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रमजान की खुशियों पर महंगाई की मार, सहरी-इफ्तार का इंतजाम भी हुआ मुश्किल - holy months in islam

माहे रमजान में फल, सब्जियां और इफ्तार में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं की कीमतें आम लोगों की पहुंच से बाहर हो रही हैं. रोजा खोलने के लिए सुन्नत मानी जाने वाली खजूर के दाम आसमान पर हैं. इसके अलावा 120 रूपए किलो में मिलने वाली फैनी अब 200 रूपए किलो मिल रही है. महंगाई के चलते खरीदार अपनी जेब ढीली करने से कतरा रहे हैं. (Inflation effecting ramadan fast)

Inflation effecting ramadan fast in bhopal
रमजान की खुशियों पर महंगाई की मार
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Published : Apr 14, 2022, 3:21 PM IST

भोपाल। रमजान का पाक महिना चल रहा है. जिसमें मुस्लिम समाज महीने भर रोजे रखकर इबादत करता है. लेकिन रमजान की खुशियों में इस बार महंगाई लोगों को परेशान कर रही है. रोजा रखने वालों के लिए इफ्तार की थाली की जरूरतों को पूरा करना भी भारी पड़ रहा है. रोजा खोलने के लिए खास तौर पर इस्तेमाल किए जाने उत्पाद काफी महंगे हैं. कोरोना के चलते 2 साल रमजान के महीने में बाजारों में रौनक गायब थी लेकिन महंगाई की मार के चलते इस बार कम खरीदारी ने बाजार को फीका कर दिया है.

रोजदारों की जेब खाली: गरीब से लेकर अमीर रोजेदार दिन भर की भूख प्यास के बाद पौष्टिक आहार से रोजा खोलना चाहते हैं. लेकिन खजूर और फल उसकी पहुंच से दूर हो रहे हैं. जिसकी वजह हैं बढ़ते हुए दाम. महंगाई की वजह से रोजदारों की जेब खाली हो रही है. मौजूदा समय देखें तो फलों के दामों में पिछले साल की तुलना में बढ़ोत्तरी हुई है. महंगाई के चलते बाजारों की रौनक खरीदारी के लिहाज से फीकी दिखाई दे रही है.

रमजान में खाने-पीने की चीजें हुई महंगी

200 रु. किलो मिल रही फैनी: दुकानदारों का कहना है कि पेट्रोल डीजल, आटा, मैदा और खाद्य तेल-घी के साथ ही दालों की कीमतों में आई तेजी के चलते ग्राहकों ने खरीदारी कम कर दी है. रोजे के लिए खास तौर पर दूध और शक्कर के साथ इस्तेमाल की जाने वाली फैनी इस बार काफी महंगी हो गई है. पहले यह फैनी 120 रूपए किलो में मिलती थी. जिसके दाम अब 200 रूपए किलो पहुंच गए हैं. दुकानदार नासिर खान और मोहम्मद इरशाद का कहना है कि धंधा नहीं है. जो लोग कभी एक किलो फैनी खरीदते थे, वह ढाई सौ ग्राम खरीद रहे हैं.

MP Fuel Price Today: लगातार तीसरे हफ्ते भी जारी है पेट्रोल और डीज़ल के दाम में बढ़ोत्तरी, जानिए क्या है नया रेट

राजधानी में रोजाना 250 टन फैनी की खपत: रमजान में राजधानी में 250 टन फैनी की खपत हो जाती है. ऊंची क्वालिटी की देसी घी से बनी फैनी की खपत रोजाना 10 टन की है. एक रिवायत के चलते सहरी में खासतौर पर फैनी का उपयोग किया जाता है. भोपाल से आसपास के शहरों इंदौर, जबलपुर, देवास, होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ तक फैनी की सप्लाई होती है.

बूंदी, रिफाइंड और सरसों तेल भी महंगा: फैनी के साथ नुक्ति या बूंदी अलग-अलग रंगों में बाजार में उपलब्ध है, लेकिन बहुत कम मात्रा में बिक रही है. महंगाई के चलते खरीदार अपनी जेब ढीली करने से कतरा रहे हैं. इसके साथ ही रसोई घर के उपयोग में आने वाले रिफाइंड और सरसों तेल की कीमतें भी कम नहीं हो रही हैं. इसके बिना इफ्तार के लिए जरूरी बेसन से बनने वाले खाने के पकौड़े, चॉप और अन्य चीजें भी नहीं बन सकती हैं.

ईरान और सऊदी अरब की खजूर भोपालवासियों की पहली पसंद: रोजेदारों के लिए खजूर से रोजा खोलना सुन्नत माना जाता है. वैसे तो मार्केट में 40 से ज्यादा खजूर की वैरायटी मौजूद हैं. लेकिन सऊदी अरब की कलमी,अजबा,अंबर वाली खजूर राजधानीवासियों की पहली पसंद है. साथ ही ईरान, अफगानिस्तान, की खजूर की बिक्री अधिक हो रही है. बाजार में खजूर की कीमत 250 से लेकर ढाई हजार रुपए किलो तक है.

(Holy month Ramadan 2022) (Inflation effecting ramadan fast in bhopal) (Difficult to arrange sehri iftar food items)

भोपाल। रमजान का पाक महिना चल रहा है. जिसमें मुस्लिम समाज महीने भर रोजे रखकर इबादत करता है. लेकिन रमजान की खुशियों में इस बार महंगाई लोगों को परेशान कर रही है. रोजा रखने वालों के लिए इफ्तार की थाली की जरूरतों को पूरा करना भी भारी पड़ रहा है. रोजा खोलने के लिए खास तौर पर इस्तेमाल किए जाने उत्पाद काफी महंगे हैं. कोरोना के चलते 2 साल रमजान के महीने में बाजारों में रौनक गायब थी लेकिन महंगाई की मार के चलते इस बार कम खरीदारी ने बाजार को फीका कर दिया है.

रोजदारों की जेब खाली: गरीब से लेकर अमीर रोजेदार दिन भर की भूख प्यास के बाद पौष्टिक आहार से रोजा खोलना चाहते हैं. लेकिन खजूर और फल उसकी पहुंच से दूर हो रहे हैं. जिसकी वजह हैं बढ़ते हुए दाम. महंगाई की वजह से रोजदारों की जेब खाली हो रही है. मौजूदा समय देखें तो फलों के दामों में पिछले साल की तुलना में बढ़ोत्तरी हुई है. महंगाई के चलते बाजारों की रौनक खरीदारी के लिहाज से फीकी दिखाई दे रही है.

रमजान में खाने-पीने की चीजें हुई महंगी

200 रु. किलो मिल रही फैनी: दुकानदारों का कहना है कि पेट्रोल डीजल, आटा, मैदा और खाद्य तेल-घी के साथ ही दालों की कीमतों में आई तेजी के चलते ग्राहकों ने खरीदारी कम कर दी है. रोजे के लिए खास तौर पर दूध और शक्कर के साथ इस्तेमाल की जाने वाली फैनी इस बार काफी महंगी हो गई है. पहले यह फैनी 120 रूपए किलो में मिलती थी. जिसके दाम अब 200 रूपए किलो पहुंच गए हैं. दुकानदार नासिर खान और मोहम्मद इरशाद का कहना है कि धंधा नहीं है. जो लोग कभी एक किलो फैनी खरीदते थे, वह ढाई सौ ग्राम खरीद रहे हैं.

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राजधानी में रोजाना 250 टन फैनी की खपत: रमजान में राजधानी में 250 टन फैनी की खपत हो जाती है. ऊंची क्वालिटी की देसी घी से बनी फैनी की खपत रोजाना 10 टन की है. एक रिवायत के चलते सहरी में खासतौर पर फैनी का उपयोग किया जाता है. भोपाल से आसपास के शहरों इंदौर, जबलपुर, देवास, होशंगाबाद, सीहोर, रायसेन, विदिशा और राजगढ़ तक फैनी की सप्लाई होती है.

बूंदी, रिफाइंड और सरसों तेल भी महंगा: फैनी के साथ नुक्ति या बूंदी अलग-अलग रंगों में बाजार में उपलब्ध है, लेकिन बहुत कम मात्रा में बिक रही है. महंगाई के चलते खरीदार अपनी जेब ढीली करने से कतरा रहे हैं. इसके साथ ही रसोई घर के उपयोग में आने वाले रिफाइंड और सरसों तेल की कीमतें भी कम नहीं हो रही हैं. इसके बिना इफ्तार के लिए जरूरी बेसन से बनने वाले खाने के पकौड़े, चॉप और अन्य चीजें भी नहीं बन सकती हैं.

ईरान और सऊदी अरब की खजूर भोपालवासियों की पहली पसंद: रोजेदारों के लिए खजूर से रोजा खोलना सुन्नत माना जाता है. वैसे तो मार्केट में 40 से ज्यादा खजूर की वैरायटी मौजूद हैं. लेकिन सऊदी अरब की कलमी,अजबा,अंबर वाली खजूर राजधानीवासियों की पहली पसंद है. साथ ही ईरान, अफगानिस्तान, की खजूर की बिक्री अधिक हो रही है. बाजार में खजूर की कीमत 250 से लेकर ढाई हजार रुपए किलो तक है.

(Holy month Ramadan 2022) (Inflation effecting ramadan fast in bhopal) (Difficult to arrange sehri iftar food items)

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