भोपाल। मध्यप्रदेश में लिव इन पार्टनर के रूप में रह रही महिलाओं द्वारा अपने लिव-इन पार्टनर पुरुष पर बलात्कार के मामले दर्ज कराने के बहुत से केस सामने आ रहे हैं. जानकारों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में दोनों के बीच किसी (Live in a mean of Recovery in MP) बात को लेकर सहमति न बन पाना या फिर अनबन हो जाना मुख्य वजह रहती है. जिसके बाद महिला पार्टनर पुरुष पार्टनर पर बलात्कार और अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवा देती है.
लिव-इन में रेप के ज्यादा केस
भोपाल सहित पूरे प्रदेश में लिव इन रिलेशन में रह रहे पुरुषों पर बलात्कार के मामले दर्ज होने की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है . जानकारों के मुताबिक उसकी मुख्य वजह है लिव इन पार्टनरो के बीच किसी बात को ले कर आम सहमति ना बन पाना,. ज्यादातर (mp live in fake cases)मामलों में शादी को लेकर विवाद मुख्य वजह बनता है. कई मामलों में यह देखने पर आया है मध्य प्रदेश अपराध पीड़ित प्रतिकार योजना के तहत महिलाएं पुनर्वास की राशि प्राप्त कर लेती हैं और बाद में अपने बयान बदल कर समझौता कर लेती हैं. समझौते के बाद अपने लिव-इन पार्टनर के साथ फिर से रहने लगती हैं.
ज्यादातर मामलों में मुआवजे के बाद हो जाता है समझौता!
भोपाल में पुरुषों के अधिकारों के लिए काम कर रही संस्था "भाई" ने सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया, कि अप्रेल 2020 से जून 2021 तक भोपाल में 51 मामलो में लगभग 90 लाख से ज्यादा का भुगतान महिलाओ को किया गया. (live in crime mp)3 मामलो में सजा हुई और ज्यादातर मामलो में समझौता हो गया और दोनों फिर साथ रहने लगे.
परिचितों पर रेप के ज्यादा आरोप
पूरे मध्यप्रदेश में शादी का झांसा देकर बलात्कार के कुल मामलों में साल 2019 में 2485 केस सामने आए थे, जिसमें से शादी के नाम पर झांसा देकर मामलों की संख्या 1187 थी. 2020 में पूरे प्रदेश में बलात्कार के कुल मामले 2339 थे, जिसमें शादी के नाम पर झांसा देकर बलात्कार पर कुल मामले 1042 थे. NCRB की एक रिपोर्ट के अनुसार बलात्कार के मामलों में अनजान लोगों पर मामले दर्ज होने की संख्या में कमी आई है. मध्यप्रदेश में 2020 में बलात्कार के सब मामलों में परिचितों द्वारा बलात्कार के मामले 98.6% हैं. इसमें सबसे अधिक संख्या लिव इन रिलेशन में रहने वाले लोगों की है.
पुरुषों पर दबाव बनाने के लिए महिलाएं करा रही हैं मामले दर्ज!
भोपाल में रहने वाले संजय दो बच्चों के पिता थे. लगभग 3 साल से एक महिला के साथ लिव इन रिलेशन में रह रहे थे. बाद में महिला ने दबाव बनाया कि वह अपने परिवार को छोड़ दे. संजय ने जब उसकी बात मानने से इनकार किया तो महिला ने उनके खिलाफ शादी का झांसा देकर बलात्कार का मामला दर्ज करा दिया. संजय की गिरफ्तारी हो गई. लगभग 1 साल बाद संजय जब महिला की शर्त को स्वीकार कर लिया तब उसने केस वापस ले लिया और आज दोनों साथ में रह रहे हैं. संजय ने अपनी पहली पत्नी से तलाक ले लिया.
अनबन हुई तो पार्टनर पर केस, लाखों वसूले
पुरुषों के अधिकारों के लिए काम कर रही संस्था भाई के अध्यक्ष जाकिर ने बताया कि लिव इन रिलेशन में रह रहे लोगों के बहुत से मामले उनके पास आ रहे हैं . काफी तेजी से मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. उन्होंने बताया कि ऐसा ही एक मामला था. इसमें एक युवक महिला के साथ लिव इन रिलेशन में रहता था. उस युवक ने उस महिला पर काफी पैसा खर्च किया .उसका जन्म दिन तक फाइव स्टार होटलों में मनाया. लेकिन बाद में किसी बात को लेकर उनके बीच में अनबन हुई. महिला ने युवक के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया. गिरफ्तारी के बाद युवक 90 दिन तक जेल में रहा. बाद में 10 लाख रुपए देकर समझौता किया.
विवाद, केस, जेल, वसूली और फिर साथ
संस्था भाई के अध्यक्ष जाकिर ने बताया कि पुनर्वास के रूप में भी महिलाओं को सरकार के द्वारा काफी पैसा दिया जा रहा है. वे पूरे प्रदेश से इसकी जानकारी जुटा रहे हैं कि किस जिले में कितना पैसा ऐसे मामलों को दिया गया है. उसके बाद कोर्ट में इन मामलों का क्या हुआ. जाकिर ने बताया कि सरकार की योजना बहुत अच्छी है. पीड़ित महिला को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए, लेकिन अधिकतर मामलों में यह देखा गया है कि उनमें समझौता हो जाता है और वह सरकार से भी पैसे ले लेते हैं. समझौता करके फिर साथ में रहने लगती हैं.