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MP BJP में फिर जोर पकड़ रही है बदलाव की अटकलें, पढ़िए ये विश्लेषण

मध्य प्रदेश में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद से भाजपा में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं. इसकी वजह निकाय चुनावों के नतीजों और विधानसभा चुनाव 2023 को माना जा रहा है. शिवराज सिंह चौहान को भाजपा संसदीय बोर्ड से हटाये जाने के बाद से प्रदेश में अफवाहों का बाजार भी गर्म हो गया है. Rumors of change in MP BJP, MP Assembly Election 2023, MP BJP, Home Minister Amit Shah (Rumors of change in MP BJP) (MP Assembly Election 2023) (MP BJP) (Home Minister Amit Shah)

MP Assembly Election 2023 Rumors of change in MP BJP after Home Minister Amit Shah
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Published : Aug 26, 2022, 10:40 PM IST

Updated : Aug 26, 2022, 10:51 PM IST

भोपाल। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मध्य प्रदेश दौरे के बाद से सत्ता और भाजपा संगठन में बदलाव की अटकलें अब रफ्तार पकड़ने लगी है. विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर पार्टी चुनाव से डेढ़ साल पहले संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती है ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. इन कयासों को मजबूत जमीन नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों ने दी है. कांग्रेस के मुकाबले यकीनन बीजेपी के पास जश्न मनाने का मौका रहा, लेकिन दूर की सोच रखने वाली बीजेपी शहरी वोट में कांग्रेस की सेंध और कमबैक को भी नजरअंदाज नहीं कर रही. लिहाजा सियासी जानकार ये कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव के वार्मअप से पहले पार्टी में बदलाव की पूरी संभावना है.

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सियासी हवाओं में कितनी हकीकत: सत्ता और भाजपा संगठन में बदलाव की सियासी हवाएं लंबे समय से मध्य प्रदेश में चल रही हैं. लेकिन अब तक कांग्रेस की चुटकी लेने से ज्यादा बात आगे नहीं पहुंच पाई है. नगरीय निकाय चुनाव में 16 नगर निगमों में पांच निगमों में बीजेपी को लगा झटका असर दिखाएगा ऐसा जानकार कह रहे हैं. वजह केवल ये नहीं कि शहर में बीजेपी कमजोर पड़ी है. वजह ये भी है कि पार्टी का कार्यकर्ता इन चुनावों में उस जीवटता से नहीं जुटा जो उसकी पहचान कही जाती है. इसकी वजह पार्टी में बढ़ती गुटबाज़ी भी रही. कहा ये भी गया कि मध्यप्रदेश में नेतृत्व की तरफ से ही कार्यकर्ता को उस तरह का हौसला नहीं मिला. कई जगह तो पार्टी को फीडबैक ये भी है कि पार्टी के ही नेताओं ने उम्मीदवार के लिए गड्ढा खोद दिया था. दूसरी तरफ जो पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है पार्टी का वो कार्यकर्ता ही जी-जान से चुनाव में नहीं जुट पाया. इसकी वजह उसकी नाराजगी भी थी, जिसे संगठन समय रहते न भांप पाया न संभाल सका.

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एमपी बीजेपी में होते रहे हैं पोखरण विस्फोट: बीजेपी की कार्यशैली जिस ढंग की है उसमें अटकलें हमेशा सटीक बैठे ऐसा भी नहीं, लेकिन पार्टी जो निर्णय लेती है. वो दीवारों के कान भी नहीं भांप सकते. 2013 के विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी में हुआ घटनाक्रम इसकी मिसाल है. जब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष प्रभात झा को कानों कान खबर नहीं हुई थी और उन्हें अध्यक्ष पद से हटाकर नरेन्द्र सिंह तोमर को ये जवाबदारी दी थी. उस समय प्रभात झा ने खुद ये बयान दिया था कि उनकी विदाई पोखरण विस्फोट की तरह रही. जिसकी भनक आखिरी दम तक उन्हें नहीं लगने दी गई. बीजेपी की कार्यशैली है, वो जानती है कि कब कहां और कैसे निर्णय लेना है. सियासत में कयास अपनी जगह बीजेपी का निजाम अपनी जगह है. (Rumors of change in MP BJP) (MP Assembly Election 2023) (MP BJP) (Home Minister Amit Shah)

भोपाल। केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मध्य प्रदेश दौरे के बाद से सत्ता और भाजपा संगठन में बदलाव की अटकलें अब रफ्तार पकड़ने लगी है. विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर पार्टी चुनाव से डेढ़ साल पहले संगठन में बड़ा बदलाव कर सकती है ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं. इन कयासों को मजबूत जमीन नगरीय निकाय चुनाव के नतीजों ने दी है. कांग्रेस के मुकाबले यकीनन बीजेपी के पास जश्न मनाने का मौका रहा, लेकिन दूर की सोच रखने वाली बीजेपी शहरी वोट में कांग्रेस की सेंध और कमबैक को भी नजरअंदाज नहीं कर रही. लिहाजा सियासी जानकार ये कह रहे हैं कि विधानसभा चुनाव के वार्मअप से पहले पार्टी में बदलाव की पूरी संभावना है.

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सियासी हवाओं में कितनी हकीकत: सत्ता और भाजपा संगठन में बदलाव की सियासी हवाएं लंबे समय से मध्य प्रदेश में चल रही हैं. लेकिन अब तक कांग्रेस की चुटकी लेने से ज्यादा बात आगे नहीं पहुंच पाई है. नगरीय निकाय चुनाव में 16 नगर निगमों में पांच निगमों में बीजेपी को लगा झटका असर दिखाएगा ऐसा जानकार कह रहे हैं. वजह केवल ये नहीं कि शहर में बीजेपी कमजोर पड़ी है. वजह ये भी है कि पार्टी का कार्यकर्ता इन चुनावों में उस जीवटता से नहीं जुटा जो उसकी पहचान कही जाती है. इसकी वजह पार्टी में बढ़ती गुटबाज़ी भी रही. कहा ये भी गया कि मध्यप्रदेश में नेतृत्व की तरफ से ही कार्यकर्ता को उस तरह का हौसला नहीं मिला. कई जगह तो पार्टी को फीडबैक ये भी है कि पार्टी के ही नेताओं ने उम्मीदवार के लिए गड्ढा खोद दिया था. दूसरी तरफ जो पार्टी की सबसे बड़ी ताकत है पार्टी का वो कार्यकर्ता ही जी-जान से चुनाव में नहीं जुट पाया. इसकी वजह उसकी नाराजगी भी थी, जिसे संगठन समय रहते न भांप पाया न संभाल सका.

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एमपी बीजेपी में होते रहे हैं पोखरण विस्फोट: बीजेपी की कार्यशैली जिस ढंग की है उसमें अटकलें हमेशा सटीक बैठे ऐसा भी नहीं, लेकिन पार्टी जो निर्णय लेती है. वो दीवारों के कान भी नहीं भांप सकते. 2013 के विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी में हुआ घटनाक्रम इसकी मिसाल है. जब प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष प्रभात झा को कानों कान खबर नहीं हुई थी और उन्हें अध्यक्ष पद से हटाकर नरेन्द्र सिंह तोमर को ये जवाबदारी दी थी. उस समय प्रभात झा ने खुद ये बयान दिया था कि उनकी विदाई पोखरण विस्फोट की तरह रही. जिसकी भनक आखिरी दम तक उन्हें नहीं लगने दी गई. बीजेपी की कार्यशैली है, वो जानती है कि कब कहां और कैसे निर्णय लेना है. सियासत में कयास अपनी जगह बीजेपी का निजाम अपनी जगह है. (Rumors of change in MP BJP) (MP Assembly Election 2023) (MP BJP) (Home Minister Amit Shah)

Last Updated : Aug 26, 2022, 10:51 PM IST
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