भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले आवासहीनों के लिए मंगलवार का दिन खुशियां लेकर आने वाला है. क्योंकि इस दिन प्रदेश के पांच लाख से ज्यादा आवास हीनों को अपना मकान मिलने वाला है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी 29 मार्च को प्रदेश के पांच लाख 21 हजार हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में गृह-प्रवेश (वर्चुअल) कराएंगे. प्रदेश में अभी तक इस योजना में 24 लाख 10 हजार से अधिक आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं.
मध्य प्रदेश में आवासहीनों को आशियाना: बीते वर्षों में आवासहीनों को मिले आवासों पर गौर करें, तो पता चलता है कि वर्ष 2016-17 में योजना में 152 आवास पूर्ण हुए थे. वर्ष 2017-18 में छह लाख 36 हजार, वर्ष 2018-19 में छह लाख 79 हजार, वर्ष 2019-20 में दो लाख 71 हजार, वर्ष 2020-21 में दो लाख 60 हजार और वर्ष 2021-22 में पांच लाख 41 हजार से अधिक प्रधानमंत्री आवास पूर्ण कराये जा चुके हैं.
2024 तक हर व्यक्ति को पक्का आवास: भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा एक अप्रैल, 2016 से प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) देश में शुरू की गई. इसमें सभी पात्र बेघर परिवारों एवं कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को वर्ष 2024 तक पक्का आवास उपलब्ध कराया जायेगा. जिनमें सभी बुनियादी सुविधाएं होंगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संकल्प है कि प्रदेश का कोई भी गरीब कच्चे मकान में नहीं रहेगा. हर व्यक्ति का अपना पक्का मकान होगा, प्रधानमंत्री आवास योजना में वर्ष 2024 तक हर व्यक्ति को पक्का आवास उपलब्ध करा दिया जायेगा.
मध्य प्रदेश में आवासहीनों को आशियाना, 5 लाख गृह लक्ष्मियों का होगा गृह प्रवेश
स्व-सहायता समूहों को निर्माण कार्य से जोड़ा गया: योजना में हितग्राही का चयन सामाजिक, आर्थिक एवं जाति जनगणना-2021 की सर्वे सूची के आधार पर किया जाता है. प्रदेश में आवास निर्माण में फ्लाई ऐश ब्रिक्स के उपयोग के लिये हितग्राहियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. यह ईंटें सामान्य ईंट की तुलना में सस्ती एवं गुणवत्तापूर्ण होती हैं. प्रदेश में स्व-सहायता समूहों को भी आवास निर्माण के कार्य से जोड़ा गया है.
महिलाओं का हो रहा आर्थिक सुदृढ़ीकरण: प्रदेश में 33 स्व-सहायता समूहों के 300 से ज्यादा सदस्य लगभग 60 से 65 हजार फ्लाई ऐश ईंट प्रतिदिन बना रहे हैं. इसके अलावा लगभग 2800 स्व-सहायता समूहों के 11 हजार 840 सदस्यों को बैंकों से ऋण दिलवा कर सेन्टरिंग सामग्री उपलब्ध कराई गई है. इन कार्यों से ग्रामीण क्षेत्र के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं का आर्थिक सुदृढ़ीकरण भी हो रहा है.
इनपुट - आईएएनएस