भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में पिछले सालों के दौरान हुईं नियुक्तियों और अन्य प्रशासनिक फैसलों से जुड़े मामले में की गई शिकायत पर आर्थिक अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) ने पूर्व कुलपति ब्रजकिशोर कुठियाला सहित 20 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिसके बाद कुठियाला ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए इसे अन्यायपूर्ण और गैरकानूनी बताया है.
ई-टेंडर मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद रविवार को ईओड्ब्ल्यू की टीम ने माखनलाल पत्रकारिता विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति समेत बीस लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. मुकदमा दर्ज होने के बाद माखनलाल यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. विज्ञप्ति में कुठियाला ने लिखा है कि 'एफआईआर दर्ज होने के बाद दुख भी है और हैरानी भी हो रही है कि जिनको आरोपी बनाया गया है उनका पक्ष सुना ही नहीं गया. यह अन्याय है और गैरकानूनी भी है. उन्होनें ये भी लिखा है कि सात दशकों से अधिक की आजादी के बाद भी नागरिक के अधिकारों का ऐसा हनन होना अनुचित है.'
इसके अलावा पूर्व कुलपति बीके कुठियाला ने ये भी लिखा है कि, एक व्यवस्था में आपके काम की सराहना होती है और उसके लिए आपको पुरस्कृत किया जाता है, तो वहीं दूसरी व्यवस्था उसी काम को दंडनीय बनाने का प्रयास करती है. राजनीतिक मतभेदों को शिक्षा जगत को तहस-नहस करने का बहाना बनाना अनुचित ही नहीं अनैतिक भी है. बीके कुठियाला ने सफाई देते हुए यह भी लिखा है कि मेरे कुलपति के कार्यकाल में सभी काम विश्वविद्याल, सरकार और यूजीसी के नियमानुसार हुए हैं और कुलपति होने के नाते मैं अपनी टीम के सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार हूं.