भोपाल। मध्यप्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों की दशा सुधारने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद सड़क पर उतरे और बच्चों के लिए खिलौने इकट्ठे किए. सीएम ने लोगों को आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने की अपील की. सीएम की अपील के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने और उनकी देखभाल के लिए आमलोगों को जोड़ने की इस योजना से करीब एक लाख लोगों को जोड़ा गया. लेकिन अब यह सहयोग के लिए आगे ही नहीं आ रहे. आंगनबाड़ी केंद्र गोद लेने के लिए आवेदन करने वाले 1 लाख लोगों में से आधे भी सहयोग के लिए आगे नहीं आए हैं.
तीन कैटेगरी में आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने की योजना: प्रदेश में संचालित करीब एक लाख आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने के लिए राज्य सरकार ने एडॉप्ट एन आंगनबाड़ी योजना लॉच की थी. इसमें तीन कैटेगिरी में लोग आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद ले सकते हैं. अधोसंरचना मूलक आवश्यकताओं की पूर्ति जैसे भवन, कक्षों का निर्माण, रंगाई-पुताई, झूला, फर्नीचर के लिए, साथ ही दूसरा बच्चों की जरूरत के लिए सामान जैसे यूनिफार्म, गर्म कपड़े, जूत-चप्पल, बैग, खिलौने आदि और स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं में सहयोग के लिए लोग और संस्थाएं अपना पंजीयन करा सकती हैं. इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने के लिए 1 लाख 6 हजार 394 लोगों ने अपना पंजीयन कराया था.
पंजीयन कराया अब सहयोग से दूरी: प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने वालों में 19 हजार 495 लोग ऐसे थे, जिन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों की अधोसंरचना को दुरूस्त करने के लिए अपनी सहमति दी थी, लेकिन इसमें से मुश्किल से 10 हजार लोगों ने ही अपना सहयोग किया है. इसी तरह बच्चों की व्यक्तिगत जरूरत जैसे खिलौने, यूनिफार्म आदि के लिए 58 हजार 195 लोगों ने सहयोग देने की सहमति दी थी, लेकिन इसमें से 33 हजार 291 लोगों ने ही अपना सहयोग दिया है. इसी तरह पोषण सेवाओं के लिए 5 हजार 714 लोग ही सहयोग के लिए आगे आए हैं. उधर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के मुताबिक, 'सीएम की अपील पर लोगों ने खुले दिल से आंगनबाड़ी केंद्रों की मदद की है. गाड़ियां भरकर खिलौने इकटठे हुए थे, बड़ी संख्या में लोगों ने आंगनबाड़ी केंद्रों को एडॉप्ट किया है, अब लोग मदद के लिए भी आगे आ रहे हैं'.
कांग्रेस ने साधा निशाना: उधर सरकार के एडॉप्ट एन आंगनबाड़ी को लेकर, कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि, 'सरकार हर मुद्दे को ईवेंट बनाती है. प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति सुधारने के स्थान पर इसे भी ईवेंट बनाया. यही वजह है कि, सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद लेने के लिए फर्जी रजिस्टेशन कराए और अब ऐसे लोग या तो मदद के लिए ही नहीं आ रहे और आ भी रहे हैं तो नाममात्र की मदद कर रहे हैं'.