भोपाल। मीसाबंदियों की पेंशन पर रोक लगाने के बाद प्रदेश सरकार इस मामले की जांच करा रही है. मीसाबंदियों के सत्यापन का कार्य 15 जिलों में पूरा हो गया है. बताया जा रहा है कि 15 जिलों में कराई गई जांच में एक भी मीसाबंदी फर्जी नहीं पाया गया है. हालांकि, अभी प्रदेश के 4 बड़े शहरों में यह जांच होना बाकी है.
मीसाबंदियों की पेंशन पर रोक लगाने को लेकर प्रदेश की राजनीति जमकर गरमाई थी. हालांकि, इसके बाद विभाग ने एक आदेश जारी कर मीसाबंदियों की जांच कराने के आदेश दिये थे ताकि पता लगाया जा सके कि प्रदेश में फर्जी तरीके से मीसाबंदी के तौर पर सम्मान निधि का लाभ तो नहीं लिया जा रहा.
बताया जा रहा है कि अभी तक प्रदेश के 15 जिलों में करीब एक हजार मीसाबंदियों का सत्यापन करा लिया गया है. लेकिन, इनमें से कोई भी मीसाबंदी संदिग्ध नहीं पाया गया है. जिन जिलों में मीसाबंदियों के सत्यापन का कार्य पूरा कर लिया गया है, उनमें खरगोन, झाबुआ, अलीराजपुर, बुरहानपुर, उज्जैन, रतलाम, गुना, सीधी, अनूपपुर, उमरिया, राजगढ़, होशंगाबाद, कटनी, मंडला और डिंडौरी शामिल हैं.
हालांकि अभी तक प्रदेश के चार बड़े शहर भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में मीसाबंदियों के सत्यापन का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. गौरतलब है कि प्रदेश में 2 हजार 715 मीसाबंदी पंजीबद्ध हैं. कांग्रेस ने सत्ता पर काबिज होते ही इस मामले की जांच करना और फर्जी मीसाबंदियों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू किया था.