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MP विधानसभा उपचुनाव, चुनावी रण में दिखेंगे अरुण यादव-उमा भारती

मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव पर कांग्रेस-बीजेपी दोनों ही पार्टियों में उम्मीदवारों के नाम को लेकर मंथन चल रहा है. लेकिन दोनों ही पार्टियां अपने पत्ते खोलने के लिए तैयार नहीं हैं.

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Published : Aug 11, 2020, 7:02 PM IST

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चुनावी मैदान में होंगे कांग्रेस-बीजेपी के दिग्गज

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल टिकट वितरण पर मंथन कर रहे हैं. मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों के चलते कुछ ऐसे समीकरण बन रहे हैं कि इस उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज दावेदार भी किस्मत आजमा सकते हैं. जिन दिग्गजों के नाम टिकट की दौड़ में शामिल बताया जा रहा है. उनमें बड़ा मलहरा से उमा भारती और हाल ही में कांग्रेस विधायक नारायण पटेल के सीट छोड़ने के कारण खाली हुई मांधाता सीट से अरुण यादव का नाम सुर्खियों में है. हालांकि, टिकट वितरण को लेकर दोनों दल अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में उमा भारती और अरूण यादव की चुनाव लड़ने की चर्चा जोर पकड़ रही है.

चुनावी मैदान में होंगे कांग्रेस-बीजेपी के दिग्गज

मध्यप्रदेश में बगावत का सिलसिला जारी

मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के बागी होने के बाद भी ये सिलसिला रुका नहीं है, पिछले दिनों बड़ा मलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, लोधी उमा भारती के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस ने प्रद्युम्न सिंह को टिकट दिया और उनकी जीत भी हुई, लेकिन प्रदेश में तख्तापलट के बाद उमा की नजदीकी के चलते लोधी इस्तीफा देकर फिर बीजेपी में शामिल हो गए, अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बड़ा मलहरा से उमा भारती चुनाव लड़ेंगी और उनका जातिगत जनाधार मजबूत होने के कारण बीजेपी की जीत पक्की हो जाएगी.

मांधाता सीट पर मंथन

वहीं दूसरी तरफ पिछले दिनों मांधाता से कांग्रेस विधायक नारायण पटेल भी इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन कर लिए. नारायण पटेल पूर्व केंद्रीय मंत्री व मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव के समर्थक माने जाते हैं, उनकी बगावत के कारण इस सीट का सारा दारोमदार उपचुनाव में अरुण यादव के कंधों पर आ गया है. राजनीतिक गलियारों में तो चर्चा है कि अरुण यादव मांधाता से चुनाव लड़ सकते हैं.

जो जीत के लायक उसे मिलेगा टिकट

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि जब तक चुनाव घोषित नहीं होते हैं. तब तक उनकी पार्टी टिकट के दावेदार घोषित नहीं करेगी. सर्वे चल रहा है और सर्वे में जिनका नाम प्रमुखता से आएगा, उन नामों को पार्टी स्वीकार करने की नीति बना रही है. दिग्गज दावेदारों को लेकर उनका कहना है कि ये समय बताएगा और जो भी जीतने लायक लोग हैं, उन्हें कंसीडर किया जाएगा.

कांग्रेस में खुलकर विद्रोह

मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में कौन प्रत्याशी होगा और कौन नहीं होगा, इसका फैसला प्रदेश चुनाव समिति की सिफारिश से केंद्रीय चुनाव समिति निर्णय करेगी. लेकिन कांग्रेस में जिस तरह की बातें वहां के वरिष्ठ नेता खुलकर कर रहे हैं. इसका मतलब है कि वहां विद्रोह आने वाले समय में दिखाई देगा. चाहे राकेश चौधरी हो या प्रेमचंद गुड्डू का मामला हो या अन्य नेताओं के मामले हो. ये कुछ नेताओं को लड़ाकर निपटाने की फिराक में हैं और अपने बेटों की ताजपोशी की तैयारी में हैं. चाहे वो नकुलनाथ या जयवर्धन सिंह ही क्यों न हो.

कौन उतरेगा मैदान में

वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक रवींद्र कैलासिया कहते हैं कि बड़ा मलहरा में उपचुनाव होने वाला है. उमा भारती का कद बहुत बड़ा है. अपने आप को वो चुनाव राजनीति से अलग कर चुकी हैं. इसी तरह मांधाता से अरुण यादव का नाम चर्चा में है, लेकिन कांग्रेस हाईकमान तय करेगा कि चुनाव लड़ेंगे कि नहीं क्योंकि वो लगातार तीन बार चुनाव हार चुके हैं. इन परिस्थितियों में उनका चुनाव लड़ना लाजिमी भी नहीं है. चुनावी राजनीति में राजनीतिक दलों की परिस्थितियां आजकल ऐसी बन गई हैं कि ऐन वक्त पर कोई भी फैसला हो सकता है. इन दोनों को भी चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर दोनों प्रमुख राजनीतिक दल टिकट वितरण पर मंथन कर रहे हैं. मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों के चलते कुछ ऐसे समीकरण बन रहे हैं कि इस उपचुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के दिग्गज दावेदार भी किस्मत आजमा सकते हैं. जिन दिग्गजों के नाम टिकट की दौड़ में शामिल बताया जा रहा है. उनमें बड़ा मलहरा से उमा भारती और हाल ही में कांग्रेस विधायक नारायण पटेल के सीट छोड़ने के कारण खाली हुई मांधाता सीट से अरुण यादव का नाम सुर्खियों में है. हालांकि, टिकट वितरण को लेकर दोनों दल अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन राजनीतिक गलियारों में उमा भारती और अरूण यादव की चुनाव लड़ने की चर्चा जोर पकड़ रही है.

चुनावी मैदान में होंगे कांग्रेस-बीजेपी के दिग्गज

मध्यप्रदेश में बगावत का सिलसिला जारी

मध्यप्रदेश में कांग्रेस के 22 विधायकों के बागी होने के बाद भी ये सिलसिला रुका नहीं है, पिछले दिनों बड़ा मलहरा विधायक प्रद्युम्न सिंह लोधी इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, लोधी उमा भारती के कट्टर समर्थक माने जाते हैं और 2018 विधानसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर बागी होकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस ने प्रद्युम्न सिंह को टिकट दिया और उनकी जीत भी हुई, लेकिन प्रदेश में तख्तापलट के बाद उमा की नजदीकी के चलते लोधी इस्तीफा देकर फिर बीजेपी में शामिल हो गए, अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बड़ा मलहरा से उमा भारती चुनाव लड़ेंगी और उनका जातिगत जनाधार मजबूत होने के कारण बीजेपी की जीत पक्की हो जाएगी.

मांधाता सीट पर मंथन

वहीं दूसरी तरफ पिछले दिनों मांधाता से कांग्रेस विधायक नारायण पटेल भी इस्तीफा देकर बीजेपी जॉइन कर लिए. नारायण पटेल पूर्व केंद्रीय मंत्री व मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव के समर्थक माने जाते हैं, उनकी बगावत के कारण इस सीट का सारा दारोमदार उपचुनाव में अरुण यादव के कंधों पर आ गया है. राजनीतिक गलियारों में तो चर्चा है कि अरुण यादव मांधाता से चुनाव लड़ सकते हैं.

जो जीत के लायक उसे मिलेगा टिकट

मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि जब तक चुनाव घोषित नहीं होते हैं. तब तक उनकी पार्टी टिकट के दावेदार घोषित नहीं करेगी. सर्वे चल रहा है और सर्वे में जिनका नाम प्रमुखता से आएगा, उन नामों को पार्टी स्वीकार करने की नीति बना रही है. दिग्गज दावेदारों को लेकर उनका कहना है कि ये समय बताएगा और जो भी जीतने लायक लोग हैं, उन्हें कंसीडर किया जाएगा.

कांग्रेस में खुलकर विद्रोह

मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव में कौन प्रत्याशी होगा और कौन नहीं होगा, इसका फैसला प्रदेश चुनाव समिति की सिफारिश से केंद्रीय चुनाव समिति निर्णय करेगी. लेकिन कांग्रेस में जिस तरह की बातें वहां के वरिष्ठ नेता खुलकर कर रहे हैं. इसका मतलब है कि वहां विद्रोह आने वाले समय में दिखाई देगा. चाहे राकेश चौधरी हो या प्रेमचंद गुड्डू का मामला हो या अन्य नेताओं के मामले हो. ये कुछ नेताओं को लड़ाकर निपटाने की फिराक में हैं और अपने बेटों की ताजपोशी की तैयारी में हैं. चाहे वो नकुलनाथ या जयवर्धन सिंह ही क्यों न हो.

कौन उतरेगा मैदान में

वरिष्ठ पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक रवींद्र कैलासिया कहते हैं कि बड़ा मलहरा में उपचुनाव होने वाला है. उमा भारती का कद बहुत बड़ा है. अपने आप को वो चुनाव राजनीति से अलग कर चुकी हैं. इसी तरह मांधाता से अरुण यादव का नाम चर्चा में है, लेकिन कांग्रेस हाईकमान तय करेगा कि चुनाव लड़ेंगे कि नहीं क्योंकि वो लगातार तीन बार चुनाव हार चुके हैं. इन परिस्थितियों में उनका चुनाव लड़ना लाजिमी भी नहीं है. चुनावी राजनीति में राजनीतिक दलों की परिस्थितियां आजकल ऐसी बन गई हैं कि ऐन वक्त पर कोई भी फैसला हो सकता है. इन दोनों को भी चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है.

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