भोपाल। मध्य प्रदेश में इन दिनों सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के निशाने पर नौकरशाही है, क्योंकि सियासी दलों को लगता है कि अगर नौकरशाही को निशाने पर लिया जाएगा तो आमजन में बेहतर संदेश जाएगा. राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के समय-समय पर तल्ख तेवर नजर आते हैं, वे मंच से ही अफसरों के निलंबन का फरमान सुना देते हैं. जब भी कोई बड़ा मामला सामने आता है तो एक दो अफसरों पर गाज गिर ही जाती है.
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं सीएम: शिवराज सिंह चौहान लगातार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कर रहे हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर यहां तक कह दिया कि अगर हितग्राही को किश्त मिलने में देरी होती है तो इसका मतलब है कि दाल में कुछ काला है. भ्रष्टाचार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
कमलनाथ कह रहे हैं हिसाब लिया जाएगा: वहीं, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने एक सभा के दौरान चेतावनी देते हुए कहा कि- "भाजपा के पास करने को कुछ नहीं है, केवल पैसा, पुलिस और प्रशासन का उपयोग कर रही है. जो बीजेपी का बिल्ला जेब में लेकर काम कर रहे हैं उनसे डरने की हमें जरूरत नहीं है, ध्यान मोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. चुनाव में 16-17 महीने बचे हैं और आने वाले समय में ऐसे प्रशासनिक और पुलिस अफसरों का हिसाब लिया जाएगा".
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कमलनाथ ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जो देश में विवाद हो रहे हैं, वो असल मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश है. उन्होंने कहा कि 2019 में पीएम मोदी ने ना तो रोजगार की बात की और ना ही किसान की. वो पाकिस्तान की बात करने लग गए. कांग्रेस नेता ने कहा कि अगले कुछ महीने में फिर से ध्यान हटाने की कोशिश की जाएगी ताकि ये फिर से चुनाव में जीत सकें.(MP Bureaucracy on target)
(आईएएनएस)