भोपाल। केंद्रीय मंत्रिमंडल में संभावित विस्तार को लेकर लगाई जा रही अटकलों का बाजार एक बार फिर गर्म है. सूत्रों के मुताबिक पांच राज्यों में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केंद्रीय मंत्रिमंडल में विस्तार कर सकते हैं. माना जा रहा है कि यह विस्तार अगले 2-3 दिन के भीतर ही किया जा सकता है. इस विस्तार में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ से भी कुछ नए चेहरों को जगह मिल सकती है. कुछ चेहरों को ड्रॉप भी किया जा सकता है. एमपी से केबिनेट मंत्री के लिए सबसे बड़ी दावेदारी ज्योतिरादित्य सिंधिया की मानी जा रही है. जिन्हें रेल मंत्री बनाया जा सकता है.
सिंधिया को रेल या मानव संंसाधन
सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार में पीएम मोदी, बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को रेल मंत्रालय की कमान सौंप सकते हैं. इससे पहले कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार में इनके पिता स्व. माधवराव सिंधिया भी तीन साल तक रेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रहे हैं. इसके अलावा स्व. माधवराव सिंधिया मानव संसाधन मंत्रालय की कमान भी संभाल चुके हैं. इसे लेकर अकटलें लगाई जा रही हैं कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को रेलवे या मानव संसाधन मंत्रालय मिल सकता है. सिंधिया मनमोहन सरकार में टेलिकॉम,आईटी, इंडस्ट्रीज और वाणिज्य मंत्रालय भी संभाल चुके हैं.
थावरचंद या फग्गन सिंह, एक मंत्री की हो सकती है छुट्टी
केंद्रीय मंत्रिमंडल में होने वाले संभावित विस्तार को लेकर यह माना जा रहा है. मध्यप्रदेश के कोटे से केंद्र में मंत्री बने किसी एक मंत्री की छुट्टी हो सकती है.इनमें केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और फग्गन सिंह कुलस्से के नाम शामिल हो सकते हैं. हटाए जाने वाले मंत्रियों को लेकर इनके परफॉर्मेंस को आधार बनाया जा सकता है.
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प्रह्लाद पटेल की हो सकती है घर वापसी
माना जा रहा है कि दमोह उपचुनाव में बीजेपी को मिली हार और पार्टी के हाथ से खिसकते जा रहे लोधी वोट बैंक को बीजेपी अपने साथ ही जोड़े रखना चाहती है. इसके लिए प्रदेश में उसके पास बड़े चेहरे के तौर पर केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री प्रह्लाद पटेल हैं. पटेल लोध समाज से आते हैं. इसे देखते हुए पटेल की घर वापसी करा कर उन्हें प्रदेश में सक्रिय किया जा सकता है.
अभी एमपी से यह हैं केंद्रीय मंत्री
नरेंद्र सिंह तोमर- कृषि मंत्री
थावरचंद गहलोद- केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री
प्रहलाद पटेल- केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री
फग्गन सिंह कुलस्ते- इस्पात राज्य मंत्री शामिल हैं.
इन नए चेहरों को मिल सकती है जगह
मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़- ज्योतिरादित्य सिंधिया, रमन सिंह, सरोज पांडे.
उत्तरप्रदेश- 3 मंत्री बनाए जा सकते हैं. जिनमें शिवप्रताप शुक्ल, हरीश द्विवेदी, रमापतिराम त्रिपाठी, सीमा द्विवेदी, विजय दुबे, रविकिशन शुक्ल, हरिद्वार दुबे, आरके सिंह पटेल, एसपी बघेल, रेखा वर्मा, अनुप्रिया पटेल, प्रवीण निषाद की दावेदारी मानी जा रही है.
उत्तराखंड- अनिल बलूनी और अजय टम्टा
पंजाब - राज्यमंत्री सोमनाथ के प्रमोशन की संभावना.
पश्चिम बंगाल -दिलीप घोष, निशीथ प्रामाणिक
हिमाचल प्रदेश - अनुराग ठाकुर प्रमोट हो सकते हैं.
असम - सर्बानंद सोनोवाल
केंद्र में बन सकते हैं 81 मंत्री, अभी है सिर्फ 53 मंत्री
केंद्रीय मंत्रिमंडल में कानून के मुताबिक 81 से ज्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं.मोदी कैबिनेट में फिलहाल सिर्फ 53 मंत्री हैं. 28 मंत्रियों को और शामिल किया जा सकता है. अभी कई कैबिनेट मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालयों की जिम्मेदारी है, ऐसे में माना जा रहा है कि पीएम कैबिनेट विस्तार में एक से अधिक मंत्रालयों का प्रभार संभाल रहे मंत्रियों का कार्यभार कम कर सकते हैं.
इन मंत्रियों के पास हैं अतिरिक्त प्रभार
पीयूष गोयल- रेल और उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय (रामविलास पासवान के निधन से खाली हुआ)
नरेंद्र सिंह तोमर- कृषि, ग्रामीण विकास पंचायती राज और खाद्य प्रसंस्करण (हरसिमरत कौर बादल के इस्तीफे के बाद खाली)
प्रकाश जावड़ेकर- केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय, पर्यावरण और भारी उद्योग मंत्रालय.
किरण रिजिजू - खेल मंत्रालय, (अतिरिक्त प्रभार) आयुष मंत्रालय.