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बंदी बनेंगे आत्मनिर्भर, गायत्री परिवार 100 कैदियों को बनाएगा पुरोहित - Bhopal Cetral Jail News

भोपाल सेंट्रल जेल के सैकड़ों कैदियों को अब अखिल विश्व गायत्री परिवार का पुरोहित बनाने जा रहा है. अब से कैदी मंत्रों का जाप करेंगे और यजमान के कहने पर घर-घर जाकर हवन पूजन कराएंगे.

Prisoners in Bhopal
भोपाल सेंट्रल जेल के 100 कैदियों को पुरोहित बनाने की तैयारी
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Published : Mar 4, 2022, 11:10 PM IST

भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल के सैकड़ों कैदियों को अब अखिल विश्व गायत्री परिवार का पुरोहित बनाने जा रहा है. अब से कैदी मंत्रों का जाप करेंगे और यजमान के कहने पर घर-घर जाकर हवन पूजन कराएंगे.

कैदी बनेंगे आत्मनिर्भर
भोपाल सेंट्रल जेल में पढ़े-लिखे बंदियों का चयन किया गया है, जिन्हें गायत्री परिवार के विद्वानों के द्वारा पुजारी बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी. बंदियों को एक महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जेल प्रशासन का मकसद कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना है.

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कैदियों का चल रहा प्रशिक्षण
कैदियों को पूजा, हवन, यज्ञ, संकल्प अर्पण, प्रलय के समय पाठ किए जाने वाले मंत्र भी सिखाए जा रहे हैं. कैदियों को बताया जा रहा है कि, धारा प्रवाह मंत्र का पाठ कैसे किया जाता है. टोन और वॉल्यूम के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

इन कैदियों का हुआ चयन
इसी के साथ प्रशिक्षण में धार्मिक अनुष्ठानों के अलावा बौद्धिक ज्ञान भी दिया जा रहा है. कैदियों को देवताओं की प्रेरक कहानियां और कथाएं भी सिखाई जा रही हैं. भोपाल सेंट्रल जेल के अधिकारी ने बताया कि, चयन उन कैदियों का किया गया है जो एक से तीन साल में अपनी सजा पूरी करेंगे और जो हिंदी, संस्कृत बोल और पढ़ सकते हैं.

भोपाल। भोपाल सेंट्रल जेल के सैकड़ों कैदियों को अब अखिल विश्व गायत्री परिवार का पुरोहित बनाने जा रहा है. अब से कैदी मंत्रों का जाप करेंगे और यजमान के कहने पर घर-घर जाकर हवन पूजन कराएंगे.

कैदी बनेंगे आत्मनिर्भर
भोपाल सेंट्रल जेल में पढ़े-लिखे बंदियों का चयन किया गया है, जिन्हें गायत्री परिवार के विद्वानों के द्वारा पुजारी बनने की ट्रेनिंग दी जाएगी. बंदियों को एक महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जेल प्रशासन का मकसद कैदियों को आत्मनिर्भर बनाना है.

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कैदियों का चल रहा प्रशिक्षण
कैदियों को पूजा, हवन, यज्ञ, संकल्प अर्पण, प्रलय के समय पाठ किए जाने वाले मंत्र भी सिखाए जा रहे हैं. कैदियों को बताया जा रहा है कि, धारा प्रवाह मंत्र का पाठ कैसे किया जाता है. टोन और वॉल्यूम के बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

इन कैदियों का हुआ चयन
इसी के साथ प्रशिक्षण में धार्मिक अनुष्ठानों के अलावा बौद्धिक ज्ञान भी दिया जा रहा है. कैदियों को देवताओं की प्रेरक कहानियां और कथाएं भी सिखाई जा रही हैं. भोपाल सेंट्रल जेल के अधिकारी ने बताया कि, चयन उन कैदियों का किया गया है जो एक से तीन साल में अपनी सजा पूरी करेंगे और जो हिंदी, संस्कृत बोल और पढ़ सकते हैं.

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