भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच देशभर में ऑनलाइन क्लासों के जरिए पढ़ाई हो रही है. वही अब कॉलेजों में एडमिशन की प्रक्रिया भी शुरु हो चुकी है. इन्ही सब मुद्दों पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए ऑनलाइन पढ़ाई, एडमिशन की प्रक्रिया और नयी शिक्षा नीति पर अपनी राय दी.
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है कि नई शिक्षा नीति से प्रदेश के कॉलेजो में कई बदलाव देखने को मिलेंगे, उन्होंने बताया इस नीति के तहत मल्टीप्ल एंट्री और एग्जिट व्यवस्था लागू की गई है. आज की व्यवस्था में अगर चार साल की इंजीनियरिंग पढ़ने या 6 सेमेस्टर पढ़ने के बाद किसी कारण से स्टूडेंट आगे नहीं पढ़ पाते, तो फिर उनके पास कोई उपाय नहीं होता. लेकिन नई शिक्षा नीति में अब कई विकल्प दिए गए है. जहां हर स्टूडेंट मल्टीप्ल एंट्री ओर एग्जिट सिस्टम में एक साल के वाद सर्टिफिकेट, दो साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल बाद डिग्री मिल जाएगी. जो छात्रों के हित में एक बड़ा फैसला है.
नई शिक्षा नीति पर गठित की गई कमेटी
मंत्री मोहन यादव यादव ने बताया प्रदेश में नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए विभाग के साथ वेबिनार का आयोजन कर सबसे सलाह ली गई. जिसके बाद एक कमेटी गठित की गई है. जिसमे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर रणनीति बनाई जा रही है. उन्होंने कहा आज भले ही कोरोना के चलते कॉलेज बंद है, लेकिन जैसे ही सब ठीक होगा कॉलेजों में नई शिक्षा नीति के बदलाव देखने को मिलेंगे. जिसके लिए मध्य प्रदेश सरकार पूरी तरह से तैयार है.
ऑनलाइन क्लासों के लिए बढ़ा रहे हैं संसाधन
कोरोना संक्रमण के चलते कॉलेजो में ऑनलाइन क्लासों पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि ग्रामीण छेत्रों में जिन छात्रों के पास संसाधनों की कमी है या नेटवर्क के चलते वे क्लास से नहीं जुड़ पा रहे, ऐसे छात्रों के लिए विभाग ऑनलाइन लेक्चर रिकॉर्ड कर रहा है. जिसके छात्रों को पीडीएफ उपलब्ध कराए जा रहे है. ताकि उनकी पढ़ाई हो सके.
शिक्षा पर हुआ कोरोना का असर
मंत्री मोहन ने यादव ने कहा कि जाहिर तौर पर कोरोना का गहरा असर शिक्षा पर हुआ है, जिससे न केवल शैक्षणिक संस्थान बल्कि हर वर्ग इससे पीड़ित है और इनके लिए वैकल्पिक इंतजाम भी किये गए हैं. हालांकि सामान्य दिनों की पढ़ाई से ऑनलाइन क्लासों की तुलना नहीं की जा सकती. लेकिन संक्रमण जब तक है तब तक इसी व्यवस्था के साथ चलना होगा और इसकी आदत सभी को डालनी होगी.
ऑनलाइन परीक्षाओ मंत्री ने कहा प्रदेश में अलग-अलग राज्यों से छात्र पढ़ाई करने के लिए आते हैं. ऐसे में अगर कॉलेज में परीक्षाए कराते है तो इससे छात्रों में संक्रमण फैलने का खतरा है. शिक्षकों को भी इसलिए उच्च अधिकारियों विभाग के साथ मिलकर फर्स्ट सेमेस्टर के छात्रों को जनरल प्रमोशन देने का निर्णय किया गया. जबकि फाइनल ईयर के छात्रों के लिए ऑनलाइन परीक्षाओं की व्यवस्था की गई है.
अगले सत्र की तैयारी शुरु हो रही है
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बताया कि हमे अगले सत्र की भी तैयारी करनी है और नई शिक्षा नीति के तहत सिलेबस तैयार भी कराना होगा. संक्रमण के चलते बहुत नुकसान हुआ है इसलिए सिलेबस में कटौती भी की जाएगी. जिसके लिए सालभर का डाटा तैयार कर जरुरी सिलेबस को पूरा किया जायगा और कुछ कटौती कर सिलेबस कम्पलीट किया जाएगा.