भोपाल. बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल की जवाबदारी से फारिग कर दिए गए, क्या खबर बस इतनी है? एमपी की राजनीति में इस वक्त का बड़ा सवाल ये है कि बंगाल से छुट्टी के बहुत पहले ही वहां से अपनी अटैची बांध चुके कैलाश विजयवर्गीय का संगठन की जवाबदारी से मुक्त होना एमपी की सियासत पर क्या और कितना असर दिखाएगा ? इसकी एक बानगी नगरीय निकाय चुनाव में बीजेपी के कमज़ोर दर्शन पर कैलाश विजयवर्गीय का बेबाक बयान है. जिसमें उन्होंने ग्वालियर चंबल में पार्टी को मिली हार को बीजेपी के लिए अलार्मिंग बताते हुए सीएम शिवराज सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठाया था. इसलिए यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि बंगाल से विदा होने के बाद कैलाश क्या एमपी सक्रिय होंगे? क्या वे अपनी बेबाक बयानबाजी से मध्यप्रदेश बीजेपी संगठन और सरकार की खिंचाई करते रहेंगे. (Kailash Vijayvargiya MP Politics) (Kailash Active in MP Politics)
जहां हमारी ताकत बढ़ी वहां हारे क्यों? बंगाल के प्रभार से कैलाश विजयवर्गीय (Bangal Kailash Vijayvargiya) विदाई भले एक दिन पहले हुई है, लेकिन मध्यप्रदेश में उन्होने अपनी सक्रीयता काफी पहले से बढ़ा दी थी. निकाय चुनाव के नतीजे आने के बाद बीजेपी के पहले से कमज़ोर हुए प्रदर्शन पर सबसे ज्यादा बेबाकी से बयान कैलाश विजयवर्गीय के ही आए. ग्वालियर चंबल में पार्टी की हार पर विजयवर्गीय ने कहा था कि इस हार की कल्पना नहीं की जा सकती थी. ये पार्टी के लिए अलार्मिंग है. विजयवर्गीय ने सिंधिया पर निशाना साधते हुए सरकार और संगठन की कार्यशैली पर सीधे सीधे सवाल खड़े किए थे. उन्होंने कहा कि हम वहां एक ग्रुप के आने से ताकतवर हुए थे, वहां हम अगर हारे तो क्यों हारे इस पर विचार करेंगे. विजयवर्गीय ने निकाय चुनाव में पार्टी को मिली हार को लेकर मतदाता सूची में गड़बड़ी का मुद्दा भी उठाया. सीएम शिवराज की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा था सीएम अधिकारियों पर ज्यादा भरोसा करते हैं. ऐसा उनका स्वभाव है. विजयवर्गीय ने उन्हें सलाह दी कि कार्यकर्ताओं पर भी शिवराज को उतना ही विश्वास करना चाहिए. यदि कार्यकर्ताओं पर विश्वास करते तो शायद यह गलती नहीं होती. (Bangal Kailash vijayvargiya BJP)
पार्टी में बनेंगे शोले के ठाकुर बनेंगे या मिलेगी नई भूमिका: याद कीजिए कई बरस पहले इंदौर के एक कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय ने खुद की भूमिका को फिल्म शोले के ठाकुर जैसी बताया था. अब पश्चिम बंगाल का प्रभार हट जाने के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है क्या कैलाश वाकई पार्टी में शोले के ठाकुर की स्थिति में आ गए हैं, हांलाकि विजयवर्गीय को जल्द नई जवाबदारी दिए जाने की कई चर्चाएं हैं. पश्चिम बंगाल में वे अपने संगठन कौशल का कमाल दिखा चुके हैं. वहां भले बीजेपी की सरकार ना बनी हो, लेकिन राज्य में कमल के खिलने लायक हालात बनाने में उनकी भूमिका अहम रही है. (Kailash Vijayvargiya MP Politics) (Kailash Active in MP Politics)
सीएम इन वेटिंग में एक नाम और बढ़ा: कांग्रेस की निगाह में कैलाश विजयवर्गीय की पश्चिम बंगाल से हुई छुट्टी का मतलब है कि एमपी बीजेपी की सीएम वेटिंग की कतार में एक नाम और जुड़ गया है. पार्टी प्रवक्ता नरेन्द्र सलूजा कहते हैं, बीजेपी संगठन और सरकार की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. ऐसा निकाय चुनाव को लेकर विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya MP Politics) ने अपने बयानों के जरिए पहले ही जता दिया है. विजयवर्गीय की निगाह लंबे समय से मध्य प्रदेश के सीएम की कुर्सी पर है. जिस तरह से उन्होंने पिछले दिनों सीएम शिवराज और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को निशाने पर लिया है उससे तय मानिए कि बीजेपी का अंदरुनी संकट बढ़ने वाला है.
कैलाश विजयवर्गीय की यूएसपी है बेबाकी: बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोविंद मालू कहते हैं कैलाश जी की भूमिका खुद नही पार्टी तय करती है.वे बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. पार्टी में प्रभार बदलते रहते हैं. पिछले दिनों उन्हें त्रिपुरा का चुनाव प्रभारी बनाया था. मालू कहते हैं, बेबाकी कैलाश विजयवर्गीय की यूएसपी है. पार्टी लाइन की बात करने और विपक्ष को घेरकर चकरघिन्नी बनाने की कला में कैलाश विजयवर्गीय माहिर हैं. ऐसे में अगर वे मध्य प्रदेश में एक्टिव होते हैं तो इससे आने वाले समय में पार्टी और मजबूत होगी. (Kailash Active in MP Politics)