भोपाल। वैश्विक महामारी कोरोना की मार से अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चुकी है, लॉकडाउन के चलते छोटे-बड़े तमात धंधे चौपट हो रहे हैं. कपड़ा व्यापारियों पर भी लॉकडाउन की मार पड़ी है. आलम ये है 45 दिनों से दुकानें बंद होने के चलते व्यापारियों को हर दिन करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है .
कारोबारियों की मानें तो नोटबंदी के बाद बाजार ने ठीक से गति भी नहीं पकड़ पाई थी. इसके बाद जीएसटी का झटका लगा. इससे संभले तो अब कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन ने कारोबार के सीजन पर चोट की है. कपड़ा व्यवसाय संघ के पूर्व अध्यक्ष चंद्रप्रकाश इसरानी कहते हैं कि शादी के सीजन के साथ ही संत नगर का बाजार भी गुलजार होता है. अप्रैल से जून माह तक के महीने में आसपास के शहरों के व्यवसायी यहां से खरीदारी करते हैं. सीजन को देखते हुए कारोबारियों ने स्टॉक तैयार करके रख लिया था, कई जगह से डिमांड भी आई. लेकिन लॉकडाउन की वजह से माल ही नहीं भेज पाए. लॉकडाउन से करोड़ों का नुकसान हुआ है.
कारोबार बंद, उधारी बिल देना पड़ रहा है, लॉकडाउन से कारोबार भले ही बंद हो, लेकिन व्यवसायियों को दुकान का किराया, लाइट बिल और स्टाफ का वेतन देना पड़ रहा है. हैंडलूम कारोबारी रमेश जनयानी कहते हैं कि एक तरह से व्यापारियों पर दोहरी मार है. जून से बारिश शुरू हो जाएगी. इसके बाद व्यापार की उम्मीद है.
संत नगर में कारोबार की मांगी अनुमतिसंत नगर कोरोना संक्रमण से पूरी तरह अछूता है. पिछले दिनों यहां एक कोरोना संक्रमित मिला था, लेकिन उसके ठीक होने के बाद पूरे क्षेत्र से कंटेनमेंट हटा लिया गया है. कारोबारियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें समय सीमा तय कर कारोबार की अनुमति दी जाए. वे कोरोना से बचाव के तमाम उपाय, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को तैयार है.