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OXYGEN में आत्मनिर्भर बन रहा है मध्य प्रदेश, सितंबर के आखिर तक 101 प्लांट डिलीवर करने का लक्ष्य, 90 के करीब तैयार, कई प्लांट पर प्रोडक्शन शुरू

ऑक्सीजन प्लांट की मौजूदा स्थिति पर ईटीवी की ग्राउंड रिपोर्ट में सामने आया है कि अबतक 90 के करीब प्लांट ही लग पाए हैं, जबकि इनमें से मात्र 18 प्लांट पूरी तरह चालू हैं. प्रदेश सरकार का दावा है कि सितंबर के आखिर तक प्रदेश में 101 नए ऑक्सीजन प्लांट से प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

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OXYGEN में आत्मनिर्भर बन रहा है मध्य प्रदेश
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Published : Sep 18, 2021, 6:32 PM IST

भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर प्रदेश में दस्तक दे रही है, डेंगू, टायफाइड और वायरल फीवर के साथ स्क्रब फायवस बीमारी के भी मामले सामने आए हैं. इस सब के बीच मध्य प्रदेश में कोरोना काल के दौरान राज्य में लगने वाले ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति को लेकर ईटीवी ने एक रियलिटी चेक किया. सीएम शिवराज सिंह ने राज्य में राज्य सरकार और पीएम केयर फंड के जरिए केंद्र सरकार की मदद से 190 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया. ग्राउंड रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अबतक 90 के करीब प्लांट ही लग पाए हैं, जबकि इनमें से मात्र 18 प्लांट पूरी तरह चालू हैं. प्रदेश सरकार का दावा है कि सितंबर के आखिर तक प्रदेश में 101 नए ऑक्सीजन प्लांट से प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

पीएम मोदी के 71वें जन्मदिन पर हुआ लोकार्पण

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भी प्रदेश में कुछ ऑक्सीजन प्लांट शुरू हुए . इन प्लांट में इंदौर में 2 और निवाड़ी जिले में 1 ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण किया गया. इंदौर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और मनोरमा राजे क्षयरोग अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का शुक्रवार को लोकार्पण किया गया. यह प्लांट पीएम केयर फंड की राशि से लगाए गए हैं. इसके अलावा निवाड़ी जिले में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी पीएम केयर फंड से लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ किया गया.

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OXYGEN में आत्मनिर्भर बन रहा है मध्य प्रदेश

कहां लगे, कितने प्लांट

- प्रदेश सरकार ने 190 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया था.

- इनमें से 101 प्लांट में सितंबर के आखिर तक प्रोडक्शन शुरू करने को लेकर दावा भी किया गया है.

- अभी तक 90 ऑक्सीजन प्लांट लग पाए हैं, जिनमें से मात्र मात्र 18 प्लांट ही चालू हो पाए हैं. इनमें से 12 प्लांट ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री केयर फंड से तैयार हुए हैं.

- मुख्यमंत्री और स्टेट के फंड से जो भी प्लांट लगाए गए हैं वे अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं.

- नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा हुए 3 महीने में का वक्त बीत चुका है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 102 प्लांट्स ऐसे हैं जिनका काम खत्म होने की डेडलाइन इस महीने के आखिर तक है.

- प्रदेश भर में विधायकों, सांसदों की निधि के अलावा स्थानीय स्तर पर जनसहयोग से जुटाई गई राशि से 23 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं.

- इनमें से 18 पीएसए प्लांट का काम पूरा हो चुका है. 4 प्लांट का काम इस महीने तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके अलावा 44 अन्य प्लांट पर कार्य प्रगति पर बताया जा रहा है.

किस फंड से कितने प्लांट लगे
- चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड से 6 प्लांट लगे हैं. हाल ही में 1 प्लांट और डिलीवर हुआ है जबकि 6 प्रोसेस में हैं. इन प्लांट्स की कुल संख्या 13 है.

- पीडब्ल्यूडी के द्वारा 4 प्लांट लगाए जाने हैं.
- पीएम केयर फंड से 30 ऑक्सीजन प्लांट्स लग चुके हैं. इनमें से 12 का इंस्टॉलेशन हो चुका है. 40 के करीब डिलीवर, 9 प्रोसेस में हैं कुल 88 प्लांट लगाए गए हैं.

- रेलवे और कोल इंडिया के माध्यम से 12 ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं, 2 का इंस्टॉलेशन हो चुका है, एक की डिलीवरी हो चुकी है और 11 प्रोसेस में है. ऐसे कुल 26 प्लांट लगाए जाने हैं.
- सामाजिक सहयोग और कारपोरेट सेक्टर द्वारा 17 प्लांट लगाए जा रहे हैं, इनमें से 3 का इंस्टॉलेशन हो चुका है और 1 प्लांट डिलीवर हो चुका है. जबकि कुल 36 प्लांट में से 15 प्रोसेस में हैं.

- एमएलए और एमपी फंड से 19 प्लांट लग चुके हैं 1 का इंस्टॉलेशन हो चुका है और 3 प्रोसेस में हैं ऐसे कुल 23 प्लांट लगने हैं.

यहां चालू हुए ऑक्सीजन प्लांट्स
केंद्र सरकार ने प्रदेश के आठ जिला अस्पतालों खंडवा, शिवपुरी, सिवनी, उज्जैन, जबलपुर, रतलाम, मंदसौर और मुरैना में लगभग छह माह पहले आक्सीजन प्लांट्स लगाने की परमीशन दी थी. इनमें से खंडवा, शिवपुरी, उज्जैन और सिवनी में प्लांट शुरू हो चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुक्रवार को इंदौर में 2 और निवाड़ी में 1 प्लांट डिलीवर किया गया. जबलपुर प्लांट का काम भी पूरा हो गया है, रतलाम, मंदसौर और मुरैना की भी यही स्थिति हैं लेकिन अभी तक ये प्लांट डिलीवर नहीं हुए हैं. इसके अलावा सागर, सीहोर, विदिशा, गुना, सतना, रायसेन, बालाघाट, खरगोन, कटनी, बड़वानी, नरसिंहपुर, बैतूल और भोपाल के काटजू अस्पताल में चार सौ से छह सौ लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता के प्लांट लगाए जाने हैं. सरकार ने इन सभी प्लांट्स को शुरू करने के लिए सितंबर अंत तक डेडलाइन रखी है, लेकिन प्लांट्स शुरू होने को लेकर उम्मीद कम है. तीन महीने पूरे हो चुके हैं जबकि अभी सिर्फ 20 के करीब प्लांट से ही ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, बावजूद इसके प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री यह दावा करते हैं मध्य प्रदेश ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी.

प्रदेश में दूसरी लहर में जिस तरह से ऑक्सीजन की कमी आई थी उसके बाद से लगातार और सीजन के लिए प्लांट लगाए जा रहे हैं आने वाले दिनों में प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी.

विश्वास सारंग, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मप्र

कई जिलों में यह है ऑक्सीजन प्लांट्स की मौजूदा स्थिति

सागर - 1 चालू 1 को बिजली का इंतजार

सागर में जिला चिकित्सालय और खुरई सिविल हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया था. जिला चिकित्सालय में 80 लाख की लागत से 1000 एलपीएम ऑक्सीजन उत्पादन करने वाला प्लांट तो लग गया है,लेकिन प्लांट को बिजली सप्लाई देने के लिए ट्रांसफार्मर अभी तक नहीं लगाया गया है. खुरई सिविल अस्पताल में 60 लाख की लागत से 500 एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो चुका है. खास बात ये हैं कि सागर संभाग के सभी 6 जिलों के मरीजों का भार झेलने वाले बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं लगाया गया है यहां केवल ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट लगाए गए हैं जिनमें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मौजूदा जरूरत की 26 गुना ऑक्सीजन स्टोर करने की व्यवस्था की गई है.

शहडोल- 1 प्लांट डिलीवर होना है 1 का सिर्फ शेड तैयार

शहडोल जिला अस्पताल के लिए भी ऑक्सीजन के दो प्लांट स्वीकृत हुए थे, जिसमें से एक प्लांट 1 हज़ार एलपीएम का डीआरडीओ और पीएम केयर फण्ड के माध्यम से तैयार हुआ है वह इंस्टाल हो चुका है, टेस्टिंग हो चुकी है अभी ऑक्सीजन के प्यूरिटी की चैकिंग चल रही है. दूसरा प्लांट राज्य सरकार की तरफ से लगाया जाना है जो 570 एलपीएम का होगा उसका अभी सिर्फ शेड तैयार हुआ है.

जबलपुर- 1 प्लांट चालू, दूसरा इसी हफ्ते तक चालू होगा

जबलपुर गवर्मेंट हॉस्पिटल में 3 प्लांट लगाए जाने हैं. इनमें से 1000 एलपीएम लीटर कैपेसिटी के दो ऑक्सीजन प्लांट संकट की स्थिति में हैं. तीसरा प्लांट तहसील सिहोरा के सरकारी अस्पताल में 500 लीटर का लगाया गया है. 500 लीटर का एक ऑक्सीजन प्लांट कोरोनावायरस के 50 से 60 मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई कर सकता है. इस तरीके से जबलपुर के जिला अस्पताल में लगभग डेढ़ सौ मरीजों की जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन प्लांट लगा दिया गया है. एक 500 लीटर का प्लांट चालू हो गया है और दूसरा 1 सप्ताह में चालू होने की उम्मीद जताई जा रही है.

राज्य सरकार की तरफ से सितंबर के आखिर तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 101 ऑक्सीजन प्लांट्स को हैंडओवर करने की उम्मीद जताई गई थी. मौजूदा आंकड़े के हिसाब से 90 के लगभग प्लांट लगभग तैयार हैं, जिनमें से 3 प्लांट का शुक्रवार को ही लोकार्पण किया गया है. कई प्लांट्स में ऑक्सीजन के प्यूरिटी की टेस्टिंग चल रही है तो कहीं बिजली का कनेक्शन होना है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि ऑक्सीजन के मामले मध्य प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है और जल्द ही बाकी प्लांट्स पर भी ऑक्सीजन का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर प्रदेश में दस्तक दे रही है, डेंगू, टायफाइड और वायरल फीवर के साथ स्क्रब फायवस बीमारी के भी मामले सामने आए हैं. इस सब के बीच मध्य प्रदेश में कोरोना काल के दौरान राज्य में लगने वाले ऑक्सीजन प्लांट की स्थिति को लेकर ईटीवी ने एक रियलिटी चेक किया. सीएम शिवराज सिंह ने राज्य में राज्य सरकार और पीएम केयर फंड के जरिए केंद्र सरकार की मदद से 190 ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया. ग्राउंड रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि अबतक 90 के करीब प्लांट ही लग पाए हैं, जबकि इनमें से मात्र 18 प्लांट पूरी तरह चालू हैं. प्रदेश सरकार का दावा है कि सितंबर के आखिर तक प्रदेश में 101 नए ऑक्सीजन प्लांट से प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

पीएम मोदी के 71वें जन्मदिन पर हुआ लोकार्पण

शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर भी प्रदेश में कुछ ऑक्सीजन प्लांट शुरू हुए . इन प्लांट में इंदौर में 2 और निवाड़ी जिले में 1 ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण किया गया. इंदौर के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल और मनोरमा राजे क्षयरोग अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट का शुक्रवार को लोकार्पण किया गया. यह प्लांट पीएम केयर फंड की राशि से लगाए गए हैं. इसके अलावा निवाड़ी जिले में स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी पीएम केयर फंड से लगाए गए ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ किया गया.

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OXYGEN में आत्मनिर्भर बन रहा है मध्य प्रदेश

कहां लगे, कितने प्लांट

- प्रदेश सरकार ने 190 नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया था.

- इनमें से 101 प्लांट में सितंबर के आखिर तक प्रोडक्शन शुरू करने को लेकर दावा भी किया गया है.

- अभी तक 90 ऑक्सीजन प्लांट लग पाए हैं, जिनमें से मात्र मात्र 18 प्लांट ही चालू हो पाए हैं. इनमें से 12 प्लांट ऐसे हैं जो प्रधानमंत्री केयर फंड से तैयार हुए हैं.

- मुख्यमंत्री और स्टेट के फंड से जो भी प्लांट लगाए गए हैं वे अभी तक शुरू नहीं हो पाए हैं.

- नए ऑक्सीजन प्लांट लगाने की घोषणा हुए 3 महीने में का वक्त बीत चुका है. सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 102 प्लांट्स ऐसे हैं जिनका काम खत्म होने की डेडलाइन इस महीने के आखिर तक है.

- प्रदेश भर में विधायकों, सांसदों की निधि के अलावा स्थानीय स्तर पर जनसहयोग से जुटाई गई राशि से 23 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं.

- इनमें से 18 पीएसए प्लांट का काम पूरा हो चुका है. 4 प्लांट का काम इस महीने तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. इसके अलावा 44 अन्य प्लांट पर कार्य प्रगति पर बताया जा रहा है.

किस फंड से कितने प्लांट लगे
- चीफ मिनिस्टर रिलीफ फंड से 6 प्लांट लगे हैं. हाल ही में 1 प्लांट और डिलीवर हुआ है जबकि 6 प्रोसेस में हैं. इन प्लांट्स की कुल संख्या 13 है.

- पीडब्ल्यूडी के द्वारा 4 प्लांट लगाए जाने हैं.
- पीएम केयर फंड से 30 ऑक्सीजन प्लांट्स लग चुके हैं. इनमें से 12 का इंस्टॉलेशन हो चुका है. 40 के करीब डिलीवर, 9 प्रोसेस में हैं कुल 88 प्लांट लगाए गए हैं.

- रेलवे और कोल इंडिया के माध्यम से 12 ऑक्सीजन प्लांट लग चुके हैं, 2 का इंस्टॉलेशन हो चुका है, एक की डिलीवरी हो चुकी है और 11 प्रोसेस में है. ऐसे कुल 26 प्लांट लगाए जाने हैं.
- सामाजिक सहयोग और कारपोरेट सेक्टर द्वारा 17 प्लांट लगाए जा रहे हैं, इनमें से 3 का इंस्टॉलेशन हो चुका है और 1 प्लांट डिलीवर हो चुका है. जबकि कुल 36 प्लांट में से 15 प्रोसेस में हैं.

- एमएलए और एमपी फंड से 19 प्लांट लग चुके हैं 1 का इंस्टॉलेशन हो चुका है और 3 प्रोसेस में हैं ऐसे कुल 23 प्लांट लगने हैं.

यहां चालू हुए ऑक्सीजन प्लांट्स
केंद्र सरकार ने प्रदेश के आठ जिला अस्पतालों खंडवा, शिवपुरी, सिवनी, उज्जैन, जबलपुर, रतलाम, मंदसौर और मुरैना में लगभग छह माह पहले आक्सीजन प्लांट्स लगाने की परमीशन दी थी. इनमें से खंडवा, शिवपुरी, उज्जैन और सिवनी में प्लांट शुरू हो चुके हैं. पीएम नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर शुक्रवार को इंदौर में 2 और निवाड़ी में 1 प्लांट डिलीवर किया गया. जबलपुर प्लांट का काम भी पूरा हो गया है, रतलाम, मंदसौर और मुरैना की भी यही स्थिति हैं लेकिन अभी तक ये प्लांट डिलीवर नहीं हुए हैं. इसके अलावा सागर, सीहोर, विदिशा, गुना, सतना, रायसेन, बालाघाट, खरगोन, कटनी, बड़वानी, नरसिंहपुर, बैतूल और भोपाल के काटजू अस्पताल में चार सौ से छह सौ लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता के प्लांट लगाए जाने हैं. सरकार ने इन सभी प्लांट्स को शुरू करने के लिए सितंबर अंत तक डेडलाइन रखी है, लेकिन प्लांट्स शुरू होने को लेकर उम्मीद कम है. तीन महीने पूरे हो चुके हैं जबकि अभी सिर्फ 20 के करीब प्लांट से ही ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है, बावजूद इसके प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री यह दावा करते हैं मध्य प्रदेश ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होने की ओर बढ़ रहा है और आने वाले दिनों में प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी.

प्रदेश में दूसरी लहर में जिस तरह से ऑक्सीजन की कमी आई थी उसके बाद से लगातार और सीजन के लिए प्लांट लगाए जा रहे हैं आने वाले दिनों में प्रदेश में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होगी.

विश्वास सारंग, चिकित्सा शिक्षा मंत्री, मप्र

कई जिलों में यह है ऑक्सीजन प्लांट्स की मौजूदा स्थिति

सागर - 1 चालू 1 को बिजली का इंतजार

सागर में जिला चिकित्सालय और खुरई सिविल हॉस्पिटल में ऑक्सीजन प्लांट लगाने का फैसला किया था. जिला चिकित्सालय में 80 लाख की लागत से 1000 एलपीएम ऑक्सीजन उत्पादन करने वाला प्लांट तो लग गया है,लेकिन प्लांट को बिजली सप्लाई देने के लिए ट्रांसफार्मर अभी तक नहीं लगाया गया है. खुरई सिविल अस्पताल में 60 लाख की लागत से 500 एलपीएम का ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो चुका है. खास बात ये हैं कि सागर संभाग के सभी 6 जिलों के मरीजों का भार झेलने वाले बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट नहीं लगाया गया है यहां केवल ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट लगाए गए हैं जिनमें बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मौजूदा जरूरत की 26 गुना ऑक्सीजन स्टोर करने की व्यवस्था की गई है.

शहडोल- 1 प्लांट डिलीवर होना है 1 का सिर्फ शेड तैयार

शहडोल जिला अस्पताल के लिए भी ऑक्सीजन के दो प्लांट स्वीकृत हुए थे, जिसमें से एक प्लांट 1 हज़ार एलपीएम का डीआरडीओ और पीएम केयर फण्ड के माध्यम से तैयार हुआ है वह इंस्टाल हो चुका है, टेस्टिंग हो चुकी है अभी ऑक्सीजन के प्यूरिटी की चैकिंग चल रही है. दूसरा प्लांट राज्य सरकार की तरफ से लगाया जाना है जो 570 एलपीएम का होगा उसका अभी सिर्फ शेड तैयार हुआ है.

जबलपुर- 1 प्लांट चालू, दूसरा इसी हफ्ते तक चालू होगा

जबलपुर गवर्मेंट हॉस्पिटल में 3 प्लांट लगाए जाने हैं. इनमें से 1000 एलपीएम लीटर कैपेसिटी के दो ऑक्सीजन प्लांट संकट की स्थिति में हैं. तीसरा प्लांट तहसील सिहोरा के सरकारी अस्पताल में 500 लीटर का लगाया गया है. 500 लीटर का एक ऑक्सीजन प्लांट कोरोनावायरस के 50 से 60 मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई कर सकता है. इस तरीके से जबलपुर के जिला अस्पताल में लगभग डेढ़ सौ मरीजों की जरूरत के हिसाब से ऑक्सीजन प्लांट लगा दिया गया है. एक 500 लीटर का प्लांट चालू हो गया है और दूसरा 1 सप्ताह में चालू होने की उम्मीद जताई जा रही है.

राज्य सरकार की तरफ से सितंबर के आखिर तक प्रदेश के अलग-अलग जिलों में 101 ऑक्सीजन प्लांट्स को हैंडओवर करने की उम्मीद जताई गई थी. मौजूदा आंकड़े के हिसाब से 90 के लगभग प्लांट लगभग तैयार हैं, जिनमें से 3 प्लांट का शुक्रवार को ही लोकार्पण किया गया है. कई प्लांट्स में ऑक्सीजन के प्यूरिटी की टेस्टिंग चल रही है तो कहीं बिजली का कनेक्शन होना है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि ऑक्सीजन के मामले मध्य प्रदेश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ चुका है और जल्द ही बाकी प्लांट्स पर भी ऑक्सीजन का प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा.

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