जबलपुर। भोपाल के नये मास्टर प्लाॅन को चुनौती देने वाली याचिका को लेकर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई की गई. इसमें सरकार ने हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजय यादव तथा जस्टिस आरके दुबे से समय प्रदान करने का आग्रह किया. युगलपीठ ने आग्रह को स्वीकार करते हुए याचिका पर अगली सुनवाई दस दिन बाद निर्धारित की है.
याचिकाकर्ता की तरफ से ये भी बताया गया कि, 17 सौ से अधिक आपत्तियां पेश की गई हैं, जिसकी सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम हो रही है. जिसके कारण आपत्तिकर्ता अपना पूरा पक्ष तथ्य तथा साक्ष्य के साथ प्रस्तुत नहीं रख पा रहा है. एनटीसीए की तरफ से पेश किये गये जवाब में कहा गया कि, मास्टर प्लाॅन में भोपाल से लगे बाधों के लिए संरक्षित क्षेत्र को शामिल किया जा रहा है, जिस पर उनकी तरफ से आपत्ति है.
भोपाल सिटीजन फोरम की तरफ से पूर्व डीजीपी अरूण गुर्टू की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि, भोपाल के नये मास्टर प्लाॅन में ढाई सौ से अधिक गांव को शामिल किया जा रहा है. इसके अलावा आसपास बाघ के लिए संरिक्षत क्षेत्र तथा तालाब के जलग्रहण क्षेत्र को शामिल किया जा रहा है. याचिका में यह भी कहा गया है कि, आपत्तियों के निराकरण के लिए जो कमेटी गठित की गई है, उसका वैधानिक तौर पर कोई औचित्य नहीं है.