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राजधानी में अनलॉक 1.0 के पहले हफ्ते सामने आए कोरोना के डराने वाले आंकड़े, मौतों में भी इजाफा - भोपाल में अनलॉक 1.0 में कोरोना

राजधानी भोपाल में अनलॉक 1.0 के बाद भी कोरोना वायरस का खतरा कम नहीं हुआ है, बल्कि 1 जून से लेकर 7 जून के बीच में संक्रमण के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है.

Increased corona infection cases
बढ़े कोरोना संक्रमण के मामले
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Published : Jun 7, 2020, 11:04 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश और देश में 1 जून से अनलॉक 1.0 शुरू हो गया है. अनलॉक 1.0 में लोगों को छूट अब दी जाने लगी हैं. सभी तरह के बाजार अब खुल गए हैं और लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदियां हटा ली गई हैं. भोपाल में धार्मिक स्थलों को छोड़कर कल से मॉल और सार्वजनिक स्थान भी खोल दिए जाएंगे.राजधानी में यातायात व्यवस्था भी अब काफी हद तक शुरू हो चुकी है लेकिन इन सब व्यवस्थाओं के बीच कोरोना वायरस का खतरा अब भी कम नहीं हुआ है, बल्कि 1 जून से लेकर 7 जून के बीच में संक्रमण के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है.

भोपाल में बढ़े कोरोना संक्रमण के मामले

मई के मुकाबले जून में ज्यादा मामले
राजधानी की बात करें तो 1 जून के बाद से रोजाना ही यहां 40 से ज्यादा संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. अगर 1 जून से लेकर 7 जून तक के मामलों की तुलना मई के आखिरी सप्ताह यानी कि 25 मई से 31 मई के बीच की जाए तो मामलों में बढ़ोतरी साफ तौर पर दिखाई दे रही है. जहां पहले 25 मई से 31 मई के बीच 244 मामले सामने आए थे तो वहीं 1 जून से 7 जून के बीच 311 नए मामले सामने आए हैं. इसके अलावा कोरोना से मौत का आंकड़ा भी 59 से बढ़कर 63 हो गया है.

अनलॉक 1.0 में बने नए कंटेनमेंट एरिया
कुल आंकड़ों की बात करें तो जहां 31 मई को भोपाल में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1514 थी तो वहीं 7 जून तक यह बढ़कर 1825 हो गयी है. 1 जून के बाद से ना केवल आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि भोपाल के अब उन क्षेत्रों से भी कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं जहां पर मई के महीने में एक भी मामले नहीं थे या फिर बहुत कम मामले सामने आए थे. भोपाल का बाणगंगा स्लम एरिया अब नया हॉटस्पॉट बनकर सामने आया है, यहां जून के महीने में अब तक 20 मामले सामने आ चुके हैं और इस क्षेत्र में सर्वे-सैंपलिंग का काम जारी है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस घनी बस्ती में आगे चलकर और भी मामले सामने आ सकते हैं. इसके अलावा हॉटस्पॉट ऐशबाग से 36, हनुमानगंज से 27 और कमला नगर से 28 मामले 1 जून से लेकर 7 जून के बीच सामने आए हैं.

स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
इस बारे में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का कहना है कि हमने इस बात का अंदाजा पहले से ही लगा लिया था कि जून-जुलाई के महीने में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी इसलिए हमने अपने क्वॉरेंटाइन सेंटर और कोविड-19 के सेंटरों में पर्याप्त व्यवस्थाएं कर ली हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने इस बारे में बताया कि मध्यप्रदेश में एक टीम ने आंकलन किया था. जिसके मुताबिक जून और जुलाई के महीने में संक्रमण के केसों में बढ़ोतरी हो सकती है. खास तौर पर जून के महीने में संक्रमण के मामले पीक पर होंगे. जिसके मुताबिक हमारी पूरी तैयारी है और भारत सरकार की जो भी गाइडलाइन जारी हो रही हैं उसी के मुताबिक काम किया जा रहा है.

और भी मामले बढ़ने की आशंका
अनलॉक 1.0 में जिस तरह से बाजार, सैलून, मॉल और बाकी सारी गतिविधियों को शुरू कर दिया गया है, उसका असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. लोगों की आवाजाही बढ़ने और एक दूसरे से संपर्क करने के कारण संक्रमण के लगातार फैलने का खतरा अब भी बरकरार है और अगर इसी गति से नए मामले सामने आए तो राजधानी भोपाल में ही जून के महीने में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 से 4 हजार पहुंच सकती है. ऐसे में वर्तमान हालात को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि वह इन बढ़ रहे नए मामलों को किस तरह से नियंत्रित करें.

भोपाल। राजधानी भोपाल समेत पूरे मध्य प्रदेश और देश में 1 जून से अनलॉक 1.0 शुरू हो गया है. अनलॉक 1.0 में लोगों को छूट अब दी जाने लगी हैं. सभी तरह के बाजार अब खुल गए हैं और लोगों के आने-जाने पर भी पाबंदियां हटा ली गई हैं. भोपाल में धार्मिक स्थलों को छोड़कर कल से मॉल और सार्वजनिक स्थान भी खोल दिए जाएंगे.राजधानी में यातायात व्यवस्था भी अब काफी हद तक शुरू हो चुकी है लेकिन इन सब व्यवस्थाओं के बीच कोरोना वायरस का खतरा अब भी कम नहीं हुआ है, बल्कि 1 जून से लेकर 7 जून के बीच में संक्रमण के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है.

भोपाल में बढ़े कोरोना संक्रमण के मामले

मई के मुकाबले जून में ज्यादा मामले
राजधानी की बात करें तो 1 जून के बाद से रोजाना ही यहां 40 से ज्यादा संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं. अगर 1 जून से लेकर 7 जून तक के मामलों की तुलना मई के आखिरी सप्ताह यानी कि 25 मई से 31 मई के बीच की जाए तो मामलों में बढ़ोतरी साफ तौर पर दिखाई दे रही है. जहां पहले 25 मई से 31 मई के बीच 244 मामले सामने आए थे तो वहीं 1 जून से 7 जून के बीच 311 नए मामले सामने आए हैं. इसके अलावा कोरोना से मौत का आंकड़ा भी 59 से बढ़कर 63 हो गया है.

अनलॉक 1.0 में बने नए कंटेनमेंट एरिया
कुल आंकड़ों की बात करें तो जहां 31 मई को भोपाल में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1514 थी तो वहीं 7 जून तक यह बढ़कर 1825 हो गयी है. 1 जून के बाद से ना केवल आंकड़ों में बढ़ोतरी हुई है, बल्कि भोपाल के अब उन क्षेत्रों से भी कोरोना वायरस के मामले सामने आ रहे हैं जहां पर मई के महीने में एक भी मामले नहीं थे या फिर बहुत कम मामले सामने आए थे. भोपाल का बाणगंगा स्लम एरिया अब नया हॉटस्पॉट बनकर सामने आया है, यहां जून के महीने में अब तक 20 मामले सामने आ चुके हैं और इस क्षेत्र में सर्वे-सैंपलिंग का काम जारी है. इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस घनी बस्ती में आगे चलकर और भी मामले सामने आ सकते हैं. इसके अलावा हॉटस्पॉट ऐशबाग से 36, हनुमानगंज से 27 और कमला नगर से 28 मामले 1 जून से लेकर 7 जून के बीच सामने आए हैं.

स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
इस बारे में स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन का कहना है कि हमने इस बात का अंदाजा पहले से ही लगा लिया था कि जून-जुलाई के महीने में कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी इसलिए हमने अपने क्वॉरेंटाइन सेंटर और कोविड-19 के सेंटरों में पर्याप्त व्यवस्थाएं कर ली हैं. स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज अहमद किदवई ने इस बारे में बताया कि मध्यप्रदेश में एक टीम ने आंकलन किया था. जिसके मुताबिक जून और जुलाई के महीने में संक्रमण के केसों में बढ़ोतरी हो सकती है. खास तौर पर जून के महीने में संक्रमण के मामले पीक पर होंगे. जिसके मुताबिक हमारी पूरी तैयारी है और भारत सरकार की जो भी गाइडलाइन जारी हो रही हैं उसी के मुताबिक काम किया जा रहा है.

और भी मामले बढ़ने की आशंका
अनलॉक 1.0 में जिस तरह से बाजार, सैलून, मॉल और बाकी सारी गतिविधियों को शुरू कर दिया गया है, उसका असर साफ तौर पर देखने को मिल रहा है. लोगों की आवाजाही बढ़ने और एक दूसरे से संपर्क करने के कारण संक्रमण के लगातार फैलने का खतरा अब भी बरकरार है और अगर इसी गति से नए मामले सामने आए तो राजधानी भोपाल में ही जून के महीने में कोरोना संक्रमितों की संख्या 3 से 4 हजार पहुंच सकती है. ऐसे में वर्तमान हालात को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के लिए सबसे बड़ी मुश्किल यही है कि वह इन बढ़ रहे नए मामलों को किस तरह से नियंत्रित करें.

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