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जानिए अपने शहर में दीपावली के दिन श्री लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त

आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार गुरुवार के दिन दीपावली का होना अपने आप में ही विशेष महत्व रखता है, क्योंकि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का होता है, जो माता लक्ष्मी के स्वामी हैं. मां लक्ष्मी की आराधना के लिए शुभ मुहूर्त स्थिर लग्न का होता है. दीपावली का त्योहार मुख्यतः रात में मनाया जाता है, रात के शुभ मुहूर्त में मां लक्ष्मी, गणेश और कुबेर जी की पूजा करना बेहद फलदाई माना जाता है.

diwali muhurt pujan in cities of MP
श्री लक्ष्मी-गणेश पूजन
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Published : Nov 4, 2021, 5:18 PM IST

भोपाल। दीपावली के दिन यदि भगवान गणेश के साथ माता लक्ष्मी की पूजा शुभ मुहूर्त में करने का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में लक्ष्मी जी को सुख-समृद्धि और धन की देवी माना जाता है. मान्यता है कि दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. इस दिन भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी के साथ देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर की भी पूजा की जाती है. वर्ष 2021 में दिवाली का त्योहार 04 नवंबर, गुरुवार को है. दीपावली हिंदू धर्म के लोग ही नहीं, बल्कि सिख, जैन, बौद्ध आदि धर्मों के लोग भी बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं.

आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार गुरुवार के दिन दीपावली का होना अपने आप में ही विशेष महत्व रखता है, क्योंकि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है, जो माता लक्ष्मी के स्वामी हैं. ऐसे में इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी. दीपावली की रात को मां लक्ष्मी ने पति के रूप में भगवान विष्णु को चुना और उनसे विवाह किया. दीपावली का त्योहार भगवान विष्णु के बैकुंठ में वापसी के दिन के रूप में भी मनाया जाता है. यह भी मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुई थीं. दिवाली की रात में मां लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व होता है. शुभ मुहूर्त पर मां लक्ष्मी का पूजन जीवन को खुशहाली और धन संपदा से भर देता है.

दिवाली के दिन करें रामबाण उपाय, मिलेंगी खुशियां हो जाएंगे मालामाल

मध्य प्रदेश में दीपावली के दिन विशेष मुहूर्त सामान्यतः शाम 6:09 से प्रारंभ होकर 8:17 तक रहेगा. इसी बीच वृषभ लग्न भी है. शास्त्री जी के अनुसार जो लोग परिवार से जुड़े हैं, वे इस मुहूर्त में पूजा करें. व्यापारी वर्ग बही खातों की भी पूजा करता है, वे लोग रात को लगभग 12ः50 से 3:00 बजे के मध्य रात्रि के समय मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा करें. तो आइये जानते हैं आपके शहर में दीपावली पूजन का मुहूर्त...

भोपाल और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:41 से 08:13 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:17 से 08:15 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:38 से 05 नवम्बर 00:29 बजे तक

जबलपुर और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:30 से 08:04 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:07 से 08:05 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:28 से 05 नवम्बर 00:29 बजे तक

इंदौर और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:47 से 08:19 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:25 से 08:22 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:45 से 05 नवम्बर 00:35 बजे तक

दिवाली की रात पहचानें खुशहाली के संकेत, होंगे सपने पूरे

ग्वालियर और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:35 से 08:07 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:09 से 08:05 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:35 से 05 नवम्बर 00:26 बजे तक

रीवा और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:23 से 07:56 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:00 से 07:56 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:22 से 05 नवम्बर 00:13 बजे तक

सतना और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:25 से 07:57 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:00 से 07:57 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:25 से 05 नवम्बर 00:15 बजे तक

दीपावली पर राशि के अनुसार जानिए मां लक्ष्मी को कैसे करें प्रसन्न

उज्जैन और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:47 से 08:19 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:23 से 08:21 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:45 से 05 नवम्बर 00:35 बजे तक

शाहडोल और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:25 से 07:57 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:01 से 07:59 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:25 से 05 नवम्बर 00:13 बजे तक

छिंदवाड़ा और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:36 से 08:07 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:13 से 08:10 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:33 से 05 नवम्बर 00:23 बजे तक

झाबुआ और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:53 से 08:25 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:30 से 08:27 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:51 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

खंडवा और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:47 से 08:19 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:25 से 08:21 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:43 से 05 नवम्बर 00:33 बजे तक

बालाघाट और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:32 से 08:03 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:07 से 08:07 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:27 से 05 नवम्बर 00:17 बजे तक

नीमच और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:50 से 08:22 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:25 से 08:22 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:50 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

टीकमगढ़ और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:33 से 08:06 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:09 से 08:06 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:33 से 05 नवम्बर 00:23 बजे तक

रतलाम और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:51 से 08:22 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:27 से 08:23 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:50 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

बड़वानी और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:52 से 08:23 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:29 से 08:23 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:50 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

सागर और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 06:00 से 08:29 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:41 से 08:41 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:50 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

भोपाल। दीपावली के दिन यदि भगवान गणेश के साथ माता लक्ष्मी की पूजा शुभ मुहूर्त में करने का विशेष महत्व है. हिंदू धर्म में लक्ष्मी जी को सुख-समृद्धि और धन की देवी माना जाता है. मान्यता है कि दिवाली पर मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. इस दिन भगवान श्री गणेश और मां लक्ष्मी के साथ देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर की भी पूजा की जाती है. वर्ष 2021 में दिवाली का त्योहार 04 नवंबर, गुरुवार को है. दीपावली हिंदू धर्म के लोग ही नहीं, बल्कि सिख, जैन, बौद्ध आदि धर्मों के लोग भी बहुत ही उत्साह के साथ मनाते हैं.

आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार गुरुवार के दिन दीपावली का होना अपने आप में ही विशेष महत्व रखता है, क्योंकि गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है, जो माता लक्ष्मी के स्वामी हैं. ऐसे में इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी. दीपावली की रात को मां लक्ष्मी ने पति के रूप में भगवान विष्णु को चुना और उनसे विवाह किया. दीपावली का त्योहार भगवान विष्णु के बैकुंठ में वापसी के दिन के रूप में भी मनाया जाता है. यह भी मान्यता है कि कार्तिक अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुई थीं. दिवाली की रात में मां लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व होता है. शुभ मुहूर्त पर मां लक्ष्मी का पूजन जीवन को खुशहाली और धन संपदा से भर देता है.

दिवाली के दिन करें रामबाण उपाय, मिलेंगी खुशियां हो जाएंगे मालामाल

मध्य प्रदेश में दीपावली के दिन विशेष मुहूर्त सामान्यतः शाम 6:09 से प्रारंभ होकर 8:17 तक रहेगा. इसी बीच वृषभ लग्न भी है. शास्त्री जी के अनुसार जो लोग परिवार से जुड़े हैं, वे इस मुहूर्त में पूजा करें. व्यापारी वर्ग बही खातों की भी पूजा करता है, वे लोग रात को लगभग 12ः50 से 3:00 बजे के मध्य रात्रि के समय मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर जी की पूजा करें. तो आइये जानते हैं आपके शहर में दीपावली पूजन का मुहूर्त...

भोपाल और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:41 से 08:13 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:17 से 08:15 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:38 से 05 नवम्बर 00:29 बजे तक

जबलपुर और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:30 से 08:04 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:07 से 08:05 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:28 से 05 नवम्बर 00:29 बजे तक

इंदौर और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:47 से 08:19 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:25 से 08:22 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:45 से 05 नवम्बर 00:35 बजे तक

दिवाली की रात पहचानें खुशहाली के संकेत, होंगे सपने पूरे

ग्वालियर और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:35 से 08:07 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:09 से 08:05 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:35 से 05 नवम्बर 00:26 बजे तक

रीवा और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:23 से 07:56 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:00 से 07:56 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:22 से 05 नवम्बर 00:13 बजे तक

सतना और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:25 से 07:57 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:00 से 07:57 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:25 से 05 नवम्बर 00:15 बजे तक

दीपावली पर राशि के अनुसार जानिए मां लक्ष्मी को कैसे करें प्रसन्न

उज्जैन और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:47 से 08:19 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:23 से 08:21 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:45 से 05 नवम्बर 00:35 बजे तक

शाहडोल और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:25 से 07:57 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:01 से 07:59 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:25 से 05 नवम्बर 00:13 बजे तक

छिंदवाड़ा और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:36 से 08:07 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:13 से 08:10 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:33 से 05 नवम्बर 00:23 बजे तक

झाबुआ और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:53 से 08:25 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:30 से 08:27 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:51 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

खंडवा और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:47 से 08:19 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:25 से 08:21 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:43 से 05 नवम्बर 00:33 बजे तक

बालाघाट और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:32 से 08:03 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:07 से 08:07 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:27 से 05 नवम्बर 00:17 बजे तक

नीमच और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:50 से 08:22 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:25 से 08:22 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:50 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

टीकमगढ़ और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:33 से 08:06 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:09 से 08:06 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:33 से 05 नवम्बर 00:23 बजे तक

रतलाम और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:51 से 08:22 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:27 से 08:23 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:50 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

बड़वानी और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 05:52 से 08:23 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:29 से 08:23 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:50 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

सागर और अन्य नजदीकी स्थान

पहला मुहूर्त प्रदोष काल- शाम 06:00 से 08:29 बजे तक

दूसरा मुहूर्त वृषभ लग्न काल- शाम 06:41 से 08:41 बजे तक

तीसरा मुहूर्त निशित काल- रात 23:50 से 05 नवम्बर 00:39 बजे तक

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