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फिर शुरू होगी गायब हो चुके 227 पाकिस्तानी नागरिकों की तलाश, 9 साल बाद भी एमपी पुलिस को नहीं मिला कोई सुराग

प्रदेश की पुलिस सालों से गायब करीब सवा दो सौ पाकिस्तानी नागरिकों की नए सिरे से तलाश करने में जुट गई है. इन पाकिस्तानी नागरिकों की करीबन 9 सालों से तलाश है.

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फिर शुरू होगी गायब हो चुके 227 पाकिस्तानी नागरिकों की तलाश
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Published : Oct 19, 2021, 10:21 PM IST

भोपाल। पिछले दिनों दिल्ली में लंबे समय से रह रहे पाकिस्तानी आतंकी के पकड़े जाने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस भी सतर्क हो गई है. प्रदेश की पुलिस सालों से गायब करीब सवा दो सौ पाकिस्तानी नागरिकों की नए सिरे से तलाश करने में जुट गई है. इन पाकिस्तानी नागरिकों की करीबन 9 सालों से तलाश है. इसको लेकर 4 साल पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय राज्य सरकारों को वीजा खत्म होने के बाद से रह रहे नागरिकों को चिन्हित करने के निर्देश भी दे चुका है, लेकिन उसके बावजूद इन नागरिकों की तलाश अब तक पूरी नहीं हो पाई है.

2006 से 2016 के बीच mp आए थे 1779 नागरिक
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2006 से 2016 के बीच आए वीजा लेकर आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों में से 1779 लोग मध्यप्रदेश आए थे. इसमें से करीब साढ़े 15 सौ पाकिस्तानी नागरिकों में से या तो अपना वीजा रिन्यू करवाते रहे या फिर वापस अपने देश लौट गए, लेकिन इसमें से करीब सवा दो सौ पाकिस्तानी नागरिक नहीं लंबी तलाश के बाद भी नहीं मिल सके. पिछले दिनों दिल्ली में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी का मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस एक बार फिर अवैध रुप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की तलाश में जुट गई है.

ट्रांजिट वीजा पर आए और यहीं बस गए
मध्य प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें पाकिस्तान से ट्रांजिट वीजा पर आने वाले पाकिस्तानी नागरिक वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी अपने वतन नहीं लौटे. साल 2017 में भी भोपाल में पुलिस ने दो युवकों दयानंद सिंगरानी और अशोक को हवाला के एक मामले में पकड़ा था, जिनकी जांच में सामने आया कि दोनों युवत कई काल पहले ट्रांजिट वीजा पर पाकिस्तान से भारत आए थे, लेकिन बाद में वापस पाकिस्तान नहीं लौटे. वे अपनी वीजा अवधि को कई बार बढ़वा चुके हैं. उधर एडीजी इंटेलीजेंस योगेश चौधरी के मुताबिक लंबे समय से मध्यप्रदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा दिए जाने की प्रकिया है, इसके तहत इन्हें वीजा दिए जाने की कार्रवाई की जाती है.

पिछले दिनों 6 लोगों को को मिली नागरिकता
नागरिकता संशोधन कानून के तहत पिछले दिनों मध्यप्रदेश में दशकों से रह रहे छह पाकिस्तानी प्रवासियों को नागरिकता भी दी गई है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले अर्जुनदास मनचंदानी, जयराम दास, नारायण दास और कौशल्या बाई, नंदलाल और अमित कुमार को नागरिकता के प्रमाण-पत्र सौंपे थे. यह पाकिस्तानी नागरिक सालों से भारत की नागरिकता हासिल करने की कोशिश में जुटे हुए थे.


मध्यप्रदेश में रह रहे 35 हजार पाकिस्ताानी हिंदू शरणार्थी
बंटवारे के समय पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदू शरणार्थियों की संख्या देश में करीब 1 लाख के करीब है, जिसमें सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में करीब 35 हजार हिंदू शरणार्थी रह रहे हैं. इसमें राजधानी भोपाल में इसकी संख्या करीब 6 हजार और इंदौर में 9 हजार के करीब है. जबकि बाकी लोग मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों में रह रहे हैं. इन नागरिकों को स्थायी नागरिकता दिलाने के लिए शिविर लगाकर नागरिकता दी जाती है. हालांकि बंटवारे के बाद आए या विवाह के बाद भारत आने वालों को नागरिकता हासिल करने के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

भोपाल। पिछले दिनों दिल्ली में लंबे समय से रह रहे पाकिस्तानी आतंकी के पकड़े जाने के बाद मध्यप्रदेश पुलिस भी सतर्क हो गई है. प्रदेश की पुलिस सालों से गायब करीब सवा दो सौ पाकिस्तानी नागरिकों की नए सिरे से तलाश करने में जुट गई है. इन पाकिस्तानी नागरिकों की करीबन 9 सालों से तलाश है. इसको लेकर 4 साल पहले केन्द्रीय गृह मंत्रालय राज्य सरकारों को वीजा खत्म होने के बाद से रह रहे नागरिकों को चिन्हित करने के निर्देश भी दे चुका है, लेकिन उसके बावजूद इन नागरिकों की तलाश अब तक पूरी नहीं हो पाई है.

2006 से 2016 के बीच mp आए थे 1779 नागरिक
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक 2006 से 2016 के बीच आए वीजा लेकर आने वाले पाकिस्तानी नागरिकों में से 1779 लोग मध्यप्रदेश आए थे. इसमें से करीब साढ़े 15 सौ पाकिस्तानी नागरिकों में से या तो अपना वीजा रिन्यू करवाते रहे या फिर वापस अपने देश लौट गए, लेकिन इसमें से करीब सवा दो सौ पाकिस्तानी नागरिक नहीं लंबी तलाश के बाद भी नहीं मिल सके. पिछले दिनों दिल्ली में पकड़े गए पाकिस्तानी आतंकी का मामला सामने आने के बाद मध्य प्रदेश पुलिस एक बार फिर अवैध रुप से रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की तलाश में जुट गई है.

ट्रांजिट वीजा पर आए और यहीं बस गए
मध्य प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें पाकिस्तान से ट्रांजिट वीजा पर आने वाले पाकिस्तानी नागरिक वीजा अवधि खत्म होने के बाद भी अपने वतन नहीं लौटे. साल 2017 में भी भोपाल में पुलिस ने दो युवकों दयानंद सिंगरानी और अशोक को हवाला के एक मामले में पकड़ा था, जिनकी जांच में सामने आया कि दोनों युवत कई काल पहले ट्रांजिट वीजा पर पाकिस्तान से भारत आए थे, लेकिन बाद में वापस पाकिस्तान नहीं लौटे. वे अपनी वीजा अवधि को कई बार बढ़वा चुके हैं. उधर एडीजी इंटेलीजेंस योगेश चौधरी के मुताबिक लंबे समय से मध्यप्रदेश में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को वीजा दिए जाने की प्रकिया है, इसके तहत इन्हें वीजा दिए जाने की कार्रवाई की जाती है.

पिछले दिनों 6 लोगों को को मिली नागरिकता
नागरिकता संशोधन कानून के तहत पिछले दिनों मध्यप्रदेश में दशकों से रह रहे छह पाकिस्तानी प्रवासियों को नागरिकता भी दी गई है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में रहने वाले अर्जुनदास मनचंदानी, जयराम दास, नारायण दास और कौशल्या बाई, नंदलाल और अमित कुमार को नागरिकता के प्रमाण-पत्र सौंपे थे. यह पाकिस्तानी नागरिक सालों से भारत की नागरिकता हासिल करने की कोशिश में जुटे हुए थे.


मध्यप्रदेश में रह रहे 35 हजार पाकिस्ताानी हिंदू शरणार्थी
बंटवारे के समय पाकिस्तान से भारत आने वाले हिंदू शरणार्थियों की संख्या देश में करीब 1 लाख के करीब है, जिसमें सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में करीब 35 हजार हिंदू शरणार्थी रह रहे हैं. इसमें राजधानी भोपाल में इसकी संख्या करीब 6 हजार और इंदौर में 9 हजार के करीब है. जबकि बाकी लोग मध्यप्रदेश के अलग-अलग शहरों में रह रहे हैं. इन नागरिकों को स्थायी नागरिकता दिलाने के लिए शिविर लगाकर नागरिकता दी जाती है. हालांकि बंटवारे के बाद आए या विवाह के बाद भारत आने वालों को नागरिकता हासिल करने के लिए खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.

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