भोपाल। राज्य निर्वाचन आयोग ने बड़ा फैसला लेते हुए आगामी पंचायत चुनाव को टाल दिया. सरकार ने चुनाव से संबंधित अध्यादेश वापस ले लिया, जिस पर राज्यपाल की मुहर लगने के बाद निर्वाचन आयोग ने भी पंचायत चुनाव निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया. इसके बाद एक और बड़ा फैसला राज्य निर्वाचन आयोग ने लिया गया. इसमें कहा गया है कि पंचायत चुनाव नए सिरे से कराया जाएगा, साथ ही वोटर लिस्ट भी अपडेट होगा. 1 जनवरी 2022 से पहले 18 साल की उम्र पूरी कर चुके युवा भी वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वा सकते हैं. (mp panchayat election new voter list) आइए सिलसिलेवार जानते हैं की अभी तक मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव में कौन-कौन से बड़े बदलाव और फेरबदल हुए गए हैं.
![State Election Commission Order](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bho-obc-jaankari_30122021174706_3012f_1640866626_571.jpg)
सीएम शिवराज का अध्यादेश
मध्य प्रदेश सरकार ने 21 नवंबर को पंचायत राज और ग्राम स्वराज अध्यादेश 2021 को मंजूरी दी थी. इसके तहत सरकार ने 2019 के परिसीमन यानी की कमलनाथ सरकार के परिसीमन को रद्द कर 2014 के परिसीमन के आधार पर पंचायत चुनाव कराने का फैसला किया. इससे आरक्षण व्यवस्था में कोई बदलाव नहीं हुआ. वहीं जिस 2019 के अध्यादेश को लागू किया गया था, उसे फिर से 26 दिसंबर को वापस ले लिया गया.
शिवराज सरकार ने पंचायत चुनाव की तैयारियों के बीच ऐसे पंचायतों के परिसीमन को निरस्त किया था, जहां बीते एक साल से चुनाव नहीं हुए थे. सरकार के इस फैसले को कांग्रेस ने कोर्ट में चुनौती दी थी. इस बीच पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण का नया पेंच सामने आया और फिर सरकार ने इस अध्यादेश को वापस ले लिया. इसके लिए 26 दिसंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई. इस सब की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को फटकार लगाते हुए OBC सीटों पर चुनाव स्थगित कर दिया.
OBC नेताओं की सूची सरकार कर रही तैयार
मध्य प्रदेश में पिछडों कि जातिगत गणना के बाद अनारक्षित सीटों पर जीती ओबीसी नेताओं की सूची सरकार द्वारा तैयार की जा रही है. 52 फीसदी ओबीसी के लिए शिवराज सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही, पहले ओबीसी वोटर्स की गिनती का आदेश निकाला गया और अब प्रदेश की पंचायतों में अनारक्षित सीटों पर कितने ओबीसी नेता निर्वाचित हुए हैं इसकी जानकारी सरकार जुटा रही है.
पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग इस जानकारी के जरिए प्रदेश की राजनीति में OBC नेताओं के पिछड़ेपन का अध्ययन करना चाहती है. साथ ही पिछड़े वर्ग को दिए जाने वाले आरक्षण को खत्म करने के मामले में कोर्ट से यह जानकारी साझा करने के लिए तैयारियों में जुट गई है. वहीं पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों की राजनीतिक हिस्सेदारी में बाधा उत्पन्न न हो इसका अध्ययन करने की भी जानकारी जुटाई जा रही है.
राज्य निर्वाचन आयोग का आदेश
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कलेक्टरों से कहा गया है कि, जिलों की सभी ग्राम पंचायतों की वार्ड इकाई वार और पंचायत वार अनारक्षित वर्ग के लिए निश्चित सीटों के विरुद्ध चुने गए अन्य पिछड़ा वर्ग के जनप्रतिनिधियों की जानकारी 10 दिन में दें. यह जानकारी 7 जनवरी तक मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के दफ्तर में पहुंचाने के लिए कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट के ओबीसी आरक्षण को लेकर आए आदेश के बाद राज्य सरकार पंचायतों में निवास करने वाले ओबीसी वर्ग के वोटर और उनकी अलग-अलग जातियों की जानकारी मांग चुकी है. इसके लिए पंचायत सचिवों को जल्द जानकारी भेजने को कहा गया है.