भोपाल। आरटीई के तहत निजी स्कूलों में दाखिले के लिए आवेदन करने की आखिरी तारीख 5 जुलाई थी.(MP RTE Admission) आवेदन आरटीई पोर्टल (RTE Portal) पर जमा किए गए थे. संबंधित अधिकारी 9 जुलाई तक इन आवेदनों का सत्यापन (Verification of Applications) करेंगे. PTI की रिपोर्ट के मुताबिक ऑनलाइन लॉटरी (Online Lottery) के माध्यम से बच्चों को स्कूल आवंटित किए जाएंगे. 14 जुलाई को स्कूलों का आवंटन किया जाएगा और 23 जुलाई तक छात्र-छात्राएं इन आवंटित स्कूलों में एडमिशन ले सकेंगे.
नि:शुल्क प्रवेश देने का प्रावधान: शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right to Education Act) के तहत निजी स्कूलों में कक्षा 1 अथवा प्री-स्कूलिंग की शिक्षा के लिए निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों को निशुल्क प्रवेश देने का प्रावधान है. इसके तहत 2022-23 सत्र के लिए प्रवेश प्रक्रिया 15 जून से 5 जुलाई कर चलाई गई थी.
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ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया: आवेदन के प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद कई पालकों ने ऑनलाइन आवेदन के पश्चात सत्यापन कार्य नहीं कराया है, जबकि ऑनलाइन आवेदन के बाद किसी जन शिक्षा केंद्र में जाकर सत्यापन कराना अनिवार्य है. सत्यापन के बाद ही पात्र बच्चे ऑनलाइन लॉटरी प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे. इसके बाद सीट आवंटन की कार्रवाई की जाएगी. राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी आदेश में लिखा है कि नगरीय निकाय चुनाव (urban body elections) में सत्यापन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है. इस कारण कई आवेदकों का दस्तावेजों का सत्यापन नहीं हो पाया है. भोपाल जिले में 19 हजार 166 आवेदन आए हैं और सत्यापन 14 हजार 658 हुए है. इंदौर में 14 हजार 578 आवेदन आए हैं और 9 हजार 391 सत्यापन हुए हैं.
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मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिखा पत्र: राज्य शिक्षा केंद्र के अधिकारियों का कहना है कि अब तक सिर्फ 72 प्रतिशत ही सत्यापन हुए हैं. अगर आवेदकों के दस्तावेजों का सत्यापन नहीं हुआ तो वे लॉटरी प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाएंगे. राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक ने गुरुवार को सभी जिलों के जिला परियोजना समन्वयकों (District Project Coordinators) को निर्देश जारी कर सत्यापन कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए हैं, ताकि पात्र आवेदक लाटरी पद्धति में शामिल हो सकें. मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग (MP Child Rights Protection Commission) ने राज्य शिक्षा केंद्र (State Education Center) के आरटीई (RTE) के नियंत्रक को पत्र लिखकर अल्पसंख्यक घोषित स्कूलों की संख्या भी मांगी गई है.