जबलपुर: जबलपुर में बनाए गए 800 करोड़ की लागत के फ्लाईओवर ब्रिज में उद्घाटन से पहले आईं दरारों को लेकर विपक्षी दल हमलावर है. कांग्रेस द्वारा निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर उठाए गए सवालों के बाद सरकार भी एक्शन में है. गुरुवार को लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने विभाग के प्रमुख अभियंता और जबलपुर के मुख्य अभियंता की टीम के साथ ब्रिज का जायजा लिया. इसके बाद जांच कमेटी ने कहा "दरारें अच्छी हैं". बता दें कि ये ओवरब्रिज मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा है.
जांच कमेटी ने ओवरब्रिज की दरारों पर ये तर्क दिए
ओवरब्रिज की जांच के बाद लोक निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया "दरअसल ब्रिज की जिन दरारों को लेकर सवाल उठे हैं, वे दरारें ब्रिज के ऊपर लगे टी जॉइंट की वजह से बनी हैं. टी जॉइंट दो स्ट्रक्चर को आपस में जोड़ने के लिए एक लोहे की पट्टी होती है, जो दो अलग-अलग स्ट्रक्चर के बीच में रखी जाती है, ताकि दोनों स्ट्रक्चर आपस में रगड़ ना खाएं. क्योंकि आपस में टकराने पर ये टूट सकते हैं. इसलिए इनके बीच में थोड़ा सा गैप रखा जाता है तो ऊपर से टी जॉइंट लगाया जाता है. इसके ऊपर डामर डाला गया है. ठंड की वजह से डामर में ब्रेक आया है." अधिकारियों का कहना है "यह निर्माण की लापरवाही नहीं बल्कि निर्माण के लिए जरूरी दरारें हैं."
ओवरब्रिज पर कांग्रेस क्यों है आक्रामक
गौरतलब है कि जबलपुर में 7.5 किलोमीटर लंबा फ्लाईओवर ब्रिज बनाया जा रहा है. अभी इस ब्रिज का लोकार्पण भी नहीं हुआ है कि निर्माण को लेकर सवाल भी उठने लगे हैं. ओवरब्रिज के निर्माण को लेकर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने गंभीर आरोप लगाए हैं. उमंग सिंघार ने एक्स पर लिखा "मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार की नई-नई इबारतें लिखी जा रही हैं. जबलपुर में ₹800 करोड़ की लागत से बने फ्लाईओवर की सड़क टूट रही है! यह मंत्री और मुख्यमंत्री की नाक के नीचे हो रहा भ्रष्टाचार है या पूरा गोलमाल? अधिकारी और ठेकेदार रोज़ नए कारनामे कर रहे हैं. एक तरफ़ जहां प्रदेश लाखों करोड़ों के क़र्ज़ की चपेट में हैं, वहां भ्रष्टाचार में जनता के पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए.". कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी पीडब्ल्यूडी मंत्री पर निशाना साधा है.
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह बोले- कहां फर्जी है पत्र
इस पत्र के बारे में जब ईटीवी के संवाददाता विश्वजीत सिंह ने मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह से प्रतिक्रिया चाही उन्होंने कैमरे पर तो कोई रिएक्शन नहीं दिया, लेकिन उन्होंने पत्र देखते ही कहा "यह पत्र फर्जी है" हालांकि उन्होंने कहा "यदि जांच होती है तो अच्छा है, इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा."
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह का ड्रीम प्रोजेक्ट
दरअसल, जबलपुर का यह फ्लाईओवर ब्रिज पूरी तरह लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की देखरेख में ही बना है. इस ब्रिज के लिए राकेश सिंह सांसद रहते हुए केंद्र सरकार के सीआईएफ फंड से लेकर आए थे. यह ब्रिज उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है. जबलपुर के लिए इस ब्रिज की प्रासंगिकता भी बहुत है. इसके बनने के बाद जबलपुर का ट्रैफिक का दबाव बहुत कम हो जाएगा. इसलिए लोक निर्माण मंत्री इस ब्रिज के निर्माण पर उठे सवालों से बेहद खफा हैं. उन्होंने खुद एक टीम का गठन किया, जिसमें विभाग के अपर मुख्य सचिव के अलावा लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता जीपीएस राणा को भी शामिल किया और 9 जनवरी को ब्रिज पर पहुंचकर उसकी जांच करने के आदेश दिए.
मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार की नई-नई इबारतें लिखी जा रही है।
— Umang Singhar (@UmangSinghar) January 4, 2025
जबलपुर में ₹800 करोड़ की लागत से बने फ्लाईओवर की सड़क टूट रही है! यह मंत्री और मुख्यमंत्री की नाक के नीचे हो रहा भ्रष्टाचार है या पूरा गोलमाल?
अधिकारी और ठेकेदार रोज़ नए कारनामे कर रहे हैं, और मौन यादव सिर्फ तमाशा देख… pic.twitter.com/rGVMBYs2Ym
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लोक निर्माण विभाग ने ही उठाए सवाल
भोपाल में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता केपीएस राणा ने जबलपुर के फ्लाईओवर को लेकर एक जांच कमेटी बनाई थी. इसमें भोपाल के ब्रिज क्षेत्र के मुख्य इंजीनियर जेपी वर्मा को अध्यक्ष बनाया था और 4 दूसरे इंजीनियरों को रखा गया था. इस पत्र की इबारत कुछ इस तरह है-
कार्यालय प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग, मध्य प्रदेश भोपाल
web alte: www.mppwd.gov.in
e-mail: pwdbhop@mp.nic.in
Phone:0755-2551485, Fax: 2556527
क्रमांक 331/शि/जबलपुर/2024/15
भोपाल, दिनांक/01/2025
कार्यालयीन आदेश
लोक निर्माण विभाग जबलपुर परिक्षेत्र के अन्तर्गत निर्माणाधीन 800 करोड़ का फलाईओवर पूरा भी नहीं पाया और सड़क टूटने लगी. निर्माण कार्य की गुणवत्ता की जांच हेतु निम्नलिखित जांच समिति गाठित की जाती है, जो निम्नानुसार है-
1. जी.पी.वर्मा मुख्य अभियन्ता (सेतु परिक्षेत्र भोपाल), अध्यक्ष
2. व्ही.के. झा अधीक्षण यंत्री (सेतु मण्डल ग्वालियर), सदस्य
3. कुलदीप सिह कार्यपालन यंत्री, कार्यालय प्रमुख अभियन्ता लो.नि.वि., सदस्य
4. संजय कुलकर्णी सहायक यंत्री, केन्द्रीय प्रयोगशाला अनुसंधान भोपाल, सदस्य
जांच प्रतिवेदन अधोहस्ताक्षरकर्ता को 15 दिवस के भीतर स्पष्ट अभिमत/अनुशंसा सहित प्रस्तुत कराना सुनिश्चित करें.
(इंजी.के.पी.एस. राणा) प्रमुख अभियन्ता
लोक निर्माण विभाग म.प्र.
पृ०कमांक 58/शि/रीवा/2024/16
भोपाल, दिनांक 3/01/2025
प्रतिलिपिः-
1. अपर मुख्य सचिव, मप्र शासन, लोक निर्माण विभाग मंत्रालय भोपाल.
2.मुख्य अभियन्ता, लो.नि.वि. जबलपुर परिक्षेत्र जबलपुर.
3. जी.पी. वर्मा मुख्य अभियन्ता कार्यालय लो.नि.वि.सेतु परिक्षेत्र भोपाल
4. व्ही. के. झा अधीक्षण यंत्री, कार्यालय लोक निर्माण विभाग सेतु मण्डल ग्वालियर
5. कुलदीप सिंह, कार्यपालन यंत्री, कार्यालय प्रमुख अभियन्ता, लो.नि.वि. भोपाल
6. संजय कुलकर्णी सहायक यंत्री कार्यालय केन्द्रीय प्रयोगशाला भोपाल।
7. कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग संभाग क्रमांक 1, जबलपुर की ओर प्रेषिर, कर निर्देशित किया जाता है कि जांच के दौरान जांच समिति द्वारा भागे जाने पर कार्य से संबंधित अभिलेख एवं जांच हेतु आवश्यक व्यवास्था उपलब्ध करायें.
प्रमुख अभियन्ता लोक निर्माण विभाग म.प्र.