भोपाल। मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव (MP Assembly Election 2023) हैं. इसके लिए भाजपा अभी से ही पूरी तरह से तैयारियों में जुट गई है. चुनाव मैदान से लेकर सोशल मीडिया तक जंग जीतने की होड़ है. भाजपा ने अगले एक साल में खुद को आधुनिक सेवाओं से जोड़ने के लिए पूरी तरह से तैयारी कर ली है. मिशन 2023 की तैयारी में लगी बीजेपी अब अगला रण जीतने के लिए विकास के मुद्दे पर लौट आयी है. वहीं 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में बूथ विस्तारक योजना भाजपा के लिए आधार बनेगी. जहां पिछले चुनाव में बीजेपी को वोट नहीं मिले थे, वहीं अब बूथ विस्तारक योजना में हर कार्यकर्ता की डिजिटल रिपोर्ट तैयार करने में जुटी भाजपा प्रदेश के 37 हजार ऐसे पोलिंग बूथ पर सर्वाधिक काम करेगी.
बूथ विस्तारक योजना पर काम कर रही बीजेपी
2023 की तैयारियों में जुटी बीजेपी 10 फीसदी वोट बढ़ाने के लिए बूथ विस्तारक योजना पर काम कर रही है. इस योजना के तहत विस्तारक ऐसे लोगों से संपर्क करेंगे जो भाजपा को वोट नहीं देते और उन लोगों को भी जोड़ेंगे जो ना तो भाजपा और ना ही कांग्रेस की विचारधारा के हैं. इसी अभियान के तहत बीजेपी 20 से 30 जनवरी के बीच संगठन विस्तार के लिए अभियान चलाने जा रही है. इसके लिए संभाग स्तर पर 5 और 6 जनवरी को मंडल विस्तारकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, तो वहीं नगर और ग्रामीण केंद्र स्तर पर विस्तार का प्रशिक्षण 16 और 17 जनवरी को होने वाला है. (BJP working booth expansion scheme) जहां विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा को या तो कम वोट मिले हैं, या फिर इन बूथों पर भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है. साथ ही जीत दिलाने वाले करीब 28 हजार बूथों पर भी पार्टी को जीत का जश्न बनाए रखने की चुनौती है.
बीजेपी का वोट गणित
2018 में 65 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ थे. इनमें डाक और ईवीएम से 3.81 करोड़ वोटर्स ने 74.64 प्रतिशत मतदान किया था, जिसमें भाजपा को 1.56 करोड़ या 41.02 फीसदी और कांग्रेस को 1.55 करोड़ यानी 40.89 प्रतिशत वोट मिले थे. 2.25 करोड़ वोट कांग्रेस और अन्य 119 क्षेत्रीय दलों सहित नोटा को वोट गए थे. बूथ पर पड़े 3.78 करोड़ वोट के हिसाब से एक बूथ में औसत वोटर 575 से 600 के बीच थे इस लिहाज से 28 हजार पोलिंग बूथ से बीजेपी को जीत मिली, तो वहीं 37 हजार बूथ पर बीजेपी हारी या फिर उसे कम वोट मिले.
इन्हीं हारने वाले बूथों पर बीजेपी की निगाह है. इन सब वोटों के प्रतिशत में वृद्धि के लिए भाजपा ने बूथ विस्तारक योजना बनाया है. बीजेपी का फोकस कांग्रेस के गढ़ों पर है. जहां पर कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिली थी, उन जिलों में जैसे छिंदवाड़ा, धार, बालाघाट, जबलपुर, नरसिंहपुर, सहित आदिवासी बाहुल्य इलाके है. उन सब जगहों पर बीजेपी अपनी तरफ वोट करने के लिए पूरी तरह से तैयारियां कर रही है.
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कांग्रेस करेगी डोर टू डोर कैंपेनिंग
कांग्रेस की रणनीति की बात करें तो कांग्रेस 2 महीने के अंदर यदि पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग को आरक्षण नहीं मिलता तो विपक्ष बूथ स्तर पर प्रदेश सरकार की नाकामी बताएगी. कांग्रेस पोल खोल अभियान, और जन जागरण रैली के जरिए बूथों में उसके कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेगी. साथ ही कांग्रेस डोर टू डोर लोगों से संपर्क बनाने का अभियान चलाने जा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता के मिश्रा का कहना है कि, बीजेपी हार के डर से अपने पदाधिकारियों को ट्रेनिंग दे रही है, और बूथ स्तर पर विस्तारक बना रही है, लेकिन जनता अब बीजेपी के छलावे में नहीं आने वाली.
बीजेपी का फोकस 51% वोट लाना
बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि, कांग्रेस का संगठन पूरी तरह से खत्म है, और वह अपनी रणनीति बनाने में लगी है. बीजेपी की बूथ की रणनीति बहुत स्पष्ट है. बीजेपी ने मंडल स्तर पर जाकर विस्तारकों के सम्मेलन किए हैं. पार्टी की माने तो उसका लक्ष्य 51 प्रतिशत वोट है, और यदि यह मिल जाता है तो 2023 में फिर बीजेपी परचम लहराएगी. (MP Assembly Election 2023)