिकाओं से राखी भी बंधवाई. हालांकि इस दौरान कुछ चयनित शिक्षक गो बैक के नारे भी लगाते हुए नजर आए. जिसके चलते जीतू पटवारी जल्द ही मौके से लौट गए. कुछ चयनित शिक्षकों ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि "15 महीने की कांग्रेस की सरकार ने भी उन्हें कुछ नहीं दिया सिर्फ धोखा दिया और एक समय जीतू पटवारी ने उनसे मिलने से मना कर दिया था"

भोपाल। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा(home minister narottam mishra) ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा( Jan Ashirwad Yatra) और अतिथि शिक्षकों(guest teachers) पर पुलिस के बल प्रयोग को लेकर सरकार पर हमला बोला था. इसी पर पलटवार करते हुए मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस सरकार तो मंत्रालय की पांचवी मंजिल से नीचे देखती तक नहीं थी. हमारे राज में शिक्षकों को 50-50 हजार रुपए वेतन मिल रहा है. दिग्विजय सिंह सरकार टीचर्स को सिर्फ 500 रुपए ही देती थी.

हम दे रहे हैं 50 हजार रुपए, कांग्रेस सरकार देती थी सिर्फ 500 रुपए

अतिथि शिक्षकों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग किए जाने को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा, तो बीजेपी ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों को ही घेरा में लेने की कोशिश की. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि आज शिक्षकों को प्रदेश में 50 हजार रुपए तक वेतन मिल रहा है. प्रदेश की शिवराज सरकार कर्मचारियों की हितैषी सरकार है. बीजेपी पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस की पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह सरकार ने तो शिक्षकों को सिर्फ ₹500 महीना ही वेतन दिया था.

सरकार में आने के बाद महामंडलेश्वर बन जाते हैं कांग्रेस नेता

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) यहीं नहीं रुके. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद कांग्रेस के नेता घमंड में चूर हो जाते हैं. वे महामंडलेश्वर बन जाते हैं. कांग्रेस के नेता मंत्रालय की पांचवी मंजिल से नीचे नहीं उतरते. वहीं से प्रदेश की जनता को आशीर्वाद देते रहते हैं. बीजेपी पर सवाल उठाने वाली कांग्रेस भूल जाती है कि बीजेपी नेता सत्ता में आने के बाद भी जनता के बीच रहते हैं. यही कारण है कि हम जनता का आशीर्वाद लेने के लिए जनता के बीच ही ( Jan Ashirwad Yatra) यात्रा निकाल रहे हैं.

जब बेटियां मुंडन करा रही थीं तब कहां थे कमलनाथ ?

बुधवार को बीजेपी कार्यालय के सामने धरना दे रहे चयनित शिक्षकों पर पुलिस ने बल प्रयोग किया था. कांग्रेस ने इसे लेकर भी सरकार को घेरने की कोशिश की. इस पर भी नरोत्तम मिश्रा (home minister narottam mishra) ने कांग्रेस को ही कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. गृह मंत्री ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपनी सरकार के दौरान पांचवी मंजिल से नीचे झांक कर भी नहीं देखा. जब बेटियां आंदोलन करते हुए मुंडन करवा रहीं थीं, तो उस वक्त कांग्रेसी मुख्यमंत्री कमलनाथ कहां थे. पहले उन्हें अपने गिरेबां में देखना चाहिए, फिर हमसे सवाल करने की सोचें.

बीजेपी ऑफिस पहुंचकर सीएम को राखी बांधने की मांग की

बुधवार को चयनित महिला शिक्षिकाएं(selected women teachers) बीजेपी ऑफिस पहुंची थी, जहां उन्होंने सीएम शिवराज(Cm Shiv Raj Singh Chouhan) को राखी बांधने की मांग की थी. पुलिस ने इन शिक्षिकाओं को बैरिकेड लगाकर रोक दिया था. इस दौरान महिला शिक्षिकाएं वहीं सड़क पर धरने पर बैठ गई थी. हालात ये हो गए थे कि शिक्षिकाएं अपनी मांगों को बताते-बताते रोने लगी और कुछ तो बेहोश हो गई. शिक्षिकाओं ने कैमरे के सामने ही उठक बैठक लगाकर सरकार से माफी मांगी, कि आखिर उनका दोष क्या है और क्यों उनकी मांगें पूरी नहीं की जा रही हैं.

बीजेपी ऑफिस के सामने धरने पर बैठे शिक्षकों को पुलिस ने जबरन उठाया, दर्ज की गई FIR

क्यों विरोध कर रहे हैं चयनित शिक्षक ?

2018 में विधानसभा चुनाव से पहले शिक्षकों के 30 हजार पदों को भरने के लिए परीक्षा(Teachers Recruitment Exam) आयोजित की गई थी. परीक्षा होने के बाद पास हुए शिक्षकों का चयन कर लिया गया और दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन ये प्रक्रिया कोरोना समेत कई कारणों के चलते बीच में अटक गई. परीक्षा के 3 साल बाद भी नियुक्ति नहीं मिलने से परेशान चयनित शिक्षक अब विरोध-प्रदर्शन की राह पर उतर आए हैं.

"बहनों ने बुलाया तो राखी बंधवाने आया"

बुधवार दोपहर में भोपाल में प्रदर्शन कर रहे चयनित शिक्षकों से मिलने पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी और केके मिश्रा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कई महिला शिक्षिकाओं से राखी भी बंधवाई. हालांकि इस दौरान कुछ चयनित शिक्षक गो बैक के नारे भी लगाते हुए नजर आए. जिसके चलते जीतू पटवारी जल्द ही मौके से लौट गए. कुछ चयनित शिक्षकों ने कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि "15 महीने की कांग्रेस की सरकार ने भी उन्हें कुछ नहीं दिया सिर्फ धोखा दिया और एक समय जीतू पटवारी ने उनसे मिलने से मना कर दिया था"

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