भोपाल। प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच आखिरकार दिग्विजय सिंह को कांग्रेस ने राज्यसभा प्रत्याशी घोषित कर दिया. नाम का एलान होने के साथ ही, उन्होंने विधानसभा पहुंचकर अपना नामांकन किया. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह दूसरी बार राज्यसभा के लिए नामिनेट किए गए हैं.
दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश की राजनीति का अहम किरदार हैं. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, प्रदेश में जारी सियासी घमासान के बीच दिग्विजय सिंह ही छाए हुए हैं. दस साल तक चुनाव नहीं लड़ने के बावजूद वे मध्यप्रदेश की राजनीति का बड़ा चेहरा माने जाते हैं. मध्यप्रदेश की छोटी सी नगर पालिका राघौगढ़ के चेयरमैन पद से अपने करियर की शुरुआत करने के बावजूद वे सूबे के सबसे बड़े आसन तक पहुंचे और दस साल तक मुख्यमंत्री के पद पर रहे.
दिग्विजय सिंह का सियासी सफर
- 30 साल की उम्र में दिग्विजय सिंह पहली बार विधायक बने
- महज 33 साल की उम्र में वे अर्जुन सिंह की सरकार में सबसे युवा मंत्री बने
- दो बार राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव जीते
- 1993 में दिग्विजय सिंह पहली बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
- 2003 तक सीएम रहते हुए दिग्गी राजा ने दो कार्यकाल पूरे किये
- 2014 में दिग्विजय सिंह पहली बार राज्यसभा सांसद बने
- दिग्विजय सिंह को फिर से कांग्रेस ने राज्यसभा प्रत्याशी बनाया है
राघौगढ़ की छोटी सी नगर पालिका से सियासी शुरुआत करने वाले दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश में कांग्रेस के आधार स्तभ माने जाते हैं. कभी सियासत को अपनी ऊंगलियों पर नचाने का माद्दा रखने वाले दिग्विजय सिंह के लिए शायद अब परिस्थितियां बदलती जा रही हैं. क्योंकि इस बार दिग्गी राजा पर कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करवाने का जिम्मा भी है.