इंदौर/भोपाल। कोरोना की तीसरी लहर में Hot-spot बने इंदौर में कोरोना का कहर एक बार फिर मड़राता नजर आ रहा है. यहां प्रतिदिन संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. बीती रात कोरोना संक्रमण के कारण शहर में एक महिला की मौत हो गई है. भोपाल में भी 1 डेथ रिकॉर्ड हुई है. दोनों मौतों को 2 और 5 दिन बाद रिकॉर्ड में लिया गया है. प्रदेश में 24 घंटे में 248 नए संक्रमित मिले हैं. मंगलवार को जारी हुए कोरोना बुलेटिन के अनुसार इंदौर में 24 घंटे में 104 नए मरीजों का आंकड़ा सामने आया है. इधर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग हमीदिया अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंचे (Vishwas Sarang Visit Hamidia Hospital) यहां पर निर्माण एवं व्यवस्थाओं में आई कमी को लेकर मंत्री सारंग ने पीआईयू के अधिकारियों को फटकार लगा दी.
वैक्सीन का नहीं लगा था डोज: 147 दिन बाद 1 दिन में दो संक्रमितों की मौतें दर्ज की गई हैं. इससे पहले 1 मार्च को 2 मौतें दर्ज हुई थीं. रिकॉर्ड देखें तो मध्यप्रदेश में 56 दिन में 15 संक्रमित दम तोड़ चुके हैं. अप्रैल और मई में सिर्फ 1-1 मरीज की मौत हुई, लेकिन जून में 9 संक्रमितों ने दम तोड़ दिया. इस महीने में अब तक 6 मौतें रिकॉर्ड हो चुकी हैं. कोरोना से इंदौर के एमआरटीबी हॉस्पिटल में 27 साल की संगीता की मौत हुई है. संगीता को 19 जुलाई को कोविड पॉजिटिव आने के बाद 21 जुलाई को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. तीन दिन आईसीयू और एक दिन वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने के बाद 24 जुलाई को उनकी मौत हो गई. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक वह नॉन वैक्सीनेटेड थी. मृतका ने कोरोना वैक्सीन का एक भी डोज नहीं लिया था. MP के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि मरीज पहले से ही ब्लड और किडनी से संबंधित गंभीर बीमारियों से पीड़ित थी.
महिला को पैन्टीटोपेनिया (रक्त संबंधी बीमारी) और किडनी की समस्याओं के इलाज के लिए 21 जुलाई को मध्य प्रदेश के सरकारी मनोरमा राजे टीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अधिकारी ने बताया कि 24 जुलाई को उसकी मौत हो गई. अस्पताल में इलाज के दौरान महिला भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गई. अधिकारी ने कहा कि उसने संक्रमण के खिलाफ टीके की एक भी खुराक नहीं ली थी. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बी एस सत्य्या ने भी पुष्टि की कि महिला ने एंटी-कोविड-19 वैक्सीन नहीं ली थी.
भोपाल के हॉस्पिटल में भी हुई डेथ: इंदौर के बाद भोपाल में भी कोरोना से एक मौत हुई है. हालांकि 75 साल के बुजुर्ग काफी सालों से कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे थे. कोविड की थर्ड वेव में वो संक्रमण से सुरक्षित रहे. लेकिन बुजुर्ग को अब जाकर कोरोना संक्रमण हुआ और 3 दिनों तक ICU और फिर एक दिन वेंटिलेटर पर रहने के बाद उनकी मौत हो गई. अस्पताल में उनकी मौत 21 जुलाई को हुई. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इसे रिकॉर्ड में 26 जुलाई को जोड़ा.
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इमरजेंसी सुविधाएं होंगी शुरू: चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने हमीदिया अस्पताल का निरीक्षण करने के दौरान ठेकेदार की पेमेंट रोकने के भी निर्देश दिए हैं. हमीदिया अस्पताल की नई बिल्डिंग की शिफ्टिंग और अन्य व्यवस्थाओं का भी सारंग ने जायजा लिया. सारंग ने बताया कि हमीदिया के इमरजेंसी डिपार्टमेंट को वर्ल्ड क्लास बनाया जा रहा है. हर रूम की चेक लिस्ट बनाई जाएगी. 1 से 1.5 माह में सुल्तानिया अस्पताल शिफ्ट होगा और इमरजेंसी सुविधाएं शुरू होंगी.
स्वास्थ्य विभाग की बेढ़ेगी परेशानी: शहर में कोरोना का संक्रमण कम होने की बजाय दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. इससे जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए परेशानी बढ़ाती नजर आ रही है. इसके साथ, आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इंदौर में COVID-19 से मरने वालों की संख्या 1,465 हो गई है. मध्य प्रदेश का औद्योगिक केंद्र इंदौर, COVID-19 के कारण राज्य के सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक था. पिछले 24 घंटों में जिले में 104 नए Covid -19 मामले सामने आए. मार्च 2020 में महामारी फैलने के बाद से, जिले में COVID-19 संक्रमण की संख्या 2,10,768 लोगों तक पहुंच गई है. स्वास्थ विभाग के मुताबिक सोमवार को कुल 752 टेस्ट किए गए. सोमवार को एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की मौत की पुष्टि भी हुई थी. 90 मरीज कोरोना से जंग जीतकर अपने घर लौटे थे. अब 104 नए मरीजों के आने से इंदौर जिले में कोरोना पीड़ितों की संख्या 786 पहुंच गई हैं. यह संख्या प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में अधिक मानी जा रही है. स्वास्थ्य विभाग की माने तो ये आंकड़ा सोमवार की तुलना से अधिक है. इसमें 5 पॉजिटिव मरीज भी शामिल हैं.
महा टीकाकरण अभियान: इंदौर सीएमएचओ भूरेसिंह सेतिया के मुताबिक संक्रमण की दर को रोकने के लिए बूस्टर डोज का महा-टीकाकरण अभियान शुरू किया गया है. (Booster Dose Campaign) इस अभियान के तहत शहर की 91 साइट पर 182 टीकाकरण किया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्र में 142 साइट पर टीकाकरण के 284 सत्र आयोजित होंगे. इस तरह इंदौर में 466 छात्रों के जरिए करीब 70000 लोगों को बूस्टर डोज लगाए जाएंगे.