भोपाल। पंचायत चुनाव (mp panchayat election 2022) का ऐलान होने के साथ ही चुनावी सामाग्री के बाजार में बहार आने वाली है. वहीं सरकार के खजाने में भी 2 अरब से ज्यादा की राशि जमा होगी. बाजार का मानना है कि लंबे इंतजार के बाद घोषित हुए पंचायत चुनावों में उम्मीदवार प्रचार प्रसार में कोई कोर कसर छोड़ने वाले नहीं हैं. दूसरी तरफ चुनाव में पंच, सरपंच ,जनपद पंचायत और जिला पंचायत सदस्यों के 1 सदस्य के नामांकन शुल्क के तौर पर जमा होने वाली राशि से करीब 22 करोड़ 40 लाख 43 हजार 600 रुपए आएंगे जिससे सरकार के राजस्व (government get huge amount as revenue) में बढोत्तरी होगी.
तकरीबन 2 अरब रुपए का राजस्व जमा होगा
सरकारी नियम के मुताबिक प्रत्येक पद पर औसतन 8 से 10 उम्मीदवार उतरते हैं. इस हिसाब से पंचायत चुनाव में पंच, सरपंच ,जनपद पंचायत और जिला पंचायत सदस्यों उम्मीदवारों द्वारा जमा की जाने वाली कुल राशि 2अरब 24 करोड 04 लाख 36000 के आसपास पहुंचती है. हालांकि अभी इस बात का अभी कोई आकलन नहीं किया गया है कि कितने उम्मीदवार नामांकन दाखिल करते हैं, लेकिन यह तय है कि नामांकन शुल्क के जरिए सरकार के राजस्व में सीधी बढ़ोत्तरी होगी.
कितने पदों के लिए होने हैं चुनाव
पंच - 362754 , नामांकन शुल्क पंच ₹400
सरपंच- 22581 सरपंच ₹2000
जनपद सदस्य- 6727 जनपद पंचायत सदस्य ₹4000
जिला पंचायत सदस्य - 859 चुनाव जिला पंचायत सदस्य ₹8000
ऐसे समझें राजस्व बढ़ोत्तरी का गणित
- मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव में 3 लाख 62 हजार 754 पंच चुने जाने हैं. इनमें से प्रत्येक को ₹400 नामांकन शुल्क जमा करना है. इसके जरिए सरकार के पास 14 करोड़ 51 लाख 1 हजार 600 रुपए आएंगे.
-सरपंच 22 हजार 581 चुने जाने हैं. प्रत्येक को ₹2000 नामांकन शुल्क जमा करना है. सरकार के खजाने में पहुंचेगा 4करोड़ 51 लाख 62 हजार रूपए.
- 6 हजार 727 जनपद सदस्य चुने जाने हैं. प्रत्येक को ₹4000 नामांकन शुल्क जमा करना है. इससे 2 करोड 69 लाख 8 हजार रुपए और 859 जिला पंचायत सदस्य को ₹8000 नामांकन शुल्क जमा करना है. इससे 68 लाख 72 हजार रुपए सरकार के खजाने में जमा होंगे.
बाजार भी होगा गुलजार
मध्य प्रदेश में हो रहे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में खर्च की कोई सीमा तय नहीं की गई है. जिससे चुनावी बाजार भी पूरी तरह गुलजार रहने वाला है. जानकारों के आकलन के मुताबिक पंचायत चुनाव में एक पंच कम से कम ₹10 हजार, सरपंच ₹50000 और जनपद सदस्य ₹2लाख और जिला पंचायत सदस्य ₹5लाख तक अपने चुनाव प्रचार में खर्च करता है. यह पैसा बाजार में आएगा जिससे बाजार में रौनक लौटने की पूरी संभावना है. इसके साथ ही जनपद अध्यक्ष के चुनाव और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भी पैसों की जमकर बंदरबांट होती है. यह पैसा भी बाद में बाजार में पहुंचता है.
सरकार भी करती है बजट का आंवटन
पंचायत चुनाव में सर्वाधिक खपत पोस्टर, पंपलेट ,फ्लेक्स और डुप्लीकेट बैलेट पेपर की होती है. राजनीतिक विश्लेषक अजय बोकिल का कहना है कि पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों की जमानत राशि भले ही सरकार के खजाने में जमा होती है और चुनाव प्रचार में इसके साथ ही चुनाव प्रचार में खर्च की कोई सीमा भी नहीं होती जिससे इसमें बेतहाशा खर्च भी होता है. सरकार को इस सबसे मोटा राजस्व मिलता है लेकिन दूसरी तरफ सरकार की तरफ से पंचायत चुनाव कराने के लिए बजट का आवंटन भी किया जाता है।