भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी बूथ विस्तारक अभियान के जरिए डिजिटलाइजेशन और फिजिकल वेरिफिकेशन की मुहिम चलाए हुए है. इस अभियान को सफल बनाने की तमाम नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह अभियान नेताओं का रिपोर्ट कार्ड बनाने में अहम भूमिका निभाने वाला है. राज्य में बीजेपी ने 20 जनवरी को बूथ विस्तारक अभियान शुरू किया था, यह अभियान 30 जनवरी तक चलना था. मगर तकनीकी गड़बड़ी और कुछ नेताओं के लापरवाह रवैया के कारण इस अभियान को पांच फरवरी तक के लिए बढ़ाना पड़ा है.
सामान्य कार्यकर्ता के साथ ही बड़े नेताओं की दी गई जिम्मेदारी
बीजेपी ने संगठन एप के जरिए अपने कार्यकतार्ओं का विवरण दर्ज करने का अभियान चलाया है. इसके साथ ही पुस्तिका में भी ब्यौरा दर्ज किया जा रहा है. पार्टी राज्य के 65 हजार बूथ पर यह अभियान चलाए हुए हैं और पन्ना समितियां भी बनाई जा रही हैं. बीजेपी ने गांव-गांव पहुंचकर 20 हजार प्रशिक्षित कार्यकतार्ओं के जरिए डिजिटलाइजेशन, फिजिकल वेरीफिकेशन के साथ विवरण तैयार करने के इस अभियान को सफल बनाने की जिम्मेदारी बड़े नेताओं को भी सौंपी. इन सभी को 10 दिन 10-10 घंटे अर्थात कुल 100 घंटे इस अभियान का हिस्सा बनने को कहा गया. मगर कई ऐसे नेता हैं जिन्होंने 10 दिन में मुश्किल से 10 घंटे ही अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन किया.
कई नेताओं ने नहीं दिखाई रुचि
पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह बात सही है कि संगठन एप् पर जानकारी लोड करने में नेटवर्क की समस्या के चलते कुछ दिक्कतें आई. तो वहीं कई नेताओं ने इस अभियान में ज्यादा रुचि नहीं ली. यही कारण रहा कि अभियान को पांच फरवरी तक के लिए बढ़ाना पड़ा है. अभियान खत्म होने के बाद पार्टी प्रत्येक बूथ स्तर से जानकारी जुटाएगी और उस आधार पर इस बात का अध्ययन किया जाएगा कि किन नेताओं ने इस अभियान में लापरवाह रवैया अपनाया. कुल मिलाकर इस अभियान के जरिए भाजपा के नेताओं का रिपोर्ट कार्ड भी तैयार होगा.
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इनपुट - आईएएनएस