भोपाल। मध्य प्रदेश की गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा आज राष्ट्रीय पिट्ठू प्रतियोगिता का शुभारंभ करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने कहा कि, पहले हम लोगों को कश्मीर से निकालकर नहीं ला पाते थे, अब तो यूक्रेन से छात्रों को निकाल कर ले आए, यह ताकत है भारतीय तिरंगे की. पहले मुरली मनोहर जोशी की तिरंगा यात्रा को कश्मीर में जाने नहीं दिया जाता था, अब तो लाल चौक पर तिरंगा फैरता है.
पिट्टू प्रतियोगिता का शुभारंभ: भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम में 28 से 30 मार्च तक पिट्टू की सीनियर राष्ट्रीय प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है, ये इस प्रतियोगिता का दूसरा सीजन है. प्रतियोगिता का शुभारंभ मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने किया, पिट्टू खेल प्रेमियों के लिए पिट्टू फेडरेशन ऑफ इंडिया की इस अनोखी प्रतियोगिता में मेजबान मध्यप्रदेश सहित देश के 14 राज्यों के करीब 350 खिलाड़ी ने हिस्सा लिया.(Narottam Mishra inaugurated National Pittu Competition)
गृह मंत्री ने बताई तिरंगे की ताकत: इस मौके पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भारत के तिरंगे की ताकत बताते हुए कहा कि, खिलाड़ी इस तिरंगे के साथ खेलों में जाते हैं, इसलिए उन्हें इसके मान का भी ध्यान रखना चाहिए. एक समय था जब हम कश्मीर से लोगों को बाहर निकाल नहीं पाए, जबकि अब तो यूक्रेन तक से हम छात्रों को वापस लाएं. उन्होंने कहा कि, पहले मुरली मनोहर जोशी की तिरंगा यात्रा को कश्मीर में जाने नहीं दिया जाता था, अब तो लाल चौक पर तिरंगा फैरता है.
पिट्टू भारत का पारंपरिक खेल: देश के अलग-अलग राज्यों में पिट्टू यानी सितोलिया खेला जाता है, ये हमारे पारंपरिक खेलों में से एक है. अलग-अलग राज्यों में इस खेल को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार और छत्तीसगढ़ में इसे पिट्टू कहा जाता है. वहीं आंध्र प्रदेश में यडू पेंकुलटा, पिट्टू, कर्नाटक में लागोरी, महाराष्ट्र में लिंगोरचा, लागोपी कहा जाता है. साथ ही राजस्थान और मध्यप्रदेश में इसे सितोलिया कहा जाता है.