इंदौर। प्रदेश में 4 सीटों पर होने जा रहे हैं उप चुनाव को लेकर सियासत तो पहले से ही तेज है, लेकिन अब इसमें धर्म का तड़का भी लगने लगा है. बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियां धार्मिक एजेंडा सेट करके चुनावी वैतरणी पर करना चाहती हैं. पहले भाजपा ने नवरात्र में कन्यापूजन अभियान के बहाने घर घर दस्तक देने की शुरूआत की. कांग्रेस भला क्यूं पीछे रहती उसने भी राम के नाम पर राजनीति करने वाली बीजेपी के खिलाफ राम नाम की पुस्तिका को अपना हथियार बना लिया है. कांग्रेस अब श्रीराम लेखन पुस्तिका के जरिए भाजपा के हिंदुत्व को टक्कर देगी. इसके लिए पार्टी ने 11 हजार बार राम नाम लिखने पर पार्टी की ओर से मतदाताओं को अयोध्या की निशुल्क यात्रा कराने का ऐलान भी किया है.
राम नाम पुस्तिका में कांग्रेस नेताओं की भी फोटो
उपचुनाव में कांग्रेस भी राम के सहारे अपनी चुनावी नैया पार लगाने की जुगत में लग गई है. इसके लिए पार्टी उपचुनाव वाले क्षेत्रों में श्रीराम लेखन की पुस्तिकाएं बंटवा रही है. इस पुस्तिका में 11 हजार राम नाम लिखने वाले राम भक्तों को अयोध्या की मुफ्त सैर कराए जाने का ऐलान भी किया गया है. खास बात यह है कि राम नाम पुस्तिकाओं में भगवान राम के साथ कांग्रेस नेताओं की भी फोटो छपी है. इस पुस्तक को बांटने वाले कांग्रेस के प्रदेश सचिव विवेक खंडेलवाल का कहना है कि बीजेपी सिर्फ वोट के लिए राम के नाम का उपयोग करती है, लेकिन असल राम राज्य तो कांग्रेस की सरकार ही लाएगी, उन्होंने कहा कि राम मंदिर की बात करने वाली बीजेपी को यह भी मालूम है कि राम मंदिर का ताला स्वर्गीय राजीव गांधी ने ही खुलवाया था.
मंदिरों में जमा की जाएंगी पुस्तिका
इन राम नाम पुस्तिकाओं को जल्द ही आम लोगों तक पहुंचाया जाएगा. इससे पहले इन्हें इंदौर के विभिन्न मंदिरों में रखा गया है. यहां भी श्रद्धालु अपने हिसाब से राम नाम का 11000 बार जाप लिख सकेंगे. इसके बाद इन पुस्तकों को मंदिरों से जमा किया जाएगा. जिस भी श्रद्धालु ने 11 हजार बार राम नाम लिखा है उसे दशहरे के अवसर पर पार्टी द्वारा अयोध्या की निशुल्क तीर्थ यात्रा कराई जाएगी.
भाजपा ने बताया चुनावी हथकंडा
कांग्रेस के इस अभियान को भाजपा ने महज चुनावी हथकंडा बताया है. बीजेपी के प्रवक्ता उमेश शर्मा का कहना है कि ये वहीं कांग्रेस पार्टी है जो राम के अस्तित्व को ही नकारती रही है, वहीं अब चुनाव में वोट मांगने के लिए राम नाम की किताब बांट रही है.
क्या सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर है कांग्रेस ?
माना जा रहा है कि जब से मध्यप्रदेश की राजनीति में कमलनाथ की एंट्री हुई है, तब से कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर चल रही है. 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी कांग्रेस ने अपने एजेंडे में गौशाला बनवाने , राम वनगमन पथ का निर्माण कराने जैसे मामलों को बडा़ मुद्दा बनाया था. जिसका उसे लाभ भी मिला था और लंबे इंतजार के बाद प्रदेश में कांग्रेस की सरकार भी बनी थी, यही वजह है कि पार्टी अब एक बार फिर उपचुनाव में राम के सहारे ही अपना चुनावी बेड़ा पार लगाना चाहती है. अब ऐसे में देखना ये होगा कि उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के बीच चुनावी मुकाबला किस दिशा में जाता है और सबसे बड़ी बात यह कि 'राम' किसका साथ देते हैं.