भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दिनों पत्र लिखकर सीएम शिवराज सिंह चौहान तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं. मंगलवार को लगातार दूसरे दिन लिखे पत्र में कमलनाथ ने कहा कि मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है. बेरोजगार युवक-युवतियाों को वास्तव में राहत देने के लिए सरकार को नीतिगत निर्णय लेना चाहिए.
सीएम शिवराज को लिखे लगातार दूसरे दिन पत्र में कमलनाथ ने कहा कि कोरोना कर्फ्यू के कारण बेरोजगारों की संख्या में अत्याधिक बढ़ोतरी हुई है. इस दिशा में सरकार के प्रयास असफल दिख रहे हैं.
रिजल्ट के बाद भी नहीं मिली नियुक्ति
कमलनाथ ने पत्र में कहा कि प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग एवं आदिमजाति कल्याण विभाग के अंतर्गत शिक्षकों के पदों के लिए पात्रता परीक्षा के परिणाम के बाद भी 2 वर्ष से नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं. इसी प्रकार राजस्व विभाग में पटवारी के चयनित अभ्यार्थियों और शिक्षा विभाग में चयनित लेखापाल की नियुक्तियां भी लंबित हैं.
रोजगार मांगने पर हो रही FIR
कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश के युवक-युवतियां बेरोजगारी का दंश झेलने को मजबूर हैं. रोजगार मांगने पर युवाओं के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जा रही है. कमलनाथ ने पत्र में लिखा है कि पहले भी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूर्ण करने को लेकर मैनें अनुरोध किया था, लेकिन अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है.
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राज्य सरकार की असंवेदनशीलता
पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि बेरोजगारी की स्थिति चिंताजनक होने के बाद भी भर्ती की यह स्थिति राज्य सरकार की असंवेदनशीलता दर्शाती है. कमलनाथ ने अनुरोध किया कि राज्य सरकार जल्द ही नीतिगत फैसला लेकर समुचित दिशा-निर्देश जारी करें, जिससे रोजगार के इंतजार में युवक-युवतियों को राहत मिल सके.
कमलनाथ ने सीएम शिवराज को लिखा पत्र, बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि वापस लेने की मांग
बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि के खिलाफ लिखा था पहला पत्र
कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पहले पत्र में बिजली की दरों में प्रस्तावित बढ़ोतरी को वापस लेने का आग्रह किया था. इसके साथ ही कोरोना कर्फ्यू के विगत तीन माह के बिजली दरों को माफ करने के लिए आवश्यक निर्णय लेने की मांग भी की. मध्य प्रदेश सरकार बिजली के दाम 7 प्रतिशत बढ़ाने जा रही है. इसके लिए विधानसभा के इस सत्र में बिल लाया जाएगा.