भोपाल। कांग्रेस सरकार के दौरान हुई बिजली कटौती (MP Power Crisis) को लेकर विपक्ष की भूमिका निभा रही बीजेपी ने जमकर मुद्दा बनाया था. अब आगामी चुनाव के पहले प्रदेश में गहराए बिजली संकट को लेकर कांग्रेस चुनावी माहौल बनाने की तैयारी कर रही है, हालांकि शिवराज सरकार (Priyavrat Singh slams on cm shivraj) बिजली संकट से निपटने विदेश से कोयला आयात करने और ट्रकों से परिवहन करने की तैयारी कर रही है. इसे लेकर पूर्व ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने सरकार पर जमकर हमला बोला है. उनका आरोप है कि ट्रकों से कोयले की सप्लाई के नाम पर ठेकेदारों से मोटी कमीशनखोरी की तैयारी है, जिसका पैसा सीएम से लेकर ऊर्जा मंत्री तक पहुंचेगा, जबकि सरकार चाहे तो झारखंड से कोयले का अलाॅटमेंट ले सकती है.
बंदरगाह मालिकों को फायदा पहुंचाने सरकार पैदा कर रही ऐसी परिस्थितियां: पूर्व ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह का कहना है कि "बिजली के जो हालात बने हैं, उसके लिए सरकार का मिसमैनेजमेंट है, कहीं न कहीं कोयले की कमी पूरे देश को दिखाई जा रही है, जबकि कोयले का रिजर्व भरपूर है. पब्लिक सेक्टर की कोयला इंटर प्राइजेस है, सरकार जानबूझकर ऐसी परिस्थितियां पैदा कर रही है, जिससे बाहर से कोयला खरीदने के लिए परमीशन मिल जाए. देश में कोयले के वितरण के लिए आपसी तालमेल नहीं हो रहा है और केन्द्र सरकार ने एक महीने में बाहर से कोयला खरीदने की अनुमति दे दी, बाहर से जो कोयला खरीदा जा रहा है, वह महंगा है. यह कोयला बंदरगाह पर आएगा और ये बंदरगाह किसके हैं सभी जानते हैं, अड़ानी किसके मित्र हैं सभी जानते हैं . विदेश से कोयला आयात बंदरगाह मालिकों को फायदा पहुंचाने के लिए है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में लाइट जलाना जरूरी है."
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घर में है भरपूर आटा लेकिन विदेशी लाएंगे: प्रियव्रत सिंह ने कहा कि "ट्रक से कोयला बुलाना सबसे बड़ा स्कैम होता है. ट्रांसपोटर्स सरकार से मिले हुए हैं उनको टेंडर दिया जाएगा, फिर उनसे मोटा कमीशन ऊर्जा मंत्री, मुख्यमंत्री और अधिकारियों की जेबों में पहुंचेगा. सभी आपस में मिलकर बंटबारा करेंगे. इसलिए इतनी दूर कोयला उतारा जा रहा है, जबकि वेस्टर्न कोल फील्ड सबसे पास है, छिंदवाड़ा परासिया से लगा हुआ है. झारखंड हमारे पास बहुत पास हैं, चाहें तो वहां से भी अलाॅटमेंट मिल सकता है लेकिन यह सिर्फ विदेश से कोयला लाएंगे. घर में तो आटा का कनस्तर भरा हुआ है, लेकिन विदेशी आटा लेकर आएंगे."
बिजली संकट है चुनावी मुद्दा: पूर्व ऊर्जा मंत्री ने यह भी बताया कि "बिजली संकट तो चुनावी मुद्दा है ही. कांग्रेस के समय बीजेपी ने जमकर प्रोपेगेंडा किया था कि अघोषित कटौती की जा रही है, जबकि हो नहीं रही थी. छोटी मोटी ट्रिपिंग हो रही थी, यह सामान्य होता है. कई बार खंबे गिरने, तार टच होने, तार टूटने से ट्रिपिंग हो जाती है, लेकिन आज तो गांवों में जमकर कटौती हो रही है. गांव के गांव में बिजली बंद की जा रही है, 7-7 घंटे बिजली गांवों में नहीं आ रही है."