भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना का संक्रमण पिछले दिनों से कुछ कम हुआ है. सरकारी आंकड़े भी यही दिखा रहे हैं और श्मशान घाटों पर भी व्यवस्था पहले से कुछ सुधर रही है. जब प्रदेश में कोरोना संक्रमण से होने वाली मौतों का आंकड़ा काफी ज्यादा आ रहा था तब श्मशानों में जगह कम पड़ रही थी. लाशों को खुले में जलाना पड़ा यहां तक कि विश्राम घाटों पर लकड़ियां कम पड़ गईं. कई सामाजिक संस्थाएं अंतिम संस्कार के काम में सहयोग करने के लिए आगे आईं. अब स्थिति में पहले से काफी सुधार दर्ज किया गया है. प्रदेश के अलग शहरों के प्रमुख श्मशान घाटों पर ईटीवी भारत ने मौजूदा स्थिति जानने की कोशिश की. यहां काम करने वाले कर्मचारियों ने भी इस बात पर मुहर लगाई कोविड काल में जहां रोजाना 70 से 80 लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था वहीं अब रोजाना 3 से 4 बॉडी ही यहां पहुंच रही है.
जबलपुर में अब 3 से 4 बॉडी आ रही हैं (विश्वजीत)
जबलपुर में चौहानी श्मशान घाट को कोरोनावायरस से मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए आरक्षित किया गया था. यहां मौजूद लोगों ने बताया कि इस मुक्तिधाम में बने चबूतरो पर एक साथ 8 लोगों की अंतिम संस्कार करने की व्यवस्था थी, लेकिन पिछले महीने कोरोना वायरस के भयंकर संक्रमण की वजह से जबलपुर के इस मुक्तिधाम में एक साथ 70 से 72 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया. घाट पर चबूतरों के अलावा पार्किंग के पीछे खाली पड़ी हुई जगहों पर भी अंतिम संस्कार किया गया.
छिंदवाड़ा में मौतों का आंकड़ा सिमटा
छिन्दवाड़ा जिले में कोरोना से राहत की ख़बर है. अप्रैल महीने में यहां के श्मशान घाटों पर जहां 30 से 40 चिताएँ जलती थी अब यह आंकड़ा काफी कम हो गया है. अब 24 घंटे में महज 8 से 10 शवों का ही यहां अंतिम संस्कार किया जा रहा है. कोरोना काल में जहां दो श्मशान घाटों को कोविड डेडिकेटेड किया गया था वहीं अब मौतों का आंकड़ा सिमटने के बाद स्थिति कंट्रोल में है और एक श्मशान घाट को बंद भी कर दिया गया है.
भोपाल में अपनों की अस्थियां लेने नहीं आए लोग
कोरोना संक्रमण और मौतों के आंकड़ों में आई कमी भले ही थोड़ा सुखद एहसास करा रही है, लेकिन कोरोना की इस त्रासदी ने कई ऐसी दास्ताने लिख दी है जो ना कभी सुनी गई ना देखी गईं. मौत के खौफ ने जब इंसान को इंसान से दूर कर दिया. अस्पताल से लेकर श्मशान तक लोग अपने चहेतों की मौत होते देख रहे और अपनों के शव दूसरों के भरोसे छोड़ने पड़े. कोरोना का संक्रमण कम हुआ तो श्मशान घाटों पर मौजूद कर्मचारियों ने मृतकों की अस्थियां विसर्जन के लिए इकट्ठा की, इनमें से कुछ लोग तो अपने परिजनों की अस्थियां ले जा चुके हैं वहीं कई लोगों की अस्थियां अभी भी विसर्जन के लिए अपनों का इंतजार कर रही हैं. (विजुअल बाइट)
सागर में नगर निगम ने करवाया अस्थि विसर्जन