भोपाल। प्रदेश के ग्रामीण इलाको के स्कूलों में टीचर्स की कमी को पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय दिया है. अब शिक्षा विभाग में परीक्षा भर्ती के बाद टीचर्स को शुरुवात के 3 साल गांव के स्कूलों में पढ़ाना होगा. सभी शिक्षकों को अपनी सेवा अवधि के दौरान कम से कम 10 साल ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में पढ़ाना अनिवार्य होगा. इसी तरह लंबे समय से शहरी इलाकों के स्कूलों में पदस्थ टीचर को भी ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में पदस्थ किया जाएगा. शिवराज मंत्रिमंडल की कैबिनेट बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर नीति को मंजूरी दे दी गई है. प्रदेश में टीचर्स के ट्रांसफर 31 मार्च से 25 मई तक किए जाएंगे.
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स्कूल शिक्षा विभाग की विशिष्ट परिस्थितियों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विद्यालयों की आवश्यकता के आधार पर पारदर्शी प्रक्रिया से शिक्षकों का स्थानांतरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह नीति तैयार की गई है।2/2#Cabinet #CabinetDecisions
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) August 2, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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ऑनलाइन करने होंगे आवेदन: सरकार के प्रवक्ता और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि, स्कूल शिक्षा विभाग की नई ट्रांसफर नीति में प्रावधान किया गया है कि, स्थानांतरण में वरीयता क्रम को निर्धारित किया जाएगा. टीचर्स को अब जनप्रतिनिधियों के स्टाफ में पदस्थ नहीं किया जाएगा, यानी शिक्षक अब किसी मंत्री या दूसरे नेता के स्टाफ में नहीं रहेंगे. मॉडल स्कूल एक्सीलेंस और सीएम राइस स्कूल में पदस्थ शिक्षकों का स्थानांतरण स्वैच्छिक आधार पर नहीं किया जाएगा. एक बार ट्रांसफर होने के बाद दूसरी बार स्थानांतरण नहीं किया जाएगा. प्रथम श्रेणी अधिकारियों के स्थानांतरण सीएम समन्वय में से होंगे.
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राज्य में प्राकृतिक कृषि पद्धति के प्रचार-प्रसार के लिए कृषकों को एक देशी गाय के पालन पर अनुदान व प्रत्येक जिले के 100 ग्रामों में प्राकृतिक खेती प्रारंभ करने के उद्देश्य से नवीन ‘मध्यप्रदेश प्राकृतिक कृषि विकास योजना’संपूर्ण प्रदेश में क्रियान्वित किए जाने का निर्णय लिया गया है। pic.twitter.com/FkG0MjLrE5
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नक्सल क्षेत्र में पदस्थ बल को मिलेगा विशेष लाभ: शिवराज मंत्रिमंडल की कैबिनेट की बैठक में नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पदस्थ हॉक फोर्स के कॉन्स्टेबल को ₹20000 अधिक सैलरी दी जाएगी. इसके अलावा प्रधान आरक्षक को ₹25000 अधिक सैलरी मिलेगी. नक्सल विरोधी अभियान में इंटेलिजेंस का काम करने वाले पुलिस कर्मचारियों को 19000 से लेकर 38000 तक का विशेष नक्सल विरोधी भत्ता दिया जाएगा. इसी तरह जो पुलिस कर्मचारी जितने साल नक्सल क्षेत्र में बताएंगे, उतने हजार की राशि अतिरिक्त दी जाएगी. यानी यदि नक्सल क्षेत्र में पुलिस कर्मचारी ने 5 साल बिताए हैं तो उन्हें ₹5000 वेतन के अतिरिक्त दिए जाएंगे.
- कैबिनेट की बैठक में सौर ऊर्जा के लिए समेकित नीति को मंजूरी दे दी गई, इसमें प्रदेश में हरित ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाएगा.
- ग्रामीण पर्यटन योजना होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अवस्टेक के निर्माण के लिए 40 फीसदी तक का अनुदान दिया जाएगा. अनुदान की अधिकतम राशि ₹200000 तक होगी. इसके अलावा सरकार का उद्देश्य पर्यटन इलाकों में होमस्टे को बढ़ाने का है.
- राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को देसी गायों के पालन के लिए ₹900 प्रति माह का अनुदान देगी. कैबिनेट की बैठक में सरकार ने इस पर मुहर लगा दी है. इसके तहत अब प्रदेश के हर जिले के 100 गांव को प्राकृतिक खेती के लिए चयनित किया जाएगा. इन गांव में से 25000 किसानों का चयन कर उन्हें गौ पालन के लिए अनुदान दिया जाएगा.