ग्वालियर। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने (jyotiraditya scindia met pm narendra modi with family) दिल्ली में सपरिवार मुलाकात की थी. इस दौरान फोटो सेशन भी हुआ. इस मुलाकात के दौरान की एक तस्वीर ने ग्वालियर चंबल अंचल की सियासत में हलचल मचा दी है. तस्वीर में ज्योतिरादित्य के बेट महाआर्यमन पीएम के बगल में खड़े नजर आ रहे हैं, जबकि खुद ज्योतिरादित्य थोड़ी दूर खड़े हैं. अब इस तस्वीर के कई मायने निकाले जा रहे हैं. कयास यह भी लगाया जा रहा है कि सिंधिया के बेटे महा आर्यमन या फिर उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया की 2023 या फिर 2024 में राजनीति में एंट्री हो सकती है.
मुलाकात हुई, क्या बात हुई....
सिंधिया परिवार की यह तस्वीरें बता रही है कि पीएम नरेंद्र मोदी से यह मुलाकात ज्योतिरादित्य के लिए उनके बेटे और पत्नी और मां के लिए कितनी खास मुलाकात रही होगी. तस्वीर और भी ज्यादा गौर से देखा जाए तो इनमें सिंधिया के बेटे महाआर्यमन पीएम नरेंद्र मोदी के साथ आत्मीयता से खड़े नजर आ रहे हैं. पीएम भी उसी आत्मीयता से उनसे मिल रहे हैं. यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, लेकिन इन तस्वीरों के ग्वालियर चंबल अंचल में सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. इसके पीछे वजह भी है. महा आर्यमन लगातार ग्वालियर की राजनीति में सक्रिय नजर आ रहे हैं और तस्वीर के सामने आने के बाद उनकी सक्रियता और बढ़ जाने के कयास लगने शुरू हो गए हैं. महाआर्यमन 26 साल के हो चुके हैं. खास बात यह है कि इतनी ही उम्र में उनके दादा माधवराव सिंधिया लोकसभा चुनाव जीतकर संसाद बन गए थे, लिहाजा माना जा रहा है कि सिंधिया परिवार महाआर्यमन के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव में इस इतिहास को दोहरा सकता है.
जयविलास में धूमधाम से मनाया गया था जन्मदिन
अभी हाल में ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बेटे महा आर्यमन सिंधिया का जन्मदिन था और यह जन्मदिन ग्वालियर जय विलास पैलेस पर काफी धूमधाम से मनाया गया था. ऐसा पहली बार देखने को मिला जब महा आर्यमन सिंधिया ने महल में अपने हजारों युवा समर्थकों के साथ बर्थडे मनाया. इसके बाद अब पीएम मोदी की मुलाकात इन कयासों को और बल दे रहे हैं कि महाआर्यमन जल्द ही अंचल की सियासत में एंट्री लेने वाले हैं. 2019 में अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट महाआर्यमन बीते 3 साल से पिता के चुनावी क्षेत्र में भी लगातार सक्रिय हैं और राजनीति की बारीकियों को समझ रहे हैं. ग्वालियर चंबल अंचल के वरिष्ठ पत्रकार दिवस श्रीमाली मानते हैं कि यह एक तरीके से उनकी सियासी लॉन्चिंग ही है, हालांकि उन्होंने अभी पार्टी की सदस्यता नहीं ली है. श्रीमाली इतिहास पर ध्यान देते हुए कहते हैं कि सिंधिया परिवार में पिता और बेटा एक साथ राजनीति में कभी नहीं आए, लेकिन उन्हें राजनीति की गुरु सिखाना शुरू कर देते हैं और यही ज्योतिरादित्य और महाआर्यमन कर रहे हैं. श्रीमाली के मुताबिक इस बात की संभावना ज्यादा है किसाल 2024 के लोकसभा चुनाव में महा आर्यमन चली आ चुनावी मैदान में नजर आएं, क्योंकि ज्योतिरादित्य का राज्यसभा का कार्यकाल 2029 तक है. ऐसे में वे शायद लोकसभा का चुनाव न लड़ें. ऐसे में महाआर्यमन की ऑफिशियल पॉलिटिकल लॉन्चिंग के लिए यह गोल्डन चांस है.