भोपाल। छत्तीसगढ़ में गोबर के जरिए ग्रामीण अर्थ व्यवस्था में बड़ा बदलाव आया है और इसे अपने-अपने तरह से अन्य राज्य भी अपना रहे हैं. इसी क्रम में मध्य प्रदेश सरकार भी शहरों में गाय के गोबर की खरीदी शुरू करने जा रही है. इसके लिए प्रदेश के विभिन्न शहरों में गोबर-धन प्रोजेक्ट शुरू किए जाने वाले हैं. पचमढ़ी में चल रही शिवराज मंत्रिमडल की चिंतन बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में गोबर-धन प्रोजेक्ट प्रारंभ होंगे. गाय के गोबर को क्रय करने की व्यवस्था की जाएगी.
आय होने पर गौ-पालन के लिए प्रेरित होंगे लोग: गुजरात सहित अन्य राज्यों में गौ-संवर्धन और गौ-संरक्षण के प्रयोगों का अध्ययन कर मध्यप्रदेश में नवीन कार्यों की शुरूआत होगी. आमजन को गाय और सड़क पर विचरण करने वाले अन्य पशुओं की देखभाल के प्रति जागरूक करने का कार्य भी किया जाएगा. गाय के गोबर और गौ-मूत्र से आय होने पर आम नागरिक गौ-पालन के लिए प्रेरित होंगे. गौ-शालाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए भी ठोस प्रयास किए जाएंगे.
बड़े पैमाने पर होगा गोबर का उपयोग: मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इंदौर में गोबर-धन योजना में पीएनजी संयंत्र के संचालन के सफल प्रयोग को अन्य स्थानों तक ले जाया जाएगा. गोबर का उपयोग बड़े पैमाने पर गौ-काष्ठ के निर्माण में किया जाता है. इसे प्रोत्साहित किया जाएगा. इससे गौ-पालकों को भी राशि प्राप्त होगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क पर विचरण करने वाले पशुओं की बेहतर व्यवस्था के लिए मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में गठित मंत्री समूह आगे भी कार्य करता रहेगा. इस समूह में मंत्री विश्वास सारंग, प्रद्युम्न सिंह तोमर, प्रेम सिंह पटेल, ऊषा ठाकुर और मोहन यादव शामिल हैं.
वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाई जा रही: मंत्री समूह के प्रस्तुतिकरण में मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने बताया कि गाय श्रद्धा का केन्द्र है. गौ-काष्ठ के अलावा वर्मी कम्पोस्ट खाद भी बनाया जा रहा है. यह खाद महंगी कीमत पर बिकती है. गौ-शालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास को बढ़ाने के सुझाव मिले हैं. गायों के संरक्षण के लिए अन्य गतिविधियों का संचालन किया जा सकता है. गाय का पालन लाभ का कार्य बनें इसके लिए विभिन्न सुझाव प्राप्त हुए हैं.
(Shivraj government will buy cow dung)
-आईएएनएस