भोपाल। जिस तरह फिल्मों में जिस तरह पुलिस गवाह को अपने साए के बीच कोर्ट लेकर पहुंचती, उसी तरह अब मध्यप्रदेश पुलिस, गवाह को लेकर कोर्ट जाएगी. इस दौरान पुलिस मुख्यालय की महिला सेल शाखा ने ड्राफ्ट तैयार किया, जिसके खर्च के लिए सरकार के सामने ड्राफ्ट रखा जाएगा. गवाह को हर स्तर पर पुलिस की तरफ से मदद मुहैया कराई जाएगी, यदि गवाह मजदूर वर्ग का तो पुलिस द्वारा उसे आने-जाने और दिहाड़ी मजदूरी का खर्चा भी दिया जाएगा. Witness Protection Act
दुष्कर्म के मामले में एमपी ने तोड़ा रिकॉर्ड: महिलाओं के दुष्कर्म के मामले में मध्य प्रदेश को पहला स्थान मिला है, यह स्थान नेशनल प्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने मध्यप्रदेश को दिया है. एनसीआरबी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि साल 2021 में देश में नाबालिग बच्चियों के दुष्कर्म के 33036 मामले दर्ज हुए तो वहीं एमपी में 3515 मामले दर्ज हुए हैं. इसके अलावा कुल ज्यादती के मामलों में बालिक और बुजुर्ग महिलाएं भी शामिल हैं. इसमें 6462 मामले प्रदेश में दर्ज हुए है, इस हिसाब से प्रदेश में हर तीन घंटे में एक बच्ची से दुष्कर्म होता है और ऐसा मध्य प्रदेश में पहली बार नहीं है. 2020 में भी यही स्थिति थी.
गवाह प्रोटेक्शन एक्ट का प्रस्ताव: मामलों पर महिला अपराध शाखा की एडीजी प्रज्ञा श्रीवास्तव ने बड़ा दावा किया है. उनका कहना है कि नाबालिग बच्चियों से रेप के 3512 फाइल केस में से 2499 संदिग्ध है. 2200 रेप के मामले परिजनों ने दर्ज कराए है, वहीं 2500 केस में पीड़िता बयान से मुकर गई है. पीड़ितों ने कोर्ट में सहमति से संबंध बनाने के बयान दिए है, इसके साथ ही प्रेम प्रसंग या घरवालों से नाराज होकर घर छोड़ने के मामले बढ़े हैं. महिला अपराध में एमपी पहले नहीं छठे स्थान पर है. बीते साल सिर्फ एक फीसदी बड़े महिला अपराध में चालान फाइल करने में देश में दूसरे स्थान पर है, एमपी बीते साल 86 परसेंट केस में चलन हुए हैं. अब प्रस्ताव है कि गवाह प्रतिरक्षा स्कीम अपराधियों को सजा दिलवाने में सक्षम होगी और विटनेस प्रोटेक्शन एक्ट, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लागू होगा. MP Police Offer witness protection act