भोपाल। राजधानी में करीब दो लाख लोगों की रोजी रोटी शादी समारोहों पर निर्भर है. कोरोना के वार से इन लोगों पर बड़ी मार पड़ी है. मैरिज गार्डन्स में मेहमानों की सीमित संख्या और कई तरह की पाबंदियों के चलते इन दो लाख लोगों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ रहे हैं. 24 अप्रैल से फिर शादियों का सीजन शुरु होगा. घरों में शहनाई भी बजेगी. लेकिन शादी में मेहमानों की संख्या को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है.
150 से ज्यादा मैरिज गार्डन्स में सन्नाटा
भोपाल में डेढ़ सौ से ज्यादा मैरिज गार्डन हैं. यहां साल भर में औसतन 60 दिन शादियों के आयोजन होते हैं. कोरोना संक्रमण के चलते पिछला साल मैरिज गार्डन और इससे जुड़े टेंट,लाइट,केटरिंग कारोबारियों के लिए अग्निपथ से कम नहीं रहा. ढाई महीने तक लाकडाउन और फिर मेहमानों की संख्या सीमति कर देने से मैरिज गार्डन सुनसान हो गए. इस महीने फिर शादियों का दौर शुरु होना है. अप्रैल में सबसे अधिक शादियां रविवार 25 और सोमवार 26 अप्रैल को है. प्रशासन ने भोपाल में हर रविवार को लाकडाउन की घोषणा की है. ऐसे में शादी की तैयारियों में जुटे लोगों की परेशानियां खासी बढ़ गई है.
छपाई से लेकर हलवाई तक काम ठप
वैवाहिक आयोजन नहीं होने से कार्ड छपाई से लेकर ज्यादातर दूसरे कारोबार ठप हैं. ढोल,बैंड,घोड़ा,डेकोरेशन,टेंट,रसोइया,केटरिंग ,खाद्य सामग्री,ब्यूटी पार्लर,होटल व्यवसाय,कपड़े,जूते,बस परिवहन,फूल-माला सहित दूसरे कारोबार ठंडे पड़ गए हैं. कंफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स की भोपाल इकाई के अध्यक्ष रामबाबू शर्मा का कहना है, कि पिछले साल तो वजूद बच गया था. इस साल हालात बदतर हो गए हैं. लोगों के सामने खुदकुशी करने तक की नौबत आ रही है. ऐसे में अब सरकार से ही आस बची है.
बुकिंग हो रहीं कैंसल
अचानक कोरोना मरीजों की संख्या के बढ़ने से इस साल भी त्योहार और समारोह बंदिशों के साये में मनाने पड़ रहे हैं. अप्रेल,मई और जून में जिन लोगों के यहां शादियां हैं, वे पहले ही बैंड,बाजे और मैरिज गार्डन की बुकिंग कर चुके हैं . कोरोना पर सख्ती के कारण अब लोग बुकिंग कैंसल कराने लगे हैं . बैंक की किश्त,दुकान का किराया,स्टाफ का वेतन,बिजली बिल,बच्चों की स्कूल फीस चुकाने के सवाल सभी के सामने मुंह बाये खड़े हैं. काजल बैंड के संचालक जफर खान बताते हैं, कि लोगों ने बुकिंग कैंसिल कराना शुरु कर दिया है.कर्ज लेकर काम कर रहे हैं.हालात ऐसे ही बने रहे तो अल्लाह ही मालिक है.
प्रशासन भी हुआ सख्त
शादियों के लिए प्रशासन से लिखित में अनुमति लेना जरूरी है. लाॉकडाउन के दौरान अगर किसी के यहां शादी समारोह है तो मेहमान एक सीमित संख्या में ही आ सकते हैं.
कलेक्टर को लिख रहे पत्र
अस्तित्व के लिए जूझ रहे टेंट व्यवसाय से जुड़े सभी कारोबारी जिला कलेक्टर को पत्र लिख रहे हैं. टेंट व्यवसायी एसोसिएशन की तरफ से ये सभी पत्र कलेक्टर को सौंपे जाएंगे. पत्र में शादी समारोह में 50 की जगह कम से कम 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति देने की मांग की गई है. मध्य प्रदेश टेंट व्यवसायी एसोसिएशन के पूर्व प्रवक्ता चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि हम सभी कोविड की गाइड लाइन के तहत PPE किट पहनकर काम करने के लिए तैयार हैं. सरकार शादी समारोह में 200 लोगों के शामिल होने की अनुमति दे. नहीं तो सरकार हमें राहत पैकेज दे, जिससे हम अपना घर चला सकें.
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कोई लौटा दे वो प्यारे प्यारे दिन
टेंट वाले कहते हैं हमारा लाखों रुपए का सामान जंग खा रहा है. बैंड वाले पूछते हैं, फिर कब शहनाई बजेगी. मैरिड गार्डन्स में कब रौनक लौटेगी. शादियां नहीं होने से फूल वाले, केटरिंग वाले, बग्घी वाले सब बेरोजगार हो चुके हैं. आखिर में वो कहते हैं, कि देखते हैं , अब फिर कब वो दिन लौटकर आते हैं.