जबलपुर। प्रदेश के जंगलों में लग रही आग के घटनाओं के मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में दाखिल एक याचिका में बांधवगढ,शहडोल सहित अन्य वन्य क्षेत्रों में हो रही आग लगने की घटनाओं की न्यायिक जांच कराने की मांग की गई है. याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की पीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी.
वकीलों ने लिखा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र
लॉ स्टूडेंट मनन अग्रवाल ,अधिवक्ता एस जैन तथा अधिवक्ता डी के तिवारी ने पिछले दिनों बांधवगढ,शहडोल,उमरिया सहित अन्य वन्य क्षेत्र में लगी आग के संबंध में हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा था. पत्र में कहा गया था कि जंगलों में लगी आग से वन क्षेत्र का घना जंगल जलकर खाक हो गया. इसके अलावा आग के कारण बडी संख्या में यहां वन्य प्राणियों और पक्षियों की भी मौत हो गयी. पर्यावरण तथा वन्य प्राणियों की दृष्टि से प्राकृतिक रूप से घने जंगल का विशेष महत्व होता है. याचिका में कहा गया था कि वन क्षेत्रों में लापरवाही के कारण इस तरह की आग लगने की घटना हुई है. पत्र में आग लगने की इन घटनाओं की स्वतंत्रत न्यायिक जांच कराने की मांग की गई थी. जिसके बाद चीफ जस्टिस ने पत्र की सुनवाई याचिका के तौर पर करने के निर्देश दिये थे.
नोटरी के आधार शादी और तलाक गलत- HC
नियुक्त किया कोर्ट मित्र
याचिका पर अगली सुनवाई 19 मई को निर्धारित की गयी है. इस मामले में पीठ ने अधिवक्ता अशुमांन सिंह को कोर्ट मित्र नियुक्त किया है. वहीं अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.