भोपाल। पिछली सरकार की संबल योजना का नाम बदलकर मौजूदा सरकार ने नया सवेरा कर दिया है. संबल योजना के जरिए करीब 70 लाख अपात्रों को लाभ पहुंचाने की बात सामने आई है. जिसकी कमलनाथ सरकार जांच कराने की तैयारी कर रही है. जिसको लेकर एक बार फिर प्रदेश की सियासत गरमाने लगी है. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने आरोप लगाया कि कमलनाथ सरकार गरीबों को संबल योजना का लाभ नहीं देना चाहती है. इसलिए इस तरह के आरोप लगा रही है. अगर संबल योजना में कोई गड़बड़ी हुई तो उसकी जांच कराकर कार्रवाई करें.
गोपाल भार्गव का कहना है कि घोटाला, गड़बड़ी और जानबूझकर किसी को लाभ पहुंचाने पर सरकार कार्रवाई करे. सिंहस्थ, पौधरोपण, निर्माण कार्य में गड़बड़ी के भी आरोप लगे हैं, लेकिन कार्रवाई आज तक नहीं हुई. शिगूफेबाजी छोड़ें और सीधे क्यों नहीं कहते कि संबल योजना का लाभ गरीबों को नहीं देना चाहते है. हमें गरीबों की मौत पर दो लाख, दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख, प्रसूताओं को 16 हजार, कफन-दफन के लिए पांच हजार, बिजली के बिलों को आधा नहीं करना है.
कमलनाथ सरकार न करे बहानेबाजी
भार्गव ने कहा कि ये बहानेबाजी कर रहे हैं कि उसमें बहुत से गलत नाम हैं और इस योजना के क्रियान्वयन से बचना है क्योंकि कमलनाथ सरकार गरीब आदमी को पैसा नहीं देना चाहती है. कर्जमाफी को लेकर बहुत बड़ी-बड़ी बातें की जा रही हैं, लेकिन किसी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ.
मुझे नहीं दिख रहा नया सवेरा
भार्गव ने आगे कहा कि संबल योजना को नया सवेरा कह रहे हैं. मैं रोज सूरज देखता हूं, लेकिन मुझे नया सवेरा नहीं लगता है और पुराना सवेरा जैसा ही सवेरा होता है, कमलनाथ के नया सवेरा को उन्होंने नौटंकी बताया है. जनता का कोई भला नहीं हो रहा है. कर्जमाफी नहीं हुई जिससे किसान आत्महत्या कर रहे हैं. झोपड़ी में रहने वालों के बिल हजारों रुपए आ रहे हैं. प्रदेश की सड़कों की हालत खस्ता हैं. 16 साल पहले की तरह बर्बाद हो गईं.