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सिर्फ कमलनाथ नहीं ये दिग्गज भी महिलाओं पर कर चुके हैं अभद्र टिप्पणी, आखिर क्यों जुबां पर काबू नहीं रख पाते 'बयानबहादुर'

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के महिला एवं बाल विकास इमरती देवी पर दिए गए विवादित बयान से प्रदेश की सियासत गरमा गयी है. बीजेपी ने इस मामले में प्रदेशभर में दो घंटे का मौन व्रत किया. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब नेताओं ने महिलाओं पर विवादित टिप्पणी की है. इससे पहले भी नेता लगातार महिलाओं पर विवादित बयान देकर अपनी सोच को दर्शाते रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

bhopal news
महिलाओं पर टूटती मर्यादा
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Published : Oct 19, 2020, 8:24 PM IST

भोपाल। भारतीय राजनीति में विवादित बयान देना कोई नयी बात नहीं है. अक्सर देश के बड़े-बड़े नेताओं की जुबान का निशाना महिलाएं बनीं और फिर बवाल मचा. देश के बड़े-बड़े नेताओं को तो इस तरह के बयान देने में जैसे महारत हासिल है. ताजा बवाल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर मचा है. कमलनाथ ने एक सभा के दौरान शिवराज सरकार में महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी को 'आइटम' कहा है. कमलनाथ कोई पहले ऐसे कांग्रेसी नेता नहीं हैं, जिन्होंने महिला नेत्रियों पर इस तरह का बयान दिया है. इससे पहले भी नेता मर्यादा तोड़ते हुए विवादित बयान देने से पीछे नहीं हटे. टंचमाल, निर्बला, नाचने वाली, आंतकवादी. जैसे बयान नेताओं की जुबान से निकले हैं, जिन पर खूब बवाल मचा है.

नेताओं के महिला विरोधी बयान

ये भी पढ़ेंः डबरा में पूर्व सीएम कमलनाथ की फिसली जुबान, मंत्री इमरती देवी पर की अभद्र टिप्पणी

बसपा सुप्रीमों ने साधा कमलनाथ पर निशाना

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ से माफी मांगने की मांग की है. मायावती ने कमलनाथ के बयान को महिलाओं का अपमान बताया है. साथ ही इसे चुनाव से जोड़ जातिगत ध्रुविकरण की ओर मोड़ दिया. वहीं कमलनाथ के बयान के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौन उपवास पर बैठे हैं.

आइये आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि कैसे-कैसे देश के बड़े-बड़े नेताओं ने महिला नेत्रियों पर विवादित बयान देकर महिला नेताओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई, जिससे बाद देश की सियासत में खूब हंगामा खड़ा हुआ.

इन नेताओं ने महिलाओं पर दिए विवादित बयान

  • लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीरंजन चौधरी ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को निर्बला कहा था.
  • कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह तो इस मामले में जैसे महारत हासिल रखते हैं, उन्होंने अपनी ही पार्टी की नेत्री मीनाक्षी नटराजन को टंच माल कह दिया था
  • देश के बड़े नेताओं में शुमार शरद यादव ने साउथ की महिलाओं की खूबसूरती का बखान किया था. तो वशुंधरा राजे सिंधिया को मोटा बताया था.
  • बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं को अच्छा श्रृंगार करने की नसीहत दी थी
  • सपा नेता आजम खान ने जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की थी तो रमा देवी पर भी विवादित टिप्पणी की थी.
  • कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को टीवी पर ठुमके लगाने वाली बताया था.
  • हेमा मालिनी के गालों की तरह रोड बनाने की बात लालू यादव से लेकर एमपी के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कही थी.
  • साल 2016 में यूपी के नेता दयाशंकर सिंह ने भी मायावती के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया था. बाद में उन्हे बीजेपी ने पार्टी से निलंबित कर दिया था.
  • 2012 में एक चुनावी रैली में उस वक्त गुजरात के सीएम रहे पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शशि थरूर पर किया गया कटाक्ष 50 करोड़ की गर्लफ़्रेंड? का बयान खूब सुर्खियों में रहा था.
  • यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी की हंसी पर मुस्कराते हुए कहा था कि रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज सौभाग्य मिला है.
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर को आतंकवादी बताया था.

ये बयान तो देश के बड़े-बड़े नेताओं की तरफ से दिए गए, जबकि अन्य नेताओं के महिलाओं पर दिए गए विवादित बयानों की तो कोई गिनती ही नहीं की जा सकती. अपने विरोधियों पर निशाना साधने में नेता इतने मगन हो जाते हैं कि उन्हें यह भी ख्याल नहीं रहता कि वे क्या बोल रहे हैं और कैसे बोल रहे हैं. क्या करें, यह बयानबहादुर अपने अल्फाजों पर काबू नहीं रख पाते और महिलाओं को ऐसे निशाना बनाते हैं जैसे वे महिलाओं को कुछ समझते ही नहीं हैं.

ये भी पढ़ेंः कमलनाथ के विवादित बयान पर मचा सियासी बवाल, बीजेपी का प्रदेशभर में मौन धरना

बड़े-बड़े नेताओं की महिलाओं के बारे में इस तरह की बयानबाजी राजनीति को प्रदूषित करती है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि महिलाहितों की बात करने वाले वाले देश के इन माननीय नेताओं की सोच और समझ महिलाओं के प्रति कितनी अच्छी है, आप समझ सकते हैं. जरुरत है कि जनता भी इन नेताओं की कुंठित मानसिकता और गिरती हुई सोच को जान और समझ सके.

भोपाल। भारतीय राजनीति में विवादित बयान देना कोई नयी बात नहीं है. अक्सर देश के बड़े-बड़े नेताओं की जुबान का निशाना महिलाएं बनीं और फिर बवाल मचा. देश के बड़े-बड़े नेताओं को तो इस तरह के बयान देने में जैसे महारत हासिल है. ताजा बवाल मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बयान पर मचा है. कमलनाथ ने एक सभा के दौरान शिवराज सरकार में महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी को 'आइटम' कहा है. कमलनाथ कोई पहले ऐसे कांग्रेसी नेता नहीं हैं, जिन्होंने महिला नेत्रियों पर इस तरह का बयान दिया है. इससे पहले भी नेता मर्यादा तोड़ते हुए विवादित बयान देने से पीछे नहीं हटे. टंचमाल, निर्बला, नाचने वाली, आंतकवादी. जैसे बयान नेताओं की जुबान से निकले हैं, जिन पर खूब बवाल मचा है.

नेताओं के महिला विरोधी बयान

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बसपा सुप्रीमों ने साधा कमलनाथ पर निशाना

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एमपी के पूर्व सीएम कमलनाथ से माफी मांगने की मांग की है. मायावती ने कमलनाथ के बयान को महिलाओं का अपमान बताया है. साथ ही इसे चुनाव से जोड़ जातिगत ध्रुविकरण की ओर मोड़ दिया. वहीं कमलनाथ के बयान के विरोध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मौन उपवास पर बैठे हैं.

आइये आपको सिलसिलेवार बताते हैं कि कैसे-कैसे देश के बड़े-बड़े नेताओं ने महिला नेत्रियों पर विवादित बयान देकर महिला नेताओं की गरिमा को ठेस पहुंचाई, जिससे बाद देश की सियासत में खूब हंगामा खड़ा हुआ.

इन नेताओं ने महिलाओं पर दिए विवादित बयान

  • लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीरंजन चौधरी ने वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को निर्बला कहा था.
  • कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह तो इस मामले में जैसे महारत हासिल रखते हैं, उन्होंने अपनी ही पार्टी की नेत्री मीनाक्षी नटराजन को टंच माल कह दिया था
  • देश के बड़े नेताओं में शुमार शरद यादव ने साउथ की महिलाओं की खूबसूरती का बखान किया था. तो वशुंधरा राजे सिंधिया को मोटा बताया था.
  • बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने महिलाओं को अच्छा श्रृंगार करने की नसीहत दी थी
  • सपा नेता आजम खान ने जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की थी तो रमा देवी पर भी विवादित टिप्पणी की थी.
  • कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को टीवी पर ठुमके लगाने वाली बताया था.
  • हेमा मालिनी के गालों की तरह रोड बनाने की बात लालू यादव से लेकर एमपी के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कही थी.
  • साल 2016 में यूपी के नेता दयाशंकर सिंह ने भी मायावती के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया था. बाद में उन्हे बीजेपी ने पार्टी से निलंबित कर दिया था.
  • 2012 में एक चुनावी रैली में उस वक्त गुजरात के सीएम रहे पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शशि थरूर पर किया गया कटाक्ष 50 करोड़ की गर्लफ़्रेंड? का बयान खूब सुर्खियों में रहा था.
  • यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी की हंसी पर मुस्कराते हुए कहा था कि रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज सौभाग्य मिला है.
  • कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर को आतंकवादी बताया था.

ये बयान तो देश के बड़े-बड़े नेताओं की तरफ से दिए गए, जबकि अन्य नेताओं के महिलाओं पर दिए गए विवादित बयानों की तो कोई गिनती ही नहीं की जा सकती. अपने विरोधियों पर निशाना साधने में नेता इतने मगन हो जाते हैं कि उन्हें यह भी ख्याल नहीं रहता कि वे क्या बोल रहे हैं और कैसे बोल रहे हैं. क्या करें, यह बयानबहादुर अपने अल्फाजों पर काबू नहीं रख पाते और महिलाओं को ऐसे निशाना बनाते हैं जैसे वे महिलाओं को कुछ समझते ही नहीं हैं.

ये भी पढ़ेंः कमलनाथ के विवादित बयान पर मचा सियासी बवाल, बीजेपी का प्रदेशभर में मौन धरना

बड़े-बड़े नेताओं की महिलाओं के बारे में इस तरह की बयानबाजी राजनीति को प्रदूषित करती है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि महिलाहितों की बात करने वाले वाले देश के इन माननीय नेताओं की सोच और समझ महिलाओं के प्रति कितनी अच्छी है, आप समझ सकते हैं. जरुरत है कि जनता भी इन नेताओं की कुंठित मानसिकता और गिरती हुई सोच को जान और समझ सके.

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