भोपाल। गीता एक ऐसा ग्रंथ है जिससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है. उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव का कहना है कि इसी से सभी क्रांतिकारियों ने बहुत कुछ सीखा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए मोहन यादव ने कहा है कि गीता के पाठ्यक्रम को इसी सत्र से कॉलेज लेवल पर भी शुरू किया जाएगा. इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि महाकाल मंदिर के एक फेस के प्रोजेक्ट को मई अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इसमें प्रधानमंत्री को भी बुलाया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने कई अहम मुद्दों पर बातचीत की.
सवाल: मध्य प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम किए जा रहे हैं. वहीं कॉलेजों को लेकर लगातार नए प्रयास किए जा रहे हैं, क्या है ये प्रयास और क्यों है?
जवाब: विश्वविद्यालय लगातार अपनी ग्रेडिंग सुधार रहे हैं. 6 विश्वविद्यालयों को एक्सीलेंस विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी है. आगे चलकर 16 विश्वविद्यालयों में यह प्रक्रिया की जाएगी. इसमें रोजगार से लेकर तमाम सुविधाएं छात्रों को एक ही जगह पर उपलब्ध कराई जाएंगी.
सवाल: क्या है ये डिजिटल लॉकर और इससे छात्रों को कैसे लाभ मिलेगा?
जवाब: डीजी लॉकर इस महीने से सभी विद्यालयों में खोलने की व्यवस्था की जा रही है. इसके तहत बच्चे अपने उपयोगी डॉक्यूमेंट ऑनलाइन के माध्यम से डिजिटल कर सकेंगे. वह साथ में अपने डाक्यूमेंट्स लेकर घूमेंगे नहीं. इसके माध्यम से अपने डॉक्यूमेंट सुरक्षित रख सकते हैं. वर्तमान के युग में इसकी जरूरत हर छात्र को है. अगर विदेश में भी बच्चे जाते हैं तो निश्चित तौर पर इसका फायदा छात्रों को मिलता है. दुनिया का सबसे युवा देश भारत है यहां नए संसाधनों की सुविधा छात्रों को दी जा रही है.
सवाल: कॉलेजों में जो परीक्षाएं हुई है उनके रिजल्ट कब तक आएंगे?
जवाब: 30 जून तक सभी कॉलेजों के रिजल्ट घोषित करने की तैयारी की जा रही है. कोरोना के चलते कोई परीक्षाएं समय से पहले हो गई है तो वहीं कोई परीक्षा समय के बाद हुई है, लेकिन 30 जून तक रिजल्ट घोषित किया जाएगा.
सवाल: शिक्षा पर कोरोना का कितना फर्क पड़ा है?
जवाब: कोरोना से पूरा समाज प्रभावित हुआ है. एजुकेशन पर सबसे ज्यादा प्रभाव हुआ, लेकिन कोरोना में भी मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में शिक्षा में कमी नहीं लाई और बदलाव किया गया. गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया गया. जब बात जनरल प्रमोशन की आई थी तब भी हमने कहा था कि जनरल प्रमोशन समाधान नहीं है. ओपन बुक के माध्यम से छात्रों के एग्जाम किए जाएं. ऐसी परीक्षा प्रणाली से छात्रों को फायदा हुआ और इस बार जब कोरोना का असर कम रहा तो ऑफलाइन कक्षाओं का फायदा छात्रों को मिला. बड़ी संख्या में छात्र इसमें शामिल हुए.
सवाल: क्या छात्रों ने ऑफलाइन परीक्षा को अप्रिशिएट किया?
जवाब: जब डिग्री बनती है तो उसमें साफ तौर पर लिखा जाता है कि ओपन बुक्स एग्जाम हुआ, लेकिन ऑफलाइन होंगे तो इससे उनकी डिग्री पर भी फर्क पड़ेगा और उनके बच्चों को बेहतर रिजल्ट मिलेगा.
सवाल: उच्च शिक्षा विभाग ने गीता को भी पढ़ाने की बात कही है?
जवाब: हम अपनी जड़ों से जुड़े इसके लिए जरूरी है कि गीता भी पढ़ाई जाए. नई शिक्षा नीति ने इसका रास्ता खोला है. आजादी के बाद से हमें जब नई शिक्षा नीति मिली है, तो हमने सभी से चर्चा की. इस मुद्दे पर सभी ने कहा कि हम अपनी आध्यात्मा और सांस्कृतिक विरासत पर गर्व कर सकें ऐसे में उनको भी इसमें शामिल किया जाए. इसी वजह से गीता को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है. भगवान राम का आदर्श, भाई के साथ, पत्नी के साथ व्यवहार है. यह सब आज की पीढ़ी को जानना जरूरी है. कृष्ण के काल में भी गीता का जो उपदेश दिया, हमारे जीवन में यह जानना जरूरी है. इसी सत्र से इसकी शुरुआत पाठ्यक्रम में की जाएगी. कोई भी क्रांतिकारी हो उन्होंने गीता से ही सब कुछ सीखा है.
सवाल: उज्जैन में जो शिवरात्रि के अवसर पर 21 लाख दीपक जले थे ये कैसे संभव हुआ था?
जवाब: हमारे यहां 2000 साल पहले ऐसा महापुरुष विक्रमादित्य पैदा हुआ जिसका जीवन समानिय है. हर जगह उसका नाम है. विक्रमादित्य कनविक्रम संवत का जब परिवर्तन होता है तो वह ऐतिहासिक होना चाहिए. ऐसा हमने सोचा और हमने उस दिन दीपावली की तरह उज्जैन में दिए जलाए, महाकाल की नगरी में वह वैभव ना आए ऐसा हो नहीं सकता. महाशिवरात्रि पर जो रिकॉर्ड बना वह काबिले तारीफ है और इसके लिए उज्जैन वासी साधुवाद के पात्र हैं. महाकाल के हर काम में जन्म उत्सव मनाया जा रहा है प्रधानमंत्री जी का इसके लिए शुक्रिया. महाकाल के जीर्णोद्धार को लेकर भी लगातार काम हो रहे हैं, हमारे पहले प्रोजेक्ट का काम जल्द हो जाएगा. मई के अंत तक यह काम पूरा करने की तैयारी है. अब 2000 साल बाद एक बार फिर वैसा ही स्वरूप उज्जैन में नजर आएगा.
सवाल: उज्जैन की उद्योग नगरी को भी क्या राष्ट्रीय स्तर पर बनाया जा रहा है?
जवाब: अब सिर्फ धार्मिक नगरी नहीं, धार्मिक के साथ-साथ रोजगार मुखी भी उज्जैन होती जा रही है. विज्ञान की नगरी उज्जैन बन रही है. यहां पर उप नगरी में उद्योग की स्थापना की जा रही है. यहां विक्रम यूनिवर्सिटी में सबसे ज्यादा कोर्स है जिसमें वेद ज्ञान भी है, उस पर हम काम कर रहे हैं.
सवाल: आगे आज राजनीति में क्या काम करना चाहते हैं और आपका क्या सपना है?
जवाब: हर व्यक्ति को अपने परिवार का ध्यान रखना चाहिए. आचरण, व्यवहार का ध्यान रखना चाहिए. राजनीति हमारे लिए सेवा का माध्यम हो यही होना चाहिए. जितना प्रयास हो वो पूरा हो. जिस उद्देश को लेकर हम और हमारी पार्टी और मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री काम कर रहे हैं वहीं काम पूरा करना है. हमारे व्यक्तिगत जीवन में हम अपनी जीविका का प्रबंधन करें, लेकिन अपने काम से देश का नाम भी रोशन करें.